श्रीनगरः सिरोबगड़ में बादल फटने की घटना के बाद लापता हुए युवकों की खोजबीन के लिए सर्च अभियान जारी है. एसडीआरएफ की टीम 18 किलोमीटर के दायरे में सर्च ऑपरेशन चला रही है, लेकिन अभी तक लापता युवकों का कुछ पता नहीं चल पाया है. हालांकि, उनकी पहचान हो गई है. दोनों सगे भाई थे.
गौर हो कि बीती 9 जून को सिरोबगड़ में कलियासौड के पास रात होने कारण वाहन सड़क किनारे खडे थे. तभी देर रात बादल फट गया. जिससे बदरीनाथ हाईवे पर भूस्खलन हो गया और तीन वाहन मलबे में दब गए. जहां एक ट्रक से चालक व परिचालक तो सकुशल बच गए, लेकिन एक डीजल टैंकर वाहन नदी में समा गया था. हादसे के समय टैंकर में ड्राइवर समेत दो लोग मौजूद थे. जो अलकनंदा नदी में लापता हो गए. घटना के बाद ही खोजबीन जारी है.
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युवकों की हुई पहचानः शुक्रवार देर शाम से शुरू हुआ सर्च ऑपरेशन शनिवार को भी जारी रहा. इस दौरान एसडीआरएफ की टीम ने 18 किलोमीटर तक के दायरे में सर्च अभियान चलाया. अभी टीम श्रीनगर जलविद्युत परियोजना की झील में सर्च ऑपरेशन चला रही है, लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा है. फिलहाल, दोनों लापता युवकों की आइडेंटिटी का पता चल गया है. दोनों लापता सगे भाई थे. जो उतर प्रदेश के बिजनौर जिला के नगीना के रहने वाले थे.
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बताया जा रहा है कि घटना की रात बिजनौर के रहने वाले सोनू (24 वर्ष) और टीकम (34 वर्ष) डीजल का टैंकर लेकर रुद्रप्रयाग जा रहे थे. तभी आसमानी तबाही की चपेट में आ गए. जिसमें दोनों सगे भाई डीजल के टैंकर के साथ नदी में समा गए गए. जो अभी तक लापता हैं. राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) के श्रीनगर इंचार्ज दीपक मेहता ने बताया कि दूसरे दिन भी सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन दोनों का कुछ पता नहीं चल सका है. एसडीआरएफ की टीम 18 किलोमीटर के नदी के दायरे में सर्च ऑपरेशन चला रही है.