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श्रीनगर नगर निगम का विरोध तेज, 7 गांवों के प्रधानों ने खोला मोर्चा

श्रीनगर नगर निगम में शामिल करने से पहले ग्रामीणों से आपत्ति मांगी गई है. इस पर 7 गांवों के ग्राम प्रधानों ने नगर निगम का विरोध जताया है. उनका कहना है कि नगर निगम बनने से उनकी कृषि भूमि छिन जाएगी.

srinagar nagar nigam
श्रीनगर नगर निगम
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Published : Nov 1, 2021, 5:31 PM IST

श्रीनगरः नगर पालिका श्रीनगर को नगर निगम बनाने की घोषणा के बाद से ही सरकार के इस फैसले का विरोध शुरू हो गया था. श्रीनगर नगर निगम बनाने के लिए नगर पालिका परिषद के पूरे क्षेत्र के अलावा 21 गांवों को भी इसमें जोड़ा गया है, लेकिन नगर निगम में शामिल किए जा रहे 7 ग्राम सभाओं के ग्रामीण भी नगर निगम में शामिल न होने की मांग पर अड़ गए हैं. इतना ही नहीं 7 गांवों के प्रधानों ने जिला प्रशासन को अपना आपत्ति पत्र भी सौंप दिया है.

ग्राम प्रधानों का कहना है कि नगर निगम में शामिल होने से उन्हें सरकार से ग्रामीण क्षेत्रों में मिलने वाली योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा. साथ ही जिन गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया है, वे सभी कृषि पर निर्भर गांव हैं. नगर निगम में शामिल होने के बाद ग्रामीणों से उनकी कृषि भूमि भी छिन जाएगी.

नगर निगम का विरोध

ये भी पढ़ेंः श्रीनगर नगर पालिका को नगर निगम बनाना जरूरत या राजनीति?

वहीं, नगर पालिका अध्यक्ष पूनम तिवाड़ी का कहना है कि सरकार की ओर से नगर निगम को लेकर ग्रामीणों से जो आपत्ति मांगी गई हैं, उसके लिए 6 दिन का समय दिया गया है. इस बीच त्योहार भी है. ऐसे में शासन की ओर से ग्रामीणों से मांगी जाने वाली आपत्ति की समय सीमा बढ़ाई जानी चाहिए.

ये भी पढ़ेंः श्रीनगर नगर निगम का गणेश गोदियाल ने किया विरोध, धन सिंह रावत को दी खुली चुनौती

पालिकाध्यक्ष पूनम तिवाड़ी ने 15 दिन का अतिरिक्त समय देने की मांग शासन से की है. साथ ही उन्होंने कहा कि नगर निगम के फैसले को लेकर सभी ग्रामीण हाईकोर्ट में सरकार को चुनौती देंगे, लेकिन जनता के हित की अनदेखी पर नगर निगम नहीं बनने दिया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः श्रीनगर नगर निगम बनने के बाद 21 गांवों को मिलेगा लाभ, लोगों से मांगे सुझाव

बता दें कि श्रीनगर नगर निगम बनाने के लिए न केवल श्रीनगर नगर पालिका परिषद का पूरा क्षेत्र इसमें लिया गया है बल्कि, 21 गांव भी इसमें जोड़े गए हैं. इन गांव में नकोट, दिगोली, धनचड़ा, चंद्रवाड़ी, पुंडोरी, वैध गांव, रतड़ा, स्वीत, चोपड़ा लगा स्वीत, कोटेश्वर गुठ, फरासू, सेम, गहड़, बागवान लगा चोपड़ा, चोपड़ा, ढांमक, पथलगा, डुगरी पथ, डुगरीपथ, कलिया सौड़, हैडी, घोणलगा, उफल्डा शामिल हैं.

ये भी पढ़ेंः कैबिनेट मंत्री धन सिंह ने सुनीं जन समस्याएं, कहा- श्रीनगर नगर निगम बनाने का फैसला ऐतिहासिक

इस नगर निगम में साल 2011 की जनगणना के अनुसार कुल 37,911 जनसंख्या है, तो क्षेत्रफल के हिसाब से देखें तो 1257.05 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र इस नगर निगम में होगा. इन गांवों के शामिल होने के बाद नगर निगम क्षेत्र की जनसंख्या बढ़कर 37,911 हो रही है. ऐसे में श्रीनगर पर्वतीय क्षेत्र होने के नाते जनसंख्या के हिसाब से नगर निगम घोषित किए जाने के मानदंड में 37 हजार से अधिक और 50 हजार से कम श्रेणी वाले में आ गए हैं.

श्रीनगरः नगर पालिका श्रीनगर को नगर निगम बनाने की घोषणा के बाद से ही सरकार के इस फैसले का विरोध शुरू हो गया था. श्रीनगर नगर निगम बनाने के लिए नगर पालिका परिषद के पूरे क्षेत्र के अलावा 21 गांवों को भी इसमें जोड़ा गया है, लेकिन नगर निगम में शामिल किए जा रहे 7 ग्राम सभाओं के ग्रामीण भी नगर निगम में शामिल न होने की मांग पर अड़ गए हैं. इतना ही नहीं 7 गांवों के प्रधानों ने जिला प्रशासन को अपना आपत्ति पत्र भी सौंप दिया है.

ग्राम प्रधानों का कहना है कि नगर निगम में शामिल होने से उन्हें सरकार से ग्रामीण क्षेत्रों में मिलने वाली योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा. साथ ही जिन गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया है, वे सभी कृषि पर निर्भर गांव हैं. नगर निगम में शामिल होने के बाद ग्रामीणों से उनकी कृषि भूमि भी छिन जाएगी.

नगर निगम का विरोध

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वहीं, नगर पालिका अध्यक्ष पूनम तिवाड़ी का कहना है कि सरकार की ओर से नगर निगम को लेकर ग्रामीणों से जो आपत्ति मांगी गई हैं, उसके लिए 6 दिन का समय दिया गया है. इस बीच त्योहार भी है. ऐसे में शासन की ओर से ग्रामीणों से मांगी जाने वाली आपत्ति की समय सीमा बढ़ाई जानी चाहिए.

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पालिकाध्यक्ष पूनम तिवाड़ी ने 15 दिन का अतिरिक्त समय देने की मांग शासन से की है. साथ ही उन्होंने कहा कि नगर निगम के फैसले को लेकर सभी ग्रामीण हाईकोर्ट में सरकार को चुनौती देंगे, लेकिन जनता के हित की अनदेखी पर नगर निगम नहीं बनने दिया जाएगा.

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बता दें कि श्रीनगर नगर निगम बनाने के लिए न केवल श्रीनगर नगर पालिका परिषद का पूरा क्षेत्र इसमें लिया गया है बल्कि, 21 गांव भी इसमें जोड़े गए हैं. इन गांव में नकोट, दिगोली, धनचड़ा, चंद्रवाड़ी, पुंडोरी, वैध गांव, रतड़ा, स्वीत, चोपड़ा लगा स्वीत, कोटेश्वर गुठ, फरासू, सेम, गहड़, बागवान लगा चोपड़ा, चोपड़ा, ढांमक, पथलगा, डुगरी पथ, डुगरीपथ, कलिया सौड़, हैडी, घोणलगा, उफल्डा शामिल हैं.

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इस नगर निगम में साल 2011 की जनगणना के अनुसार कुल 37,911 जनसंख्या है, तो क्षेत्रफल के हिसाब से देखें तो 1257.05 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र इस नगर निगम में होगा. इन गांवों के शामिल होने के बाद नगर निगम क्षेत्र की जनसंख्या बढ़कर 37,911 हो रही है. ऐसे में श्रीनगर पर्वतीय क्षेत्र होने के नाते जनसंख्या के हिसाब से नगर निगम घोषित किए जाने के मानदंड में 37 हजार से अधिक और 50 हजार से कम श्रेणी वाले में आ गए हैं.

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