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पौड़ी: गुलदारों की मौत के आंकड़ों में हुई वृद्धि, वन विभाग की बड़ी मुश्किलें - uttarakhand news

पौड़ी रेंज में इस साल दस मृत गुलदार मिले हैं और एक गुलदार घायल अवस्था में पाया गया था. घायल का उपचार कर उसे रेस्क्यू सेंटर भेजा गया. वहीं, मृत गुलदारों के विभिन्न कारण प्रकाश में आए हैं.

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Published : Feb 29, 2020, 2:59 PM IST

पौड़ी: जिले में इस साल मृत गुलदारों के पाए जाने की काफी सूचनाएं आ रही है. वन विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इस साल लगभग 10 गुलदार के शव बरामद हुए हैं. जबकि, एक गुलदार घायल अवस्था में मिला था. जिसे उपचार के लिए रेस्क्यू सेंटर भेजा गया है. विभागीय अधिकारियों की मानें तो पिछले साल के मुकाबले इस साल गुलदारों की मौत के आंकड़ों में वृद्धि हुई है.

गुलदारों की मौत के आंकड़ों में आई वृद्धि.

रेंजर पौड़ी अनिल कुमार भट्ट ने बताया कि पौड़ी रेंज में इस साल दस मृच गुलदार मिले हैं और एक गुलदार घायल अवस्था में पाया गया था. घायल का उपचार कर उसे रेस्क्यू सेंटर भेजा गया. वहीं, गुलदारों की मौत का कारण सर्द मौसम, निमोनिया और आपसी संघर्ष रहा है.

ये भी पढ़ें: जिंदगी के लिए आखिरी सांस तक जद्दोजहद करता रहा गुलदार, दर्दनाक मौत

भट्ट का कहना है कि लगातार गुलदारों की संख्या भी बढ़ रही है. जिससे उनमें आपसी संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ रही है. हालांकि, पिछले साल यह आंकड़ा काफी कम था. पूरे उत्तराखंड में कितने गुलदार हैं इसका आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं है लेकिन पौड़ी रेंज की बात की जाए तो यहां पर गुलदारों की संख्या काफी अधिक है.

पौड़ी: जिले में इस साल मृत गुलदारों के पाए जाने की काफी सूचनाएं आ रही है. वन विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इस साल लगभग 10 गुलदार के शव बरामद हुए हैं. जबकि, एक गुलदार घायल अवस्था में मिला था. जिसे उपचार के लिए रेस्क्यू सेंटर भेजा गया है. विभागीय अधिकारियों की मानें तो पिछले साल के मुकाबले इस साल गुलदारों की मौत के आंकड़ों में वृद्धि हुई है.

गुलदारों की मौत के आंकड़ों में आई वृद्धि.

रेंजर पौड़ी अनिल कुमार भट्ट ने बताया कि पौड़ी रेंज में इस साल दस मृच गुलदार मिले हैं और एक गुलदार घायल अवस्था में पाया गया था. घायल का उपचार कर उसे रेस्क्यू सेंटर भेजा गया. वहीं, गुलदारों की मौत का कारण सर्द मौसम, निमोनिया और आपसी संघर्ष रहा है.

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भट्ट का कहना है कि लगातार गुलदारों की संख्या भी बढ़ रही है. जिससे उनमें आपसी संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ रही है. हालांकि, पिछले साल यह आंकड़ा काफी कम था. पूरे उत्तराखंड में कितने गुलदार हैं इसका आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं है लेकिन पौड़ी रेंज की बात की जाए तो यहां पर गुलदारों की संख्या काफी अधिक है.

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