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आकांक्षा ने ETV Bharat से साझा किए यूक्रेन के हालात, बोलीं- रेस्क्यू आसान नहीं - Indian students stranded in Ukraine

यूक्रेन से श्रीनगर अपने घर लौटी आकांक्षा ने ईटीवी भारत से वहां के अनुभव साझा किए हैं. आकांक्षा ने बताया कि यूक्रेन के हालात बहुत खराब हैं और बहुत से भारतीय छात्र खरकीव और कीव में फंसे हुए हैं.

srinagar
श्रीनगर
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Published : Mar 1, 2022, 2:53 PM IST

Updated : Mar 1, 2022, 3:55 PM IST

श्रीनगर: यूक्रेन और रूस के बीच चल रही जंग के बीच भारतीय छात्रों की वतन वापसी हो रही है. ऐसी ही एक एमबीबीएस की एक छात्रा आकांक्षा कुमारी श्रीनगर पहुंच चुकी है. इस दौरान आकांक्षा ने ईटीवी भारत पर यूक्रेन का हालात बयां किये हैं. आकांक्षा ने कहा कि वो तो घर आकर खुश है लेकिन कीव ओर खरकीव में फंसे अन्य भारतीय छात्रों की चिंता सता रही है.

आकांक्षा ने बताया कि वह भाग्यशाली है कि वो रोमानिया बॉर्डर के बिल्कुल नजदीक थीं. इसलिए उनका रेस्क्यू आसानी से गया. उसकी दोस्त अभी भी खरकीव में फंसी हुई है. आकांक्षा के मुताबिक, उसकी दोस्त ने बताया कि उसके साथ बहुत से भारतीय छात्र खरकीव में फंसे हैं. उनका सड़क पर जाना भी दूभर हो गया है. सुबह से लेकर देर रात तक खरकीव में बमबारी होती रहती है. सभी छात्र रात भर डर के साये में जीने के लिए मजबूर हैं.
पढ़ें- यूक्रेन: रूसी सेना-टैंकों के काफिले ने डाला घेरा

आकांक्षा ने बताया कि खरकीव और कीव में छात्रों का रेस्क्यू करना आसान नहीं है. रास्तों में रूसी और यूक्रेनी आर्मी है. दिन भर इनके बीच लड़ाई चलती रहती है. ऐसे में सड़क से लोगों को लाना आसान नहीं है. वहीं, ऐसे हालात में इंडियन एंबेसी को भी दोष देना गलत होगा. सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है लेकिन दिनोंदिन हालात खराब होते जा रहे हैं. जानकारी मिली है कि यूक्रेन में फंसे हुए भारतीय बच्चे अब जैसे-तैसे खारकीव और कीव से निकलने में लगे हैं. आज सुबह खारकीव से छात्रों का एक दल ट्रेन के जरिये 1300 सौ किलोमीटर का सफर तय कर हंगरी बॉर्डर की तरफ निकला है.

श्रीनगर: यूक्रेन और रूस के बीच चल रही जंग के बीच भारतीय छात्रों की वतन वापसी हो रही है. ऐसी ही एक एमबीबीएस की एक छात्रा आकांक्षा कुमारी श्रीनगर पहुंच चुकी है. इस दौरान आकांक्षा ने ईटीवी भारत पर यूक्रेन का हालात बयां किये हैं. आकांक्षा ने कहा कि वो तो घर आकर खुश है लेकिन कीव ओर खरकीव में फंसे अन्य भारतीय छात्रों की चिंता सता रही है.

आकांक्षा ने बताया कि वह भाग्यशाली है कि वो रोमानिया बॉर्डर के बिल्कुल नजदीक थीं. इसलिए उनका रेस्क्यू आसानी से गया. उसकी दोस्त अभी भी खरकीव में फंसी हुई है. आकांक्षा के मुताबिक, उसकी दोस्त ने बताया कि उसके साथ बहुत से भारतीय छात्र खरकीव में फंसे हैं. उनका सड़क पर जाना भी दूभर हो गया है. सुबह से लेकर देर रात तक खरकीव में बमबारी होती रहती है. सभी छात्र रात भर डर के साये में जीने के लिए मजबूर हैं.
पढ़ें- यूक्रेन: रूसी सेना-टैंकों के काफिले ने डाला घेरा

आकांक्षा ने बताया कि खरकीव और कीव में छात्रों का रेस्क्यू करना आसान नहीं है. रास्तों में रूसी और यूक्रेनी आर्मी है. दिन भर इनके बीच लड़ाई चलती रहती है. ऐसे में सड़क से लोगों को लाना आसान नहीं है. वहीं, ऐसे हालात में इंडियन एंबेसी को भी दोष देना गलत होगा. सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है लेकिन दिनोंदिन हालात खराब होते जा रहे हैं. जानकारी मिली है कि यूक्रेन में फंसे हुए भारतीय बच्चे अब जैसे-तैसे खारकीव और कीव से निकलने में लगे हैं. आज सुबह खारकीव से छात्रों का एक दल ट्रेन के जरिये 1300 सौ किलोमीटर का सफर तय कर हंगरी बॉर्डर की तरफ निकला है.

Last Updated : Mar 1, 2022, 3:55 PM IST
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