पौड़ीः उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने में कुछ ही दिन बाकी है. जिसके लिए प्रत्याशियों ने कमर कस ली हैं, लेकिन पौड़ी में 21 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जहां पर चुनाव के लिए योग्य प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं. इन ग्राम पंचायतों में चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से सीटें आरक्षित कर दी गई थीं, लेकिन इन पंचायतों में ग्राम प्रधान की सीटों के लिए आरक्षित प्रत्याशी मौजूद ही नहीं हैं. जिससे एक भी नामांकन नहीं हुए हैं. ऐसे में आगामी निर्देश तक जिले के 21 ग्रांम पंचायतें बिना प्रधान के ही रहेंगे.
बता दें कि, पंचायत चुनाव में पौड़ी जिले की करीब 21 ऐसी सीटें हैं, जहां पर पंचायत चुनाव के लिए पद आरक्षित और ओबीसी निर्धारित की गई है, लेकिन इन सीटों पर आरक्षित और ओबीसी प्रत्याशी नहीं मिल पाए. जिस कारण इन सीटों पर कोई भी आवेदन नहीं मिला है. वहीं, स्थानीय लोग पलायन और आयोग की खामियां का हवाला दे रहे हैं.
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ग्रामीणों का कहना है कि साल 2011 में हुई जनगणना के अनुसार ही सीटों को आरक्षित किया गया है. जबकि, लगातार पहाड़ी क्षेत्रों से हो रहे पलायन और गांव के गांव खाली होने के चलते अब स्थिति काफी बदल गई है. उनका कहना है कि जहां 2011 में 100 परिवार निवास करते थे. आज स्थिति ऐसी है कि मात्र 15 से 20 परिवार ही उस गांव में रहने लगे हैं. ऐसे में आरक्षण का बदलना भी स्वाभाविक है.
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वहीं, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि जिले में करीब 21 सीटों पर ग्राम प्रधान के लिए आवेदन नहीं आए. पंचायत चुनाव के परिणाम आने के बाद इसकी जानकारी आयोग को भेज जाएगी. ऐसे में आयोग की ओर से निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. जिसके बाद इन सीटों पर दोबारा चुनाव कराए जा सकते हैं.