श्रीनगर: राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के बेस हॉस्पिटल पर न सिर्फ पौड़ी बल्कि चमोली और रुद्रप्रयाग जिले की जनता भी निर्भर करती है. बेस हॉस्पिटल श्रीनगर में इलाज कराने आने वाले मरीजों के तीमारदारों को बेहतर सुविधा मिल सके, इसके लिए सरकार ने 20 लाख रुपए की लागत से साल 2022 में रैन बसेरे का निर्माण कराया था. आपको जानकर ताज्जुब होगा कि पिछले एक साल से रैन बसेरे पर ताला लटका हुआ है.
पहाड़ के दुर्गम क्षेत्रों से बड़ी संख्या में मरीज राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के बेस हॉस्पिटल में अपना इलाज कराने आते हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों को करना पड़ता है. होटल या धर्मशाला में रुकने पर उन्हें काफी पैसा खर्च करना पड़ता है. वहीं कई परेशानी अलग से उठानी पड़ती है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने साल 2022 में पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग रैन बसेरे का उद्घाटन किया था. लेकिन उद्घाटन के एक साल बाद भी इस रैन बसेरे पर ताला लटका हुआ है.
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रैन बसेरे के बंद होने की वजह से मरीजों के तीमारदारों को आसपास के होटलों में रुकना पड़ा रहा है, जिसकी कारण उनके इलाज का खर्च बढ़ जा रहा है. श्रीनगर के ही रहने वाले त्रिभुवन राणा का कहना है कि बेस हॉस्पिटल श्रीनगर में लोग दूर-दूर से लोग इलाज कराने आते हैं, लेकिन उन्हें सुविधा के नाम पर कुछ नहीं मिलता है. रैन बसेरों में ताले लगना दुर्भाग्य की बात है. अगर ये खुले हुए होते तो मरीजों के तीमारदारों को महंगे होटलों में नहीं रुकना पड़ता.
वहीं, बेस अस्पताल श्रीकोट के डॉक्टर अजय विक्रम का कहना है कि किन्हीं कारणों से रैन बसेरे को बंद करना पड़ा था. अब एक सप्ताह के अंदर रैन बसेरे को खोल दिया जाएगा.