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कोटद्वारः आदमखोर गुलदार को अजहर खान ने किया ढेर, लोगों ने ली राहत की सांस

देवकुंडई गांव में 9 साल के बच्चे को निवाला बनाने वाले आदमखोर गुलदार को शिकारी अजहर खान ने देर शाम ढेर कर दिया.

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आदमखोर गुलदा
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Published : Dec 27, 2019, 8:09 AM IST

Updated : Dec 27, 2019, 8:48 AM IST

कोटद्वारः पौड़ी जिले में पिछले कुछ समय से आतंक का पर्याय बने आदमखोर गुलदार को मार दिया गया है. इससे ग्रामीणों ने अब राहत की सांस ली है. बीते माह आदमखोर गुलदार ने बीरोंखाल ब्लॉक के देवकुंडई गांव में 9 साल के बच्चे को निवाला बनाया था. आदमखोर गुलदार को शिकारी अजहर खान ने देर शाम ढेर किया.

गुलदार के मारे जाने की खबर से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली, तो वहीं गुलदार के मारे जाने से ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चाएं भी बनी हुईं हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वाकई वहीं गुलदार था या कोई और गुलदार मारा गया. आदमखोर गुलदार के चलते पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ था.

वन विभाग की टीम ने गुलदार के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने की तैयारी शुरू कर दी है. बीरोंखाल ब्लॉक के देवकुंडई गांव में गत 8 अगस्त को अपनी गौशाला के पास खेल रहा एक 9 वर्षीय पर हमला कर दिया था.

घटना के दौरान बच्चा अपनी मां के साथ गौशाला में गया हुआ था. बच्चे की मां दूध दुह रही थी, जबकि बच्चा कुछ ही दूर पर खेल रहा था. तभी घात लगाए बैठे गुलदार ने 9 वर्षीय अनिकेत पर हमला कर दिया. बच्चे की चीख-पुकार सुनकर मां ज्योति देवी ने गौशाला से बाहर की ओर भागी. मां के चिल्लाने की आवाज सुनकर गुलदार तो भाग गया, लेकिन तब तक मासूम ने दम तोड़ दिया.

यह भी पढ़ेंः ऋषिकेश में गुलदार की दहशत, सालों से बंद पड़ी एक सुनसान फैक्ट्री बनी वजह

इस घटना के बाद वन विभाग ने गुलदार को अगले दिन ही आदमखोर घोषित कर उसे मारने के लिए शिकारी अजहर खान और जाय हुकिल को तैनात कर दिया था. लगभग 18 दिन के बाद आदमखोर गुलदार को देर शाम 7 बजे के करीब शिकारी अजहर खान ने ढेर कर दिया.

कोटद्वारः पौड़ी जिले में पिछले कुछ समय से आतंक का पर्याय बने आदमखोर गुलदार को मार दिया गया है. इससे ग्रामीणों ने अब राहत की सांस ली है. बीते माह आदमखोर गुलदार ने बीरोंखाल ब्लॉक के देवकुंडई गांव में 9 साल के बच्चे को निवाला बनाया था. आदमखोर गुलदार को शिकारी अजहर खान ने देर शाम ढेर किया.

गुलदार के मारे जाने की खबर से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली, तो वहीं गुलदार के मारे जाने से ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चाएं भी बनी हुईं हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वाकई वहीं गुलदार था या कोई और गुलदार मारा गया. आदमखोर गुलदार के चलते पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ था.

वन विभाग की टीम ने गुलदार के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने की तैयारी शुरू कर दी है. बीरोंखाल ब्लॉक के देवकुंडई गांव में गत 8 अगस्त को अपनी गौशाला के पास खेल रहा एक 9 वर्षीय पर हमला कर दिया था.

घटना के दौरान बच्चा अपनी मां के साथ गौशाला में गया हुआ था. बच्चे की मां दूध दुह रही थी, जबकि बच्चा कुछ ही दूर पर खेल रहा था. तभी घात लगाए बैठे गुलदार ने 9 वर्षीय अनिकेत पर हमला कर दिया. बच्चे की चीख-पुकार सुनकर मां ज्योति देवी ने गौशाला से बाहर की ओर भागी. मां के चिल्लाने की आवाज सुनकर गुलदार तो भाग गया, लेकिन तब तक मासूम ने दम तोड़ दिया.

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इस घटना के बाद वन विभाग ने गुलदार को अगले दिन ही आदमखोर घोषित कर उसे मारने के लिए शिकारी अजहर खान और जाय हुकिल को तैनात कर दिया था. लगभग 18 दिन के बाद आदमखोर गुलदार को देर शाम 7 बजे के करीब शिकारी अजहर खान ने ढेर कर दिया.

Intro:summary पौड़ी जिले के बीरोंखाल ब्लॉक के देवकुंडई गांव में 9 साल के बच्चे को निवाला बनाने वाले आदमखोर गुलदार को शिकारी अजहर खान ने देर सांय 7 बजे के लगभग ढेर कर दिया, गुलदार के मारे जाने की खबर से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली, तो वही गुलदार के मारे जाने से ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चाएं भी बनी हुई है ग्रामीणों का कहना है कि वाकई वही गुलदार था या कोई और गुलदार मार गया। वन विभाग की टीम ने गुलदार के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने की तैयारी शुरू कर दी। intro kotdwar बीरोंखाल ब्लॉक के देवकुंडई गांव में गत 8 अगस्त देर शाम को 6:00 बजे लगभग अपने गौशाला के पास बाहर खेल रहा एक 9 वर्षीय मासूम को गुलदार ने हमला कर दिया, घटना के दौरान बच्चा अपनी मां के साथ गौशाला में गया हुआ था, बच्चे की मां दूध दूह रही थी, जबकि बच्चा कुछ ही दूर पर खेल रहा था, तभी घात लगाए बैठे गुलदान ने 9 वर्षीय अनिकेत पर हमला कर दिया, बच्चे की चीख-पुकार सुनकर मां ज्योति देवी ने गौशाला से बाहर की ओर भागी उनके चिल्लाने की आवाज सुनकर गुलदार तो भाग गया, लेकिन तब तक मासूम ने दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद वन विभाग ने गुलदार को अगले दिन ही आदमखोर घोषित कर उसे मारने के लिए शिकारी अजर खान और जाय हुकिल को तैनात कर दिया था, लगभग 18 दिन के बाद आदमखोर गुलदार शिकारियों से बचते बचते आखिर देर सांय 7 बजे के लगभग शिकारी अजर खान की बंदूक का शिकार हो गया।


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Last Updated : Dec 27, 2019, 8:48 AM IST
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