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पुराने हॉस्पिटल की ऐतिहासिक बिल्डिंग बनी जानवरों का तबेला, अहाते में शराबी छलका रहे जाम

श्रीनगर की पुराने संयुक्त अस्पताल की बिल्डिंग जिसका कभी ऐतिहासितक महत्व था आज वो तबेले में बदल गई है. संयुक्त अस्पताल की बिल्डिंग में शराबियों का जमावड़ा भी लग रहा है. मनचलों का भी ये बिल्डिंग अड्डा बन गई है.

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पुराने हॉस्पिटल की ऐतिहासिक बिल्डिंग बनी जानवरों का तबेला
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Published : Sep 9, 2022, 4:50 PM IST

Updated : Sep 9, 2022, 6:01 PM IST

श्रीनगर: संयुक्त अस्पताल के पुराने भवनों को हेरिटेज बनाने की बात हो रही थी वहां आज जानवरों के झुंड देखने को मिल रहे हैं. इसके साथ ही यहां शाम के समय शराबियों का भी खूब जमावड़ा लग रहा है. मनचले भी संयुक्त अस्पताल के पुराने भवनों में अपना टाइम पास कर रहे हैं. इतना सब होने के बाद भी प्रशासन को इसकी कोई खबर नहीं है. संयुक्त अस्पताल के कर्मचारियों ने इस मामले की शिकायत अस्पताल प्रबंधन से की, मगर अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.

दरअसल, इस पुराने संयुक्त अस्पताल का निर्माण अंग्रेजों ने करवाया था. शुरुआत में इसे अंग्रेजों ने एक डिस्पेंसरी के रूप में स्थापित किया था. आजादी के बाद इसे अस्पताल का रूप दे दिया गया. कई दशकों तक श्रीनगर और उसके आसपास के क्षेत्रों के लोग यहां इलाज के लिए पहुंचते रहे. जिसके बाद अभी कुछ समय पहले ही अस्पताल की नई बिल्डिंग का निर्माण हुआ. जिसके बाद अस्पताल को नये भवन में शिफ्ट कर दिया गया. अस्पताल शिफ्ट होने के बाद पुराने अस्पताल को हेरिटेज बनाने की बात कही गई.

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साल भर बीत जाने के बाद भी पुराने अस्पताल को हेरिटेज बनाने को लेकर कोई खास काम होता नहीं दिखाई दे रहा है. न ही पुराने अस्पताने के भवनों की देखभाल की जा रही है. आज यहां आवारा जानवरों का जमावड़ा लगा हुआ दिखाई देता है. सूअर, गाय, भैंस यहां जहां-तहां पसरे दिखाई देते हैं. शाम के समय पुराने अस्पताल के भवनों के बाहर बैठकर शराबी जाम छलकाते दिखाई देते हैं. इतना ही नहीं मनचलों के लिए भी पुरानी अस्पताल बिल्डिंग आरामगाह साबित हो रही है. असामाजिक तत्व भी यहां अक्सर समय काटते दिखते हैं. जिसके कारण अस्पताल में काम करने वाले कर्मियों को बड़ी दिक्कतें हो रही हैं. उन्होंने कई बार इस बारे में अस्पताल प्रबंधन से शिकायत की, मगर आजतक नतीजा सिफर ही निकला.
पढ़ें- कोटद्वार में उग्र हुआ सफाईकर्मियों का प्रदर्शन, आयुक्त के कार्यालय और महापौर के घर में फेंका कूड़ा

इस बारे में अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन लोकेश सलूजा ने कहा कि पुराने अस्पताल के बगल में ही कर्मियों के रेजिडेंट क्वार्टर हैं. तमाम अनियमितताओं के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही उन्होंने कहा कि पुराने अस्पताल की ऐतिहासिक बिल्डिंग की हालत भी कुछ खास नहीं रह गई है. इसकी हालत भी दिनों-दिन खराब होती जा रही है. पूरे मामले में अस्पताल के सीएमएस डॉ गोविंद पुजारी ने बताया कि इस सम्बंध में वहां अतिरिक्त गार्डों की तैनाती की जा रही है. उन्होंने बताया कि पुराने अस्पताल को हेरिटेज बनाने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है. वहां डॉक्टरों के रहने के लिए भवनों का निर्माण किया जाना था. जिसको लेकर विभाग में पत्रावलियों को भेजा गया है.

श्रीनगर: संयुक्त अस्पताल के पुराने भवनों को हेरिटेज बनाने की बात हो रही थी वहां आज जानवरों के झुंड देखने को मिल रहे हैं. इसके साथ ही यहां शाम के समय शराबियों का भी खूब जमावड़ा लग रहा है. मनचले भी संयुक्त अस्पताल के पुराने भवनों में अपना टाइम पास कर रहे हैं. इतना सब होने के बाद भी प्रशासन को इसकी कोई खबर नहीं है. संयुक्त अस्पताल के कर्मचारियों ने इस मामले की शिकायत अस्पताल प्रबंधन से की, मगर अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.

दरअसल, इस पुराने संयुक्त अस्पताल का निर्माण अंग्रेजों ने करवाया था. शुरुआत में इसे अंग्रेजों ने एक डिस्पेंसरी के रूप में स्थापित किया था. आजादी के बाद इसे अस्पताल का रूप दे दिया गया. कई दशकों तक श्रीनगर और उसके आसपास के क्षेत्रों के लोग यहां इलाज के लिए पहुंचते रहे. जिसके बाद अभी कुछ समय पहले ही अस्पताल की नई बिल्डिंग का निर्माण हुआ. जिसके बाद अस्पताल को नये भवन में शिफ्ट कर दिया गया. अस्पताल शिफ्ट होने के बाद पुराने अस्पताल को हेरिटेज बनाने की बात कही गई.

पुराने हॉस्पिटल की ऐतिहासिक बिल्डिंग बनी जानवरों का तबेला
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साल भर बीत जाने के बाद भी पुराने अस्पताल को हेरिटेज बनाने को लेकर कोई खास काम होता नहीं दिखाई दे रहा है. न ही पुराने अस्पताने के भवनों की देखभाल की जा रही है. आज यहां आवारा जानवरों का जमावड़ा लगा हुआ दिखाई देता है. सूअर, गाय, भैंस यहां जहां-तहां पसरे दिखाई देते हैं. शाम के समय पुराने अस्पताल के भवनों के बाहर बैठकर शराबी जाम छलकाते दिखाई देते हैं. इतना ही नहीं मनचलों के लिए भी पुरानी अस्पताल बिल्डिंग आरामगाह साबित हो रही है. असामाजिक तत्व भी यहां अक्सर समय काटते दिखते हैं. जिसके कारण अस्पताल में काम करने वाले कर्मियों को बड़ी दिक्कतें हो रही हैं. उन्होंने कई बार इस बारे में अस्पताल प्रबंधन से शिकायत की, मगर आजतक नतीजा सिफर ही निकला.
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इस बारे में अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन लोकेश सलूजा ने कहा कि पुराने अस्पताल के बगल में ही कर्मियों के रेजिडेंट क्वार्टर हैं. तमाम अनियमितताओं के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही उन्होंने कहा कि पुराने अस्पताल की ऐतिहासिक बिल्डिंग की हालत भी कुछ खास नहीं रह गई है. इसकी हालत भी दिनों-दिन खराब होती जा रही है. पूरे मामले में अस्पताल के सीएमएस डॉ गोविंद पुजारी ने बताया कि इस सम्बंध में वहां अतिरिक्त गार्डों की तैनाती की जा रही है. उन्होंने बताया कि पुराने अस्पताल को हेरिटेज बनाने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है. वहां डॉक्टरों के रहने के लिए भवनों का निर्माण किया जाना था. जिसको लेकर विभाग में पत्रावलियों को भेजा गया है.

Last Updated : Sep 9, 2022, 6:01 PM IST
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