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कोटद्वार में ओवरलोडेड वाहन उड़ा रहे ट्रैफिक नियमों की धज्जियां, न प्रशासन का डर न पुलिस का

इन दिनों सुखरो और खोह नदी में चैनलाइज का कार्य किया जा रहा है, लेकिन यहां से निकलने वाले आरबीएम को ले जाने वाले ट्रक और डंपर ओवरलोड होकर निकल रहे हैं. इससे सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है.

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Published : Jun 14, 2019, 9:15 AM IST

Updated : Jun 14, 2019, 1:04 PM IST

कोटद्वार में ओवरलोडेड वाहन उड़ा रहे ट्रैफिक नियमों की धज्जियां

कोटद्वार: इन दिनों सुखरो और खोह नदी में चैनलाइज का कार्य किया जा रहा है, लेकिन यहां से निकलने वाले आरबीएम को ले जाने वाले ट्रक और डंपर ओवरलोड होकर निकल रहे हैं. इससे सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है. यही नहीं इन ओवरलोडेड वाहनों के गुजरने से सड़क पर गड्ढे पड़ने शुरू हो गये हैं. स्थानीय लोग इस मसले पर कई बार शिकायत भी कर चुके हैं. वहीं, पुलिस इसे आरटीओ का काम बताकर पल्ला झाड़ रही है तो परिवहन विभाग लगातार कार्रवाई करने की बात कह रहा है.


कुछ समय पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया था कि जिलों में ओवरलोड पर पूरी तरह रोक लगाई जाए. लेकिन जैसे-जैसे धुमाकोट हादसे को दिन बीतने शुरू हुए, वैसे-वैसे शासन-प्रशासन सब कुछ भूल गया और एक बार फिर ओवरलोड का खेल शुरू हो गया है.

पढ़ेंः पत्रकार पर हाथ उठाने की MLA देशराज ने की निंदा, कहा- बड़े भाई चैंपियन को मांगनी चाहिए माफी


बसों से लेकर ओवरलोडेड ट्रक और डंपर सड़क पर खुलेआम दौड़ रहे हैं. ये ओवरलोडेड वाहन सभी परिवहन विभाग और पुलिस चेक पोस्ट से होकर गुजरते हैं, लेकिन किसी की नजर इस तरफ नहीं पड़ती, यहां यूं कहें कि अनदेखा किया जा रहा है. इसका जीता जागता उदाहरण कोटद्वार में देखने को मिल रहा है. यहां सुखरो और खोह नदी में चल रहे चैनलाइज के कार्य से निकलने वाले आरबीएम को ले जा रहे ट्रक और डंपर रोजाना आवश्यकता से अधिक 40 से 50 टन आरबीएम भरकर सड़क पर दौड़ रहे हैं और हादसों को न्योता दे रहे हैं.

कोटद्वार में ओवरलोडेड वाहन उड़ा रहे ट्रैफिक नियमों की धज्जियां


कितने टन में पास होते है डम्फर-ट्रक, जानिए
6 टायर डम्फर- 12 टन में पास
10 टायर डम्फर- 22 टन में पास
12 टायर डम्फर- 28 टन में पास

पढ़ेंः हरिद्वार मेयर ने कैबिनेट मंत्री पर लगाया भेदभाव का आरोप, शहरी की गंदगी के लिए ठहराया जिम्मेदार


वहीं मामले में स्थानीय लोगों में खासा नाराजगी है. स्थानीय निवासी महेश नेगी का कहना है कि कोटद्वार में खनन माफियाओं के द्वारा खनन का कार्य किया जा रहा है, खनन माफियाओं द्वारा डंपर और ट्रकों में निर्धारित वजन से अधिक वजन भरकर सड़क पर दौड़ाया जा रहा है. लेकिन इस पर प्रशासन और पुलिस किसी का भी ध्यान नहीं है.


इस पूरे मामले में सहायक पुलिस अधीक्षक प्रदीप राय ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि ओवरलोडेड वाहनों पर कार्रवाई का अधिकार एआरटीओ का है, इसके लिए आरटीओ से बात की जाएगी और ओवरलोडेड डंपर और ट्रकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


परिवहन कर अधिकारी शशि दुबे का कहना है कि हम लोग लगातार ओवरलोडेड वाहनों की मॉनिटरिंग करते रहते हैं. समय-समय पर ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई भी करते हैं. आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी.

कोटद्वार: इन दिनों सुखरो और खोह नदी में चैनलाइज का कार्य किया जा रहा है, लेकिन यहां से निकलने वाले आरबीएम को ले जाने वाले ट्रक और डंपर ओवरलोड होकर निकल रहे हैं. इससे सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है. यही नहीं इन ओवरलोडेड वाहनों के गुजरने से सड़क पर गड्ढे पड़ने शुरू हो गये हैं. स्थानीय लोग इस मसले पर कई बार शिकायत भी कर चुके हैं. वहीं, पुलिस इसे आरटीओ का काम बताकर पल्ला झाड़ रही है तो परिवहन विभाग लगातार कार्रवाई करने की बात कह रहा है.


कुछ समय पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया था कि जिलों में ओवरलोड पर पूरी तरह रोक लगाई जाए. लेकिन जैसे-जैसे धुमाकोट हादसे को दिन बीतने शुरू हुए, वैसे-वैसे शासन-प्रशासन सब कुछ भूल गया और एक बार फिर ओवरलोड का खेल शुरू हो गया है.

पढ़ेंः पत्रकार पर हाथ उठाने की MLA देशराज ने की निंदा, कहा- बड़े भाई चैंपियन को मांगनी चाहिए माफी


बसों से लेकर ओवरलोडेड ट्रक और डंपर सड़क पर खुलेआम दौड़ रहे हैं. ये ओवरलोडेड वाहन सभी परिवहन विभाग और पुलिस चेक पोस्ट से होकर गुजरते हैं, लेकिन किसी की नजर इस तरफ नहीं पड़ती, यहां यूं कहें कि अनदेखा किया जा रहा है. इसका जीता जागता उदाहरण कोटद्वार में देखने को मिल रहा है. यहां सुखरो और खोह नदी में चल रहे चैनलाइज के कार्य से निकलने वाले आरबीएम को ले जा रहे ट्रक और डंपर रोजाना आवश्यकता से अधिक 40 से 50 टन आरबीएम भरकर सड़क पर दौड़ रहे हैं और हादसों को न्योता दे रहे हैं.

कोटद्वार में ओवरलोडेड वाहन उड़ा रहे ट्रैफिक नियमों की धज्जियां


कितने टन में पास होते है डम्फर-ट्रक, जानिए
6 टायर डम्फर- 12 टन में पास
10 टायर डम्फर- 22 टन में पास
12 टायर डम्फर- 28 टन में पास

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वहीं मामले में स्थानीय लोगों में खासा नाराजगी है. स्थानीय निवासी महेश नेगी का कहना है कि कोटद्वार में खनन माफियाओं के द्वारा खनन का कार्य किया जा रहा है, खनन माफियाओं द्वारा डंपर और ट्रकों में निर्धारित वजन से अधिक वजन भरकर सड़क पर दौड़ाया जा रहा है. लेकिन इस पर प्रशासन और पुलिस किसी का भी ध्यान नहीं है.


इस पूरे मामले में सहायक पुलिस अधीक्षक प्रदीप राय ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि ओवरलोडेड वाहनों पर कार्रवाई का अधिकार एआरटीओ का है, इसके लिए आरटीओ से बात की जाएगी और ओवरलोडेड डंपर और ट्रकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


परिवहन कर अधिकारी शशि दुबे का कहना है कि हम लोग लगातार ओवरलोडेड वाहनों की मॉनिटरिंग करते रहते हैं. समय-समय पर ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई भी करते हैं. आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी.

Intro:एंकर- कोटद्वार में सुखरो और खोह नदी में रिवर ट्रेनिंग नीति2016 के अनुसार दोनों नदियों को चैनलाइज का कार्य किया जा रहा है लेकिन प्रशासन की मिलीभगत है कारण चैनेलाइज से निकलने वाले आरबीएम को ले जाने वाले ट्रक और डंपर ओवरलोड कर सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं कई बार स्थानीय लोगों ने ओवरलोड की शिकायत स्थानीय प्रशासन से की लेकिन स्थानीय प्रशासन ने लोगों की नही सुनी, ओवरलोड ट्रक और डंपर से सड़क पुल को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है जिन सड़कों पर यह ओवरलोड डंपर दौड़ रहे हैं उन सडको पर गढ़े पड़ने सुरु हो गये है।


Body:वीओ1- धुमाकोट बस हादसे के बाद से नींद से जागा प्रशासन और सरकार तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया था कि जिलों में ओवरलोड पर पूरी तरह रोक लगाई जाए लेकिन जैसे जैसे हादसे को हुए दिन बीते वैसे-वैसे शासन-प्रशासन सब कुछ भूल गया और फिर से एक बार प्रदेश के कई जिलों में ओवरलोड का खेल शुरू कर दिया गया, बसों से लेकर ट्रक डंपर ओवरलोड सड़कों पर खुलेआम दौड़ रहे हैं यह डंपर ट्रक और बसें सभी परिवहन विभाग के चेक पोस्ट पुलिस चेक पोस्ट से होकर गुजरते हैं लेकिन किसी की नजर इस तरफ नहीं पड़ती, इसका जीता जागता उदाहरण कोटद्वार में सुखरो और खोह नदी में चल रहे चैनलाइज के कार्य से निकलने वाले आरबीएम को ले जा रहे ट्रक और डंपर है जो रोजाना आवश्यकता से अधिक 40 से 50 टन आरबीएम भरकर सड़कों पर दौड़ रहे हैं, और हादसों को न्योता दे रहे हैं,

कितने टन में पास होते है डम्फर ट्रक

6 टायर डम्फर 12 टन में पास होता है
10 टायर डम्फर 22 टन में पास होता है
12 टायर डम्फर 28 टन में पास होता है

वीओ2- स्थानीय निवासी महेश नेगी का कहना है कि कोटद्वार में खनन माफियाओं के द्वारा खनन का कार्य किया जा रहा है उसमें जो बड़े बड़े व्यापारी हैं जो बड़े खनन माफिया हैं उनके द्वारा डंपर और ट्रकों में निर्धारित वजन से अधिक दोगुना वजन भरकर ट्रक और डंपर को सड़क पर दौड़ाया जा रहे हैं, जो जांच अधिकारी है स्थानीय पुलिस प्रशासन परिवहन विभाग के अधिकारी है वह इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं उनके द्वारा डंपर और ट्रकों में रवाने चेक नहीं के जा रहे हैं कि कितने टन का रवाना कटा हुआ है और कितना टन माल बॉर्डर से बाहर जा रहा है स्थानीय प्रशासन इन ओवरलोड डंपर के खिलाफ किसी प्रकार की कानूनी कार्यवाही नहीं कर रहे इन बातों से लगता है कि जो खनन कारोबारी है वह शासन प्रशासन के सहयोग से अपने अवैध कारोबार और ओवरलोड का खेल कोटद्वार में खेल रहे हैं।

बाइट महेश नेगी



Conclusion:वीओ3-वहीं पूरे मामले पर सहायक पुलिस अधीक्षक प्रदीप राय ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि जहां तक ओवरलोड का सवाल है प्रथम दृष्टया ओवरलोड पर जो कार्यवाही का अधिकार है वह एआरटीओ का होता है इसके लिए आरटीओ से बात की जाएगी और ओवरलोड डंपर और ट्रकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी इसे दिखाया जाएगा
बाइट -प्रदीप रॉय एएसपी कोटद्वार

वीओ4- वही परिवहन कर अधिकारी शशि दुबे का कहना है कि हम लोग लगातार ऐसे वाहनों की मॉनिटरिंग करते रहते हैं समय-समय पर इन ओवरलोड डंपर और ट्रकों के खिलाफ कार्यवाही भी करते हैं जो डंपर और ट्रक ओवरलोड हमें सड़कों पर मिलते हैं हम उनके चालान भी करते हैं और सीज भी करते आगे भी इस तरह की कार्यवाही लगातार की जाएगी।

बाइट- शशि दुबे परिवहन कर अधिकारी
Last Updated : Jun 14, 2019, 1:04 PM IST
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