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श्रीनगर: गढ़वाली कवयित्रियों का हुआ सम्मान - गढ़वाली कवयित्री

आखर संस्था ने गढ़वाली कवयित्रियों को सम्मानित किया. इस मौके पर गढ़वाली कवयित्रियों की रचनाओं के पहले वृहद संकलन आखर दिशा धियाण्यूं को पैलों वृहद गढ़वाली कविता संग्रह का लोकार्पण किया गया.

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श्रीनगर
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Published : Aug 17, 2020, 9:43 AM IST

श्रीनगर: आखर संस्था द्वारा गढ़वाली कवयित्रियों के काम को सम्मानित किया गया. इस मौके पर गढ़वाली कवयित्रियों की रचनाओं के पहले वृहद संकलन आखर दिशा धियाण्यूं को पैलों वृहद गढ़वाली कविता संग्रह का लोकार्पण किया गया. इस ऐतिहासिक वृहद संकलन को गढ़वाली की पहली कवयित्री एवं प्रख्यात समाज सेविका स्व. विद्यावती डोभाल को समर्पित किया गया है. इस संकलन में स्व. विद्यावती डोभाल से लेकर वर्तमान की कवयित्रियों और छात्राओं की रचनाएं भी संकलित हैं.

नगर पालिका अध्यक्ष पूनम तिवारी ने कहा कि समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं की अग्रणीय भूूमिका रही है. गढ़वाली साहित्य में भी महिलाओं का योगदान कम नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि इस वृहद संग्रह आखर के संपादक संदीप रावत और साहित्यकार गीतेश सिंह नेगी ने गढ़वाली कवयित्रियों की कविताओं का संकलन कर एक महत्वपूर्ण पहल की है.

पढ़ें: गैरसैंण में ध्वजारोहण करेंगे CM त्रिवेंद्र, विकास कार्यों की होगी घोषणा

गढ़वाल विवि की अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि यहां की महिलाओं की सृजनशीलता का आखर रूप में पहला वृहद संकलन करके प्रकाशित करना सराहनीय है. उन्होंने कहा कि गढ़वाली भाषा साहित्य में महिलाओं की भूमिका एक मील का पत्थर साबित होगी. इस मौके पर मुख्य वक्ता कवयित्री उमा घिल्डियाल, डॉ. कविता भट्ट शैलपुत्री ने गढ़वाली कविता संग्रह की सराहना की. गढ़वाली कविता संग्रह के संपादक संदीप रावत ने कहा कि गढ़वाली साहित्य में महिलाओं के संदर्भ में यह पहला प्रयास है. उन्होंने कहा कि आगे भी इस तरह का प्रयास जारी रहेगा. मंच का संचालन बबिता थपलियाल द्वारा किया गया.

श्रीनगर: आखर संस्था द्वारा गढ़वाली कवयित्रियों के काम को सम्मानित किया गया. इस मौके पर गढ़वाली कवयित्रियों की रचनाओं के पहले वृहद संकलन आखर दिशा धियाण्यूं को पैलों वृहद गढ़वाली कविता संग्रह का लोकार्पण किया गया. इस ऐतिहासिक वृहद संकलन को गढ़वाली की पहली कवयित्री एवं प्रख्यात समाज सेविका स्व. विद्यावती डोभाल को समर्पित किया गया है. इस संकलन में स्व. विद्यावती डोभाल से लेकर वर्तमान की कवयित्रियों और छात्राओं की रचनाएं भी संकलित हैं.

नगर पालिका अध्यक्ष पूनम तिवारी ने कहा कि समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं की अग्रणीय भूूमिका रही है. गढ़वाली साहित्य में भी महिलाओं का योगदान कम नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि इस वृहद संग्रह आखर के संपादक संदीप रावत और साहित्यकार गीतेश सिंह नेगी ने गढ़वाली कवयित्रियों की कविताओं का संकलन कर एक महत्वपूर्ण पहल की है.

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गढ़वाल विवि की अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि यहां की महिलाओं की सृजनशीलता का आखर रूप में पहला वृहद संकलन करके प्रकाशित करना सराहनीय है. उन्होंने कहा कि गढ़वाली भाषा साहित्य में महिलाओं की भूमिका एक मील का पत्थर साबित होगी. इस मौके पर मुख्य वक्ता कवयित्री उमा घिल्डियाल, डॉ. कविता भट्ट शैलपुत्री ने गढ़वाली कविता संग्रह की सराहना की. गढ़वाली कविता संग्रह के संपादक संदीप रावत ने कहा कि गढ़वाली साहित्य में महिलाओं के संदर्भ में यह पहला प्रयास है. उन्होंने कहा कि आगे भी इस तरह का प्रयास जारी रहेगा. मंच का संचालन बबिता थपलियाल द्वारा किया गया.

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