देहरादून/श्रीनगर/चमोलीः चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस अब भारत में भी अपने पैर पसार रहा है. भारत में धीरे-धीरे कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है. अभी तक कुल 81 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. जबकि, कर्नाटक के कलबुर्गी में 76 साल के एक व्यक्ति की कोरोना वायरस से मौत हो गई है. वहीं, कोरोना को लेकर उत्तराखंड में भी स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से अलर्ट पर है. सभी अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं.
देहरादून
कोरोना वायरस के बढ़ते सक्रमण के चलते उत्तराखंड में सतर्कता बरती जा रही है. स्वास्थ्य विभाग ने करीब डेढ़ महीने पहले से ही कोरोना वायरस के बचाव के लिए एयरपोर्ट पर बाहर से आने वाले यात्रियों की स्कैनिंग की जा रही थी, लेकिन अब कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से एक शहर से दूसरे शहर में संक्रमण फैलने का खतरा पैदा होता जा रहा है. जिसे देखते हुए देहरादून सीएमओ मीनाक्षी जोशी ने बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों की जांच के लिए डॉक्टरों की टीम लगाने के निर्देश दिए हैं. जिससे संक्रमण ना फैलें.
श्रीनगर
कोरेना को लेकर जहां प्रदेश के सारे सरकारी, गैर सरकारी विद्यालयों को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं. वहीं, आज आदेश ना पहुंचने से श्रीनगर के ज्यादातर स्कूल खुले रहे. जबकि, सभी में आदेश को लेकर उहापोह की स्थिति बनी रही. गढ़वाल के सबसे बड़े अस्पताल और एक मात्र मेडिकल कॉलेज में कोरेना के टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं. हालांकि, अभी तक कोरेना का कोई भी संदिग्ध मरीज सामने नहीं आया है.
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बेस अस्पताल में 10 बेड का अलग से कोरेना वार्ड बनाया है. साथ ही अस्पताल प्रशासन अतिरिक्त 50 बेड का एक ओर कोरेना वार्ड बनाने जा रहा है. मरीजों की देख रेख के लिए 300 N 95 मास्क रखे गए है. जबकि, 500 थ्री ईयर मास्कों का भी बंदोबस्त किया गया है. बेस अस्पताल के डॉक्टर एमएस केपी सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस को डिटेक्ट करने की किट मेडिकल कॉलेज के पास नहीं है. सैंपल को हल्द्वानी लैब भेजा जाएगा. उनके मुताबिक कॉलेज के पास 15 पीपी किट, 30 कैप्सूल, 10 सिरप बोटल ही आपातकाल के लिए मौजूद है.
चमोली
चमोली में भी कोरोना वायरस को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी को सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं. जिला प्रशासन की मानें तो उनकी ओर से पूरी व्यवस्था की जा चुकी है. जिले के सभी अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं और लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. साथ ही उन्हें पैंम्पलेट के जरिए सावधानियां बरतने को कहा जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग की मानें तो कोरोना वायरस से बचने के लिए सावधानी ही एकमात्र विकल्प है.
क्या बरतें सावधानी-
- नॉनवेज और नशे से परहेज करें.
- किसी से भी हाथ मिलाने, गले लगने या अन्य तरह के संपर्क से बचें.
- बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवा न लें.
- अनावश्यक यात्रा से परहेज करें.
- चीन की तरफ से आने वाले किसी भी तरह के पैकड फूड को खाने से बचें.
- अत्यधिक तरल पदार्थों का सेवन न करें.
- खांसते, छींकते समय नाक मुंह रूमाल से ढक लें.
- खाने से पहले हाथ अच्छी तरह साबुन से धो लें.
क्या हैं लक्षण
कोरोना वायरस के मरीजों में आमतौर पर जुखाम, खांसी, गले में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, बुखार जैसे शुरुआती लक्षण देखे जाते हैं. इसके बाद ये लक्षण निमोनिया में बदल जाते हैं और किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं. इसमें फेफड़े में गंभीर किस्म का संक्रमण होता है. मरीज को वेंटिलेटर पर रखना पड़ता है.
नहीं है वैक्सीन
अभी तक इस वायरस से निजात पाने के लिए कोई वैक्सीन नहीं बनी है, लेकिन इसके लक्षणों के आधार पर चिकित्सक इसके इलाज में दूसरी जरूरी दवाओं का उपयोग कर रहे हैं. साथ ही साथ इसकी वैक्सीन तैयार करने पर भी काम चल रहा है.