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गजब! वनाग्नि कंट्रोल रूम का टेलीफोन एक साल से बंद, विभाग आग लगने की सूचना के लिए बांट रहा नंबर - जंगलों की आग पर काबू

सूबे में वन महकमा वनाग्नि को लेकर कितना संजीदा है, इसका इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस कंट्रोल रूम का नंबर विभाग लोगों को बांट रहा है. वो एक साल से बंद पड़ा है. अभी तक सैकड़ों हेक्टेयर जंगल जलकर स्वाहा हो गए हैं, लेकिन अभी तक वन विभाग के कंट्रोल रूम का टेलीफोन नहीं खुल पाया.

Pauri fire control room telephone off Pauri fire control room telephone off
वनाग्नि कंट्रोल रूम का टेलीफोन
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Published : May 7, 2022, 10:44 PM IST

पौड़ीः जिले में वनाग्नि की रोकथाम के लिए बनाए कंट्रोल रूम में टेलीफोन पिछले लंबे समय से बंद पड़ा हुआ है. हद तो तब होती है, जब वन विभाग वनाग्नि रोकथाम के लिए प्रचार प्रसार में इसी टेलीफोन नंबर को प्रसारित कर रहा है. इतना ही नहीं वन विभाग वनाग्नि की घटनाओं में लोगों से इसी नंबर से जानकारी देने की अपील भी कर रहा है.

उत्तराखंड में फरवरी के मध्य माह से फायर सीजन शुरू हो जाता है. वन महकमा वनाग्नि से निपटने व सभी रणनीतियों को फरवरी से ही तैयारियों में जुट जाता है. फॉरेस्ट फायर को लेकर सबसे अहम रोल कंट्रोल रूम का भी माना जाता है. पौड़ी में आरक्षित और सिविल वनों की आग के नियंत्रण के लिए गढ़वाल वन प्रभाग के पौड़ी कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, लेकिन कंट्रोल रूम में रखा टेलीफोन नंबर 01368-222215 पिछले एक साल से बंद पड़ा हुआ है.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में वनाग्नि को लेकर वन महकमा सख्त, कीर्तिनगर में 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

बताया जा रहा है कि टेलीफोन का बिल भुगतान न होने के चलते फोन की लाइन काट दी गई है. बावजूद इसके कंट्रोल रूम में इस नंबर के टेलीफोन को बाकायदा सजा कर रखा गया है. हालांकि, कंट्रोल रूम में वायरलैस सेट समेत अन्य मोबाइल नंबरों का उपयोग भी किया जा रहा है. वहीं, मामले में डीएफओ गढ़वाल मुकेश कुमार (DFO Garhwal Mukesh Kumar) ने बताया कि तकनीकी दिक्कतों के चलते टेलीफोन का संचालन नहीं हो पा रहा है. जल्द ही टेलीफोन को संचालित कर लिया जाएगा.

पौड़ीः जिले में वनाग्नि की रोकथाम के लिए बनाए कंट्रोल रूम में टेलीफोन पिछले लंबे समय से बंद पड़ा हुआ है. हद तो तब होती है, जब वन विभाग वनाग्नि रोकथाम के लिए प्रचार प्रसार में इसी टेलीफोन नंबर को प्रसारित कर रहा है. इतना ही नहीं वन विभाग वनाग्नि की घटनाओं में लोगों से इसी नंबर से जानकारी देने की अपील भी कर रहा है.

उत्तराखंड में फरवरी के मध्य माह से फायर सीजन शुरू हो जाता है. वन महकमा वनाग्नि से निपटने व सभी रणनीतियों को फरवरी से ही तैयारियों में जुट जाता है. फॉरेस्ट फायर को लेकर सबसे अहम रोल कंट्रोल रूम का भी माना जाता है. पौड़ी में आरक्षित और सिविल वनों की आग के नियंत्रण के लिए गढ़वाल वन प्रभाग के पौड़ी कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, लेकिन कंट्रोल रूम में रखा टेलीफोन नंबर 01368-222215 पिछले एक साल से बंद पड़ा हुआ है.

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बताया जा रहा है कि टेलीफोन का बिल भुगतान न होने के चलते फोन की लाइन काट दी गई है. बावजूद इसके कंट्रोल रूम में इस नंबर के टेलीफोन को बाकायदा सजा कर रखा गया है. हालांकि, कंट्रोल रूम में वायरलैस सेट समेत अन्य मोबाइल नंबरों का उपयोग भी किया जा रहा है. वहीं, मामले में डीएफओ गढ़वाल मुकेश कुमार (DFO Garhwal Mukesh Kumar) ने बताया कि तकनीकी दिक्कतों के चलते टेलीफोन का संचालन नहीं हो पा रहा है. जल्द ही टेलीफोन को संचालित कर लिया जाएगा.

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