कोटद्वार: उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से राज्य के कई पुल सरकारों की लापरवाही के चलते बह गए हैं. जिससे सड़कों के संपर्क मार्ग भी बह गए हैं. इसी क्रम में कोटद्वार तहसील अंतर्गत बीते वर्ष खनन के चलते सुखरो पुल का पिलर धंस गया था. जिससे चार महीने तक लोक निर्माण विभाग ने पुल पर यातायात बंद रखा. लेकिन 2010 में लगभग 13 करोड़ रुपये की लागत से बना मालन पुल बीते दिन नदी के तेज बहाव में गिर गया. ऐसे में विपक्षी नेता वर्तमान सरकार पर आरोप लगा रहे हैं.
पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान मालन सुखरो नदी पर बारिश से पहले सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे. वर्तमान सरकार ने बीते 6 वर्षों में तोड़ने का कम किया है. पिछले साल सुखरो पुल, इस बार मालन पुल और शीतलपुर के पुल गिर गये हैं. उन्होंने बताया कि कोटद्वार चिल्लरखाल लालढांग मोटर मार्ग पर कोटद्वार भाबर की लगभग 50 हजार आबादी को जोड़ने वाला पुल वर्तमान सरकार व कोटद्वार विधायक की लापरवाही के चलते गिरा है. मालन पुल राज्य की गली खनन नीतियों की भेंट चढ़ गया है.
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मालन नदी के आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि अंधेरे में अवैध खनन जारी रहता है, लेकिन इस पर रोक लगाने में जनप्रतिनिधि, अधिकारी और कर्मचारी नाकाम हैं. उन्होंने वन विभाग पर अवैध खनन का आरोप लगाया है. जिसके बाद उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. कोटद्वार विधायक ऋतु खंडूड़ी ने बताया कि मेरे द्वारा लोक निर्माण विभाग के उच्च अधिकारी को पत्र लिखकर पुल की जर्जर हालात से अवगत करवाया दिया गया है. उन्होंने ने बताया कि पुल गिरने पर विपक्ष राजनीति कर रहा है. ऐसा नहीं होना चाहिए.
श्रीनगर में अलकनंदा नदी डेंजर लेवल से मात्र 2 मीटर नीचे: चमोली, रूद्रप्रयाग में हो रही भारी बारिश के कारण अलकनंदा नदी उफान पर बह रही है. श्रीनगर गढ़वाल में भी चार दिन से लगातार बारिश जारी है. यहां पर अलकनंदा नदी 534.7 मीटर पर बह रही है, जो कि डेंजर लेवल से मात्र 2 मीटर नीचे है. वहीं अनकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से श्रीनगर स्थित अल्केश्वर घाट आधा जलमग्न हो चुका है. इस दौरान लोगों से अपील की जा रही है कि वें नदी की ओर न जाएं साथ ही नदी किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ-साथ सेंटर वाटर कमीशन ने भी आने वाले दिनों में अलकनंदा नदी के बढ़ते पानी को लेकर अपनी चेतावनी जारी की है. जिसके अनुसार 16 और 17 जुलाई को पानी भयंकर जलस्तर वार्निंग लेवल तक पहुचने के संकेत कमीशन ने दिए हैं.