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गजबः पौड़ी के राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में प्रयोगशाला सहायक के भरोसे चल रही छात्राओं की पढ़ाई - girls studies affect

पौड़ी के राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में लंबे समय से महिला शिक्षकों की भारी कमी चल रही है. इसके चलते विद्यालय प्रशासन ने बिना शैक्षिक योग्यता देखे प्रयोगशाला सहायक के पद पर नियुक्त हुई शिक्षिका को ही पांच कक्षाओं को पढ़ाने का कार्य सौंप दिया है.

राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में प्रयोगशाला सहायक पर पड़ रहा दोहरा भार.
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Published : Jul 31, 2019, 6:38 PM IST

पौड़ी: जिले का राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में लंबे समय से महिला शिक्षक का अभाव चल रहा है. जिसका असर छात्राओं के परीक्षा परिणाम पर भी पड़ रहा है. वहीं विद्यालय में प्रयोगशाला सहायक के पद पर तैनात शिक्षिका को अतिरिक्त कार्य देकर छात्राओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है. जबकि शिक्षिका की नियुक्ति प्रयोगशाला सहायक के पद पर हुई है.

राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में प्रयोगशाला सहायक पर पड़ रहा दोहरा भार.

दरअसल, राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में शिक्षिकाओं की भारी कमी के चलते प्रयोगशाला सहायक पद की शिक्षिका की बिना शैक्षिक योग्यता को देखे कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंप दी. विद्यालय में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए प्रयोगशाला सहायक के भरोसे ही विद्यालय की अधिकतर कक्षाओं के पठन-पाठन की प्रक्रिया चल रही है.

यह भी पढ़ें: उत्तराखंडः हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, 4 साल के बीएड पाठ्यक्रम की इजाजत नहीं

वहीं विद्यालय की ओर से शिक्षिका से पांच-पांच कक्षाओं को भी पढ़वाया जा रहा है. विद्यालय में प्रयोगशाला सहायक के पद पर कार्यरत पूजा भंडारी ने बताया कि उन्हें दस हजार रुपये के वेतन में प्रयोगशाला सहायक के पद पर रखा गया है. जबकि विद्यालय के प्रधानाचार्य के आदेश के बाद वह विद्यालय में पांच विषय पढ़ाती हैं. इस मामले में अपर निदेशक माध्यमिक महावीर सिंह बिष्ट ने कहा कि जिस शिक्षिका को प्रयोगशाला सहायक के पद पर रखा गया है, उसका पांच विषय पढ़ाना एक जांच का विषय है. शिक्षिका मात्र प्रयोगशाला सहायक है और छात्राओं को लैब के परीक्षण संबंधी जानकारी देने के लिए रखा गया है.

पौड़ी: जिले का राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में लंबे समय से महिला शिक्षक का अभाव चल रहा है. जिसका असर छात्राओं के परीक्षा परिणाम पर भी पड़ रहा है. वहीं विद्यालय में प्रयोगशाला सहायक के पद पर तैनात शिक्षिका को अतिरिक्त कार्य देकर छात्राओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है. जबकि शिक्षिका की नियुक्ति प्रयोगशाला सहायक के पद पर हुई है.

राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में प्रयोगशाला सहायक पर पड़ रहा दोहरा भार.

दरअसल, राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में शिक्षिकाओं की भारी कमी के चलते प्रयोगशाला सहायक पद की शिक्षिका की बिना शैक्षिक योग्यता को देखे कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंप दी. विद्यालय में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए प्रयोगशाला सहायक के भरोसे ही विद्यालय की अधिकतर कक्षाओं के पठन-पाठन की प्रक्रिया चल रही है.

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वहीं विद्यालय की ओर से शिक्षिका से पांच-पांच कक्षाओं को भी पढ़वाया जा रहा है. विद्यालय में प्रयोगशाला सहायक के पद पर कार्यरत पूजा भंडारी ने बताया कि उन्हें दस हजार रुपये के वेतन में प्रयोगशाला सहायक के पद पर रखा गया है. जबकि विद्यालय के प्रधानाचार्य के आदेश के बाद वह विद्यालय में पांच विषय पढ़ाती हैं. इस मामले में अपर निदेशक माध्यमिक महावीर सिंह बिष्ट ने कहा कि जिस शिक्षिका को प्रयोगशाला सहायक के पद पर रखा गया है, उसका पांच विषय पढ़ाना एक जांच का विषय है. शिक्षिका मात्र प्रयोगशाला सहायक है और छात्राओं को लैब के परीक्षण संबंधी जानकारी देने के लिए रखा गया है.

Intro:राजकीय कन्या इंटर कॉलेज पौड़ी में लंबे समय से शिक्षिकाओं की कमी चल रही है इसका सीधा असर छात्राओं के परीक्षा परिणाम पर पड़ रहा है। वहीं विद्यालय में प्रयोगशाला सहायक के पद पर तैनात शिक्षिका को अतिरिक्त कार्य देकर छात्राओं की पठन-पाठन की जिम्मेदारी दी गई है जबकि शिक्षिका की नियुक्ति अतिथि शिक्षक के रूप में प्रयोगशाला सहायक के पद पर हुई है। शिक्षिका की शैक्षिक योग्यता को नजरअंदाज कर छात्राओं के पठन-पाठन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।


Body:विद्यालय में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए प्रयोगशाला सहायकके भरोसे ही विद्यालय की अधिकतर कक्षाओं के पठन-पाठन की प्रक्रिया चलाई जा रही है जबकि शिक्षिका को केवल लैब के कामकाज के लिए रखा गया है वही विद्यालय की ओर से शिक्षिका से पांच पांच कक्षाओं को पढ़वाया जा रहा
कहीं ना कहीं जिस उद्देश्य से शिक्षिका को रखा गया था उसके अतिरिक्त बिना शैक्षिक योग्यता को ध्यान में रखते हुए उन से पठन पाठन का कार्य करवाया जा रहा है।






Conclusion:विद्यालय में प्रयोगशाला सहायक के रूप में तैनात पूजा भंडारी ने बताया कि उन्हें 10 हजार रुपये के वेतन में प्रयोगशाला सहायक के पद पर रखा गया है जबकि विद्यालय की प्रधानाचार्य के आदेश के बाद वह विद्यालय में पांच विषय पढ़ाती है। इस मामले में अपर निदेशक माध्यमिक महावीर सिंह बिष्ट ने कहा कि जिस शिक्षिका को प्रयोगशाला सहायक के पद पर रखा गया है उसका पांच विषय पढ़ाना एक जांच का विषय है व शिक्षिका मात्र प्रयोगशाला सहायक है और छात्राओं को लेब के परीक्षण और लैब संबंधी जानकारी देने के लिए रखा गया है कहा कि यह सोचने का विषय है कि वह शिक्षिका इन विषय को पढ़ाने योग्य है भी कि नहीं क्योंकि जिस पद पर उसे रखा गया है वह उसके अतिरिक्त कैसे छात्राओं को पढ़ा सकती है।
बाईट-पूजा भंडारी(लैब टेक्नीशियन)
बाईट- महावीर सिंह बिष्ट (अपर निदेशक माध्यमिक)
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