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चारधाम यात्रा के पौराणिक मार्ग पर 13 मई से गंगा पथ यात्रा, ऋषिकेश से शुरू होकर देवप्रयाग में होगी संपन्न

वर्तमान दौर में चारधाम यात्रियों के लिए धामों तक पहुंचने के लिए सड़क सुविधा और हेलीकॉप्टर सर्विस मौजूद है, लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि इससे पहले चारों धाम जाने के लिए एक पौराणिक रास्ता भी था. ये मार्ग लगभग 22 किमी लंबा है. अब इस मार्ग को पुनर्जीवित करने की कोशिश है. इसी के तहत इस रास्ते पर 13 मई से गंगा पथ यात्रा निकाली जा रही है.

Ganga Path Yatra
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Published : May 12, 2023, 4:46 PM IST

Updated : May 12, 2023, 5:12 PM IST

चारधाम यात्रा के पौराणिक मार्ग पर शुरू हो रही गंगा पथ यात्रा.

श्रीनगर: देवभूमि उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के पौराणिक मार्ग के फिर से जीवित होने की उम्मीद जग गई है. यात्रा पथ के विकसित होने से पौड़ी जिले के एक दर्जन गांवों की आर्थिकी सुदृढ़ होने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर पलायन भी रुकेगा. इस यात्रा पथ को फिर से संचालित करने के लिए डीएम और सरकारी मशीनरी ने खूब मेहनत भी की है.

प्रशासन की यह मेहनत अब फलीभूत होने जा रही है. प्रशासन ने इसे गंगा पथ यात्रा का नाम दिया है. गंगा पथ यात्रा के लिए 6 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए थे. यात्रा आगामी 13 मई से ऋषिकेश से शुरू होगी जो विभिन्न पड़ावों से होते हुए देवप्रयाग पहुंचेगी. इस पद यात्रा के लिए 100 पद यात्रियों को चुना गया है. आगे भी इसी तरह रजिस्ट्रेशन के लिए लाइन खुली रहेगी.
पढ़ें- जब गंगा से हार गए थे एडमंड हिलेरी, 'सागर से आकाश' अभियान में हुए थे फेल

यात्रा को परखने के लिए स्वयं डीएम डा. आशीष चौहान ने 22 किलोमीटर की पैदल यात्रा की है. इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और समाधान का आश्वासन देते हुए पौराणिक मार्ग के फिर से जीवित करने के संबंध में अवगत भी करवाया. गंगा पथ यात्रा मार्ग जनपद पौड़ी के यमकेश्वर ब्लाक के अंतर्गत आती है. चारधाम यात्रा के शुरुआती दौर में यात्रा को इन्हीं मार्गों से होते हुए पैदल ही पूरा किया जाता था. आधुनिकता और सुगमता के चलते यात्रा को सड़क मार्ग से जोड़ दिया गया.

आज भी करीब 22 किमी लंबा यह मार्ग चारधाम यात्रा के सड़क मार्ग से नहीं जुड़ा है, जो ऋषिकेश होते हुए देवप्रयाग तक पहुंचता है. यात्रियों और पर्यटकों को यहां की संस्कृति और रीति-रिवाज से रूबरू करने के लिए इस मार्ग को फिर से संचालित किया जा रहा है. इसके लिए पौड़ी के डीएम आशीष चौहान ने इन मार्गों पर पैदल चलकर खूब पसीना भी बहाया है.
पढ़ें- गंगोत्री से रामेश्वरम तक कठिन कनक दंडवत यात्रा पर निकले संत नवलगिरी, आस्था देख लोग हैरान

जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि, इस यात्रा पथ के फिर से संचालित होने से इन अलग थलग गांवों में फिर से आर्थिकी लौट आएगी, जिससे यहां के स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा, साथ ही पयर्टक प्रकृति के बीच रहकर यात्रा का आनंद उठा सकेंगे. आगामी 13 मई से शुरू होने वाली गंगा पथ यात्रा ऋषिकेश से शुरू होते हुए गरुड़ चट्टी, फूल चट्टी, मोहन चट्टी, नौंदखल, नंदगांव, बंदर चट्टी, महादेव चट्टी, गांव सिमालू, गांव कंडी चट्टी, व्यासघाट और देवप्रयाग में संपन्न होगी. इसके लिए प्रशासन ने पहले ही रूट चार्ट तैयार कर लिया है.

चारधाम यात्रा के पौराणिक मार्ग पर शुरू हो रही गंगा पथ यात्रा.

श्रीनगर: देवभूमि उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के पौराणिक मार्ग के फिर से जीवित होने की उम्मीद जग गई है. यात्रा पथ के विकसित होने से पौड़ी जिले के एक दर्जन गांवों की आर्थिकी सुदृढ़ होने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर पलायन भी रुकेगा. इस यात्रा पथ को फिर से संचालित करने के लिए डीएम और सरकारी मशीनरी ने खूब मेहनत भी की है.

प्रशासन की यह मेहनत अब फलीभूत होने जा रही है. प्रशासन ने इसे गंगा पथ यात्रा का नाम दिया है. गंगा पथ यात्रा के लिए 6 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए थे. यात्रा आगामी 13 मई से ऋषिकेश से शुरू होगी जो विभिन्न पड़ावों से होते हुए देवप्रयाग पहुंचेगी. इस पद यात्रा के लिए 100 पद यात्रियों को चुना गया है. आगे भी इसी तरह रजिस्ट्रेशन के लिए लाइन खुली रहेगी.
पढ़ें- जब गंगा से हार गए थे एडमंड हिलेरी, 'सागर से आकाश' अभियान में हुए थे फेल

यात्रा को परखने के लिए स्वयं डीएम डा. आशीष चौहान ने 22 किलोमीटर की पैदल यात्रा की है. इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और समाधान का आश्वासन देते हुए पौराणिक मार्ग के फिर से जीवित करने के संबंध में अवगत भी करवाया. गंगा पथ यात्रा मार्ग जनपद पौड़ी के यमकेश्वर ब्लाक के अंतर्गत आती है. चारधाम यात्रा के शुरुआती दौर में यात्रा को इन्हीं मार्गों से होते हुए पैदल ही पूरा किया जाता था. आधुनिकता और सुगमता के चलते यात्रा को सड़क मार्ग से जोड़ दिया गया.

आज भी करीब 22 किमी लंबा यह मार्ग चारधाम यात्रा के सड़क मार्ग से नहीं जुड़ा है, जो ऋषिकेश होते हुए देवप्रयाग तक पहुंचता है. यात्रियों और पर्यटकों को यहां की संस्कृति और रीति-रिवाज से रूबरू करने के लिए इस मार्ग को फिर से संचालित किया जा रहा है. इसके लिए पौड़ी के डीएम आशीष चौहान ने इन मार्गों पर पैदल चलकर खूब पसीना भी बहाया है.
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जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि, इस यात्रा पथ के फिर से संचालित होने से इन अलग थलग गांवों में फिर से आर्थिकी लौट आएगी, जिससे यहां के स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा, साथ ही पयर्टक प्रकृति के बीच रहकर यात्रा का आनंद उठा सकेंगे. आगामी 13 मई से शुरू होने वाली गंगा पथ यात्रा ऋषिकेश से शुरू होते हुए गरुड़ चट्टी, फूल चट्टी, मोहन चट्टी, नौंदखल, नंदगांव, बंदर चट्टी, महादेव चट्टी, गांव सिमालू, गांव कंडी चट्टी, व्यासघाट और देवप्रयाग में संपन्न होगी. इसके लिए प्रशासन ने पहले ही रूट चार्ट तैयार कर लिया है.

Last Updated : May 12, 2023, 5:12 PM IST
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