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अच्छी खबर: प्रदेश को मिले 81 नए डॉक्टर, मेडिकल कॉलेज श्रीनगर ने किया रिलीव

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Published : Apr 15, 2022, 12:21 PM IST

डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे सरकारी अस्पतालों के लिए अच्छी खबर है. प्रदेश के सरकारी अस्पतालों को 81 नए डॉक्टर मिलने जा रहे हैं. मेडिकल कॉलेज श्रीनगर ने 81 डॉक्टरों को चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए रिलीव कर दिया गया है, जो सरकारी अस्पतालों में अपनी सेवाएं देंगे.

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श्रीनगर

श्रीनगर: प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में जल्द ही डॉक्टरों की कमी दूर होने जा रही है. मेडिकल कॉलेज श्रीनगर (Medical College Srinagar) से 81 डॉक्टर अपनी जेआरशिप (जूनियर रेजीडेंसी) पूरी करके प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में अपनी सेवाएं देंगे. इनको मेडिकल कॉलेज ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए रिलीव कर दिया है. ये सभी डॉक्टर अपनी सेवाएं सीएचसी, पीएसी और जिला अस्पतालों में देंगे.

बता दें, मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में अपनी 4 साल की पढ़ाई और एक साल की जेआरशिप पूरी करके 81 छात्र डॉक्टर बन गए हैं. इनका बांड (bond) राज्य सरकार के साथ है. ये सभी 81 डॉक्टर 3 साल के लिए प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में अपनी सेवाएं देंगे. बांड के अनुसार अगर ये डॉक्टर ऐसा नहीं करते हैं तो प्रदेश सरकार इन पर अर्थदंड के अलावा कानूनी कार्रवाई भी कर सकती है.
पढ़ें- हरीश रावत ने संजीव आर्य पर हुए हमले पर जताई चिंता, कहा- मुख्यमंत्री को करना चाहिए हस्तक्षेप

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सीएमएस रावत (Principal Dr. CMS Rawat) ने बताया कि 81 डॉक्टर जेआरशिप पूरी कर चुके हैं. इन्हें अब चिकित्सा शिक्षा से अटैच कर दिया गया है. मेडिकल कॉलेज से भी ये रिलीव कर दिए हैं. इनके मिलने से प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ेंगी. ग्रामीणों को इसका लाभ मिलेगा.

श्रीनगर: प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में जल्द ही डॉक्टरों की कमी दूर होने जा रही है. मेडिकल कॉलेज श्रीनगर (Medical College Srinagar) से 81 डॉक्टर अपनी जेआरशिप (जूनियर रेजीडेंसी) पूरी करके प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में अपनी सेवाएं देंगे. इनको मेडिकल कॉलेज ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए रिलीव कर दिया है. ये सभी डॉक्टर अपनी सेवाएं सीएचसी, पीएसी और जिला अस्पतालों में देंगे.

बता दें, मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में अपनी 4 साल की पढ़ाई और एक साल की जेआरशिप पूरी करके 81 छात्र डॉक्टर बन गए हैं. इनका बांड (bond) राज्य सरकार के साथ है. ये सभी 81 डॉक्टर 3 साल के लिए प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में अपनी सेवाएं देंगे. बांड के अनुसार अगर ये डॉक्टर ऐसा नहीं करते हैं तो प्रदेश सरकार इन पर अर्थदंड के अलावा कानूनी कार्रवाई भी कर सकती है.
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मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सीएमएस रावत (Principal Dr. CMS Rawat) ने बताया कि 81 डॉक्टर जेआरशिप पूरी कर चुके हैं. इन्हें अब चिकित्सा शिक्षा से अटैच कर दिया गया है. मेडिकल कॉलेज से भी ये रिलीव कर दिए हैं. इनके मिलने से प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ेंगी. ग्रामीणों को इसका लाभ मिलेगा.

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