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कोटद्वार: रात में बसों का टोटा, यात्री इधर-उधर भटकने को मजबूर - कोटद्वार बस डिपो के कर्मचारियों

उत्तराखंड परिवहन निगम के कोटद्वार बस डिपो से रात्रि में बसों के संचालन न होने से यात्रियों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. जिसके चलते यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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कोटद्वार डिपो में बसों का टोटा
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Published : Jan 15, 2020, 8:04 PM IST

कोटद्वार: उत्तराखंड परिवहन निगम के कोटद्वार बस डिपो से रात में बसों के संचालन न होने से यात्रियों को इधर-उधर भटकना को मजबूर है. ऐसी स्थिति में यात्रियों को पूरी तरह से उत्तर प्रदेश से आने वाली बसों पर निर्भर रहना पड़ रहा है. जिसके चलते यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन कोटद्वार डिपो के अधिकारी व स्थानीय प्रशासन यात्रियों की सुविधा के लिए उचित व्यवस्था करने में नाकाम साबित होते नजर आ रहे हैं.

कोटद्वार डिपो में बसों का टोटा.

आपको बता दें कि कोटद्वार गढ़वाल का द्वार है और गढ़वाल में कोटद्वार एक महत्वपूर्ण बस डिपो है. यहां से प्रतिदिन यात्री दिल्ली, मेरठ, हरिद्वार, देहरादून, चंडीगढ़, पंजाब, अमृतसर, लुधियाना और मसूरी आदि की यात्रा करते हैं. लेकिन डिपो में शाम 5 बजे के बाद बसों का संचालन ठप हो जाता है. जिससे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

वहीं, कोटद्वार बस डिपो के कर्मचारियों के मुताबिक, शाम के बाद यात्रियों की संख्या कम हो जाती है और लास्ट बस कोटद्वार से दिल्ली के लिए 5 बजे छूट जाती है. उसके बाद डिपो में यात्रियों की संख्या न के बराबर होती है. जबकि रात के समय दिल्ली और मेरठ जाने वाली यात्री उत्तर प्रदेश डिपो की विभिन्न बसों में यात्रा करते हैं और कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कोटद्वार से दिल्ली, बिजनौर, मेरठ, नजीबाबाद जाने वाले यात्रियों को प्रदेश की बसों का घंटों इंतजार करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में मजबूरन यात्रियों को अन्य संसाधनों के माध्यम से नजीबाबाद पहुंचकर अपने गतंव्य स्थान के लिए बस पकड़नी पड़ती है.

इसके साथ ही बस संचालन व्यवस्था पर आपना दर्द बयां करते हुए यात्री विकास कुकरेती ने कहा कि मुझे दिल्ली जाना था. लेकिन देर शाम को बस नहीं मिली, जिस कारण मुझे कार बुक कर जाना पड़ा. क्योंकि मुझे नौकरी पर पहुंचना था. साथ ही ट्रेन भी रात को 10:00 बजे जाती है. जिसके कारण खर्चा बहुत अधिक बढ़ जाता है. इसलिए उन्होंने कोटद्वार बस डिपो के अधिकारियों से मांग की है कि वह देर शाम को भी बसों का संचालन करें, अगर व्यवस्था नहीं होती तो उत्तर प्रदेश से आने वाली बसों को कोटद्वार डिपो के बस स्टैंड पर होल्डकर उनमें कोटद्वार से बाहर जाने वाली सवारियों को भेजा जाए.

ये भी पढ़ें: मकर संक्रांति: हरकी पैड़ी पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

वहीं, बस संचालन व्यवस्था के हाल पर कोटद्वार बस डिपो के एआरएम टीकाराम आदित्य ने कहा कि वैसे 3 बजे के बाद यात्री बहुत कम हो जाते हैं, उसके बाद भी हमारे पास उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसें रहती है. जो रात्रि 8:00 बजे तक कोटद्वार से दिल्ली, हरिद्वार, नजीबाबाद, बिजनौर जाती रहती हैं. ऐसे में शाम को यात्रियों का इतना दवाब नहीं रहता है. अगर फिर भी आवश्यकता पड़ी तो डिपो के पास कुछ नई बस से आ रही है और उनका संचालन देर रात्रि को भी किया जाएगा.

कोटद्वार: उत्तराखंड परिवहन निगम के कोटद्वार बस डिपो से रात में बसों के संचालन न होने से यात्रियों को इधर-उधर भटकना को मजबूर है. ऐसी स्थिति में यात्रियों को पूरी तरह से उत्तर प्रदेश से आने वाली बसों पर निर्भर रहना पड़ रहा है. जिसके चलते यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन कोटद्वार डिपो के अधिकारी व स्थानीय प्रशासन यात्रियों की सुविधा के लिए उचित व्यवस्था करने में नाकाम साबित होते नजर आ रहे हैं.

कोटद्वार डिपो में बसों का टोटा.

आपको बता दें कि कोटद्वार गढ़वाल का द्वार है और गढ़वाल में कोटद्वार एक महत्वपूर्ण बस डिपो है. यहां से प्रतिदिन यात्री दिल्ली, मेरठ, हरिद्वार, देहरादून, चंडीगढ़, पंजाब, अमृतसर, लुधियाना और मसूरी आदि की यात्रा करते हैं. लेकिन डिपो में शाम 5 बजे के बाद बसों का संचालन ठप हो जाता है. जिससे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

वहीं, कोटद्वार बस डिपो के कर्मचारियों के मुताबिक, शाम के बाद यात्रियों की संख्या कम हो जाती है और लास्ट बस कोटद्वार से दिल्ली के लिए 5 बजे छूट जाती है. उसके बाद डिपो में यात्रियों की संख्या न के बराबर होती है. जबकि रात के समय दिल्ली और मेरठ जाने वाली यात्री उत्तर प्रदेश डिपो की विभिन्न बसों में यात्रा करते हैं और कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कोटद्वार से दिल्ली, बिजनौर, मेरठ, नजीबाबाद जाने वाले यात्रियों को प्रदेश की बसों का घंटों इंतजार करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में मजबूरन यात्रियों को अन्य संसाधनों के माध्यम से नजीबाबाद पहुंचकर अपने गतंव्य स्थान के लिए बस पकड़नी पड़ती है.

इसके साथ ही बस संचालन व्यवस्था पर आपना दर्द बयां करते हुए यात्री विकास कुकरेती ने कहा कि मुझे दिल्ली जाना था. लेकिन देर शाम को बस नहीं मिली, जिस कारण मुझे कार बुक कर जाना पड़ा. क्योंकि मुझे नौकरी पर पहुंचना था. साथ ही ट्रेन भी रात को 10:00 बजे जाती है. जिसके कारण खर्चा बहुत अधिक बढ़ जाता है. इसलिए उन्होंने कोटद्वार बस डिपो के अधिकारियों से मांग की है कि वह देर शाम को भी बसों का संचालन करें, अगर व्यवस्था नहीं होती तो उत्तर प्रदेश से आने वाली बसों को कोटद्वार डिपो के बस स्टैंड पर होल्डकर उनमें कोटद्वार से बाहर जाने वाली सवारियों को भेजा जाए.

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वहीं, बस संचालन व्यवस्था के हाल पर कोटद्वार बस डिपो के एआरएम टीकाराम आदित्य ने कहा कि वैसे 3 बजे के बाद यात्री बहुत कम हो जाते हैं, उसके बाद भी हमारे पास उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसें रहती है. जो रात्रि 8:00 बजे तक कोटद्वार से दिल्ली, हरिद्वार, नजीबाबाद, बिजनौर जाती रहती हैं. ऐसे में शाम को यात्रियों का इतना दवाब नहीं रहता है. अगर फिर भी आवश्यकता पड़ी तो डिपो के पास कुछ नई बस से आ रही है और उनका संचालन देर रात्रि को भी किया जाएगा.

Intro:summary उत्तराखंड परिवहन निगम कोटद्वार डिपो से रात्रि को बसों के संचालन ना होने से यात्रियों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है, ऐसी स्थिति में यात्रियों को पूरी तरह से उत्तर प्रदेश से आने वाली बसों पर निर्भर रहना पड़ता है, जिसके चलते यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन कोटद्वार डिपो के अधिकारी व स्थानीय प्रशासन यात्रियों की सुविधा के लिए उचित व्यवस्था करने में नाकाम साबित होता नजर आ रहा है।

intro kotdwar कोटद्वार गढ़वाल का द्वार है और गढ़वाल का कोटद्वार एक महत्वपूर्ण डिपो है यहां से प्रतिदिन यात्री दिल्ली, मेरठ, हरिद्वार, देहरादून, चंडीगढ़, पंजाब, अमृतसर, लुधियाना मसूरी यात्रा करते हैं लेकिन डिपो में शाम 5 बजे के बाद बसों का संचालन ठप हो जाता है , कोटद्वार डिपो के कर्मचारियों के मुताबिक शाम के बाद यात्रियों की संख्या कम हो जाती है और लास्ट बस कोटद्वार से दिल्ली के लिए 5 बजे छूट जाती है उसके बाद यात्रियों की संख्या ना के बराबर होती है, जबकि रात के समय दिल्ली और मेरठ जाने वाली यात्री उत्तर प्रदेश के विभिन्न डिपो की बसों में यात्रा करते हैं , कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कोटद्वार से दिल्ली, बिजनौर, मेरठ, नजीबाबाद जाने वाले यात्रियों को प्रदेश की बसों का घंटों इंतजार करना पड़ता है, ऐसी स्थिति में यात्रा यात्रियों को अन्य संसाधनों के माध्यम से नजीबाबाद पहुंचकर अपने गतंव्य स्थान के लिए बस पकड़नी पड़ती है।


Body:वीओ1- वही यात्री विकास कुकरेती ने कहा कि मुझे देहली जाना था लेकिन देर शाम को गाड़ी नहीं मिली जिस कारण मुझे कार बुक कर जाना पड़ा क्योंकि मुझे नौकरी पर पहुंचना था, ट्रेन भी रात्रि को 10:00 बजे जाती है। जिस कारण खर्चा बहुत अधिक बढ़ जाता है, तो मेरी उत्तराखंड परिवन निगम के कोटद्वार डिपो के अधिकारियों से मांग है कि वह देर शाम को भी बसों का संचालन करें, अगर व्यवस्था नहीं होती तो उत्तर प्रदेश आने वाली बसों को कोटद्वार डिपो के बस स्टैंड पर होल्ड कर उनमें कोटद्वार से बाहर जाने वाली सवारियों को भेजा जाये।

बाइट विकाश कुकरेती यात्री


वीओ2- वही कोटद्वार डिपो के एआरएम टीकाराम आदित्य ने कहा कि वैसे 3 बजे के बाद यात्री बहुत कम हो जाते हैं, उसके बाद भी हमारे पास उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसें रहती है जो रात्रि 8:00 बजे तक कोटद्वार से दिल्ली,हरिद्वार,नजीबाबाद बिजनौर जाती रहती हैं, शाम को यात्रियों का इतना दवाब नहीं रहता, अगर आवश्यकता पड़ी तो डिपो के पास कुछ नहीं बस से आ रही है, उनका संचालन देर रात्रि को भी किया जाएगा।
बाइट टीकाराम आदित्य एआरएम कोटद्वार डिपो


Conclusion:
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