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नगर पालिका दुगड्डा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप, डीएम ने दिए जांच के आदेश - Corruption in Municipality Dugadda

नगर पालिका दुगड्डा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर डीएम ने जांच के आदेश दे दिये हैं. दुगड्डा निवासी सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश चंद गौड ने नगर पालिका दुगड्डा में जनप्रतिनिधियों व ठेकेदारों पर मिलीभगत का आरोप लगाया था. उन्होंने आरोप लगाया कि बिना स्वामित्व के निर्माण कार्य, टेंडर के बावजूद 2 से 3 गुना अधिक भुगतान कर भ्रष्टाचार व वित्तीय अनियमिताओं की गई हैं.

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नगर पालिका दुगड्डा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप
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Published : Aug 19, 2021, 3:17 PM IST

कोटद्वार: दुगड्डा के सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश चंद गौड़ ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर दुगड्डा नगर पालिका में हो रहे निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार व वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत की थी. शिकायत के बावजूद भी अब तक इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. शिकायतकर्ता ने एक बार फिर से जिलाधिकारी से नगर पालिका हुई वित्तीय अनियमिताओं की जांच की मांग की है. जिस पर जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से उप जिलाधिकारी कोटद्वार को कमेटी गठित कर जांच के निर्देश दिये हैं.

गड्डा निवासी सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश चंद गौड़ ने नगर पालिका दुगड्डा में जनप्रतिनिधियों व ठेकेदारों की मिलीभगत से हो रहे बिना स्वामित्व के निर्माण कार्य, टेंडर के बावजूद 2 से 3 गुना अधिक भुगतान कर भ्रष्टाचार व वित्तीय अनियमिताओं की शिकायत की थी. शिकायतकर्ता गिरीश चंद गौड़ ने कहा मामला एक साल पुराना है, 2 दिसंबर 2020 को दोबारा से इस मामले की शिकायत की गई. जिसमें दुगड्डा नगरपालिका में वित्तीय अनियमितताओं व सरकारी धन का दुरुपयोग के आरोप लगाये गये.

नगर पालिका दुगड्डा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप

इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, सचिव शहरी विकास अनुभाग व कमिश्नर गढ़वाल से की थी, सिर्फ गढ़वाल कमिश्नर ने डीएम पौड़ी को जांच के आदेश दिए थे. जिस पर डीएम पौड़ी ने 13 जनवरी 2021 को एसडीएम कोटद्वार को जांच के लिए निर्देश दिए. जब फिर भी जांच नहीं हुई तो 18 जून को जिलाधिकारी को ईमेल भेजकर मामले को संज्ञान में लाया गया. इसके बाद एसडीएम कोटद्वार ने 19 जून को समिति का गठन कर नायब तहसीलदार को समिति का प्रमुख बनाया. 17 अगस्त तक भी एसडीएम कोटद्वार के द्वारा नगर पालिका दुगड्डा में हो रही वित्तीय अनिमितताओं की जांच नहीं की गई.

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वहीं, नगर पालिका दुगड्डा के अधिशासी अधिकारी हर्षवर्धन सिंह रावत ने कहा कि मामला कुछ नहीं है. नगरपालिका क्षेत्र में बड़ी संख्या में विकास कार्य हो रहे हैं. यह वह लोग हैं जिनको नगर पालिका क्षेत्र में निर्माण कार्य करने की अनुमति नहीं मिल रही है, इसलिए यह लोग बौखला गए हैं. आजकल नगर पालिका क्षेत्र में वही लोग ठेकेदारी का कार्य करें जो अच्छा कार्य करते हैं. नगर पालिका क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यों की जांच की जा रही है. अगर जिलाधिकारी के द्वारा गठित कमेटी जांच करती है तो नगर पालिका दुगड्डा जांच टीम का पूर्ण सहयोग करेगी.

पढ़ें- अफगानिस्तान में फंसे उत्तराखंडियों की मदद करेगी धामी सरकार, ईटीवी भारत से मांगी जानकारी

वहीं, जिलाधिकारी ने बताया कि दुगड्डा नगर पालिका में वित्तीय अनियमितताओं व निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त हुई हैं. इसके लिए पूर्व में गठित कमेटी के द्वारा जांच करवाई जा रही है. जांच रिपोर्ट मिलने पर जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.

कोटद्वार: दुगड्डा के सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश चंद गौड़ ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर दुगड्डा नगर पालिका में हो रहे निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार व वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत की थी. शिकायत के बावजूद भी अब तक इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. शिकायतकर्ता ने एक बार फिर से जिलाधिकारी से नगर पालिका हुई वित्तीय अनियमिताओं की जांच की मांग की है. जिस पर जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से उप जिलाधिकारी कोटद्वार को कमेटी गठित कर जांच के निर्देश दिये हैं.

गड्डा निवासी सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश चंद गौड़ ने नगर पालिका दुगड्डा में जनप्रतिनिधियों व ठेकेदारों की मिलीभगत से हो रहे बिना स्वामित्व के निर्माण कार्य, टेंडर के बावजूद 2 से 3 गुना अधिक भुगतान कर भ्रष्टाचार व वित्तीय अनियमिताओं की शिकायत की थी. शिकायतकर्ता गिरीश चंद गौड़ ने कहा मामला एक साल पुराना है, 2 दिसंबर 2020 को दोबारा से इस मामले की शिकायत की गई. जिसमें दुगड्डा नगरपालिका में वित्तीय अनियमितताओं व सरकारी धन का दुरुपयोग के आरोप लगाये गये.

नगर पालिका दुगड्डा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप

इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, सचिव शहरी विकास अनुभाग व कमिश्नर गढ़वाल से की थी, सिर्फ गढ़वाल कमिश्नर ने डीएम पौड़ी को जांच के आदेश दिए थे. जिस पर डीएम पौड़ी ने 13 जनवरी 2021 को एसडीएम कोटद्वार को जांच के लिए निर्देश दिए. जब फिर भी जांच नहीं हुई तो 18 जून को जिलाधिकारी को ईमेल भेजकर मामले को संज्ञान में लाया गया. इसके बाद एसडीएम कोटद्वार ने 19 जून को समिति का गठन कर नायब तहसीलदार को समिति का प्रमुख बनाया. 17 अगस्त तक भी एसडीएम कोटद्वार के द्वारा नगर पालिका दुगड्डा में हो रही वित्तीय अनिमितताओं की जांच नहीं की गई.

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वहीं, नगर पालिका दुगड्डा के अधिशासी अधिकारी हर्षवर्धन सिंह रावत ने कहा कि मामला कुछ नहीं है. नगरपालिका क्षेत्र में बड़ी संख्या में विकास कार्य हो रहे हैं. यह वह लोग हैं जिनको नगर पालिका क्षेत्र में निर्माण कार्य करने की अनुमति नहीं मिल रही है, इसलिए यह लोग बौखला गए हैं. आजकल नगर पालिका क्षेत्र में वही लोग ठेकेदारी का कार्य करें जो अच्छा कार्य करते हैं. नगर पालिका क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यों की जांच की जा रही है. अगर जिलाधिकारी के द्वारा गठित कमेटी जांच करती है तो नगर पालिका दुगड्डा जांच टीम का पूर्ण सहयोग करेगी.

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वहीं, जिलाधिकारी ने बताया कि दुगड्डा नगर पालिका में वित्तीय अनियमितताओं व निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त हुई हैं. इसके लिए पूर्व में गठित कमेटी के द्वारा जांच करवाई जा रही है. जांच रिपोर्ट मिलने पर जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.

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