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पौड़ी श्रीनगर ट्रेजरी घोटाला: आरोपी दोनों कर्मचारी निलंबित, CDO की अध्यक्षता में जांच टीम गठित - मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत कुमार आर्य की अध्यक्षता में जांच टीम गठित

पौड़ी और श्रीनगर ट्रेजरी से 38 लाख का गबन करने वाले दोनों आरोपियों को निलंबित कर दिया गया है. मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत कुमार आर्य की अध्यक्षता में जांच टीम भी गठित की गई है.

embezzlement case in pauri treasury
पौड़ी श्रीनगर ट्रेजरी घोटाला
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Published : Jan 18, 2022, 10:25 AM IST

श्रीनगर: मुख्य कोषागार पौड़ी व उपकोषागार श्रीनगर में सेवारत दो लेखा लिपिकों को सरकारी धन के गबन मामले में निलंबित कर दिया गया है. जिलाधिकारी डा. विजय कुमार जोगदंडे ने निलंबन का आदेश जारी कर दिया है. निलंबित दोनों कार्मिक को दूरस्थ क्षेत्रों में संबद्ध किया गया है. मुख्य कोषागार पौड़ी में सेवारत लेखा लिपिक नितिन रावत व उप कोषागार श्रीनगर में सेवारत लेखा लिपिक सुभाष चंद्र को निलंबित कर दिया गया है.

जिलाधिकारी पौड़ी विजय कुमार जोगदंडे ने निलंबन आदेश जारी करते हुए निलंबित लेखा लिपिक नितिन रावत को उपकोषागार धुमाकोट व सुभाष चंद्र को उपकोषागार थलीसैंण से संबद्ध किया है. मुख्य कोषाधिकारी पौड़ी गिरीश चंद्रा ने बताया कि मुख्य कोषागार पौड़ी में नियुक्त लेखा लिपिक नितिन रावत ने 15 लाख 36 हजार 362 रुपये, श्रीनगर के कार्मिक सुभाष चंद्र ने 17 लाख 34 हजार 424 रुपये के सरकारी धन का गबन किया है.

ये भी पढ़ें: Srinagar Treasury Scam: उप कोषागार श्रीनगर में 38 लाख का गबन, एक लेखाकार की हो चुकी मौत

सहायक लेखाकार हरि दर्शन सिंह बिष्ट ने 21 लाख 26 हजार 993 रुपये का गबन किया, लेकिन उसकी एक वर्ष पहले ही मौत हो चुकी है. वहीं मामले में मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत कुमार आर्य की अध्यक्षता में जांच टीम गठित की गई है. श्रीनगर उप कोषागार के ट्रेजरी ऑफिसर नरेंद्र खत्री ने कोतवाली श्रीनगर में एक शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें उन्होंने बताया कि कोषागार में कार्यरत लेखाकार सुभाष चंद और लेखाकार स्वर्गीय हरि दर्शन बिष्ट की ओर से दस्तावेजों में हेर-फेर किया गया है. साथ ही करीब साढ़े 38 लाख रुपए का गबन किया है.

जालसाजी को ऐसे दिया अंजामः जानकारी के मुताबिक, साल 2016 से 2019 के बीच 75 मृतकों को जीवित दिखाकर उनको मिलने वाली पेंशन राशि अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी. दोनों ने मृतक पेंशनर्स की पेंशन बंद करने के बजाय उनकी पेंशन की धनराशि अपने खातों में डाली थी. इतना ही नहीं दोनों ने फेक आईडी के माध्यम से इस काम को अंजाम दिया था.

ये भी पढ़ें: Pauri Treasury Scam: पौड़ी की ट्रेजरी में भी घोटाला, 15 लाख से ज्यादा का गबन

पौड़ी की ट्रेजरी में भी घोटालाः कोषागार पौड़ी में भी सेवारत एक लेखा लिपिक की ओर से पेंशनरों के खातों से 15 लाख से अधिक की धनराशि के गबन का मामला भी सामने आ चुका है. मामले में पुलिस लेखा लिपिक नितिन रावत के खिलाफ सरकारी धन के गबन और दस्तावेज गायब करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर चुकी है.

श्रीनगर: मुख्य कोषागार पौड़ी व उपकोषागार श्रीनगर में सेवारत दो लेखा लिपिकों को सरकारी धन के गबन मामले में निलंबित कर दिया गया है. जिलाधिकारी डा. विजय कुमार जोगदंडे ने निलंबन का आदेश जारी कर दिया है. निलंबित दोनों कार्मिक को दूरस्थ क्षेत्रों में संबद्ध किया गया है. मुख्य कोषागार पौड़ी में सेवारत लेखा लिपिक नितिन रावत व उप कोषागार श्रीनगर में सेवारत लेखा लिपिक सुभाष चंद्र को निलंबित कर दिया गया है.

जिलाधिकारी पौड़ी विजय कुमार जोगदंडे ने निलंबन आदेश जारी करते हुए निलंबित लेखा लिपिक नितिन रावत को उपकोषागार धुमाकोट व सुभाष चंद्र को उपकोषागार थलीसैंण से संबद्ध किया है. मुख्य कोषाधिकारी पौड़ी गिरीश चंद्रा ने बताया कि मुख्य कोषागार पौड़ी में नियुक्त लेखा लिपिक नितिन रावत ने 15 लाख 36 हजार 362 रुपये, श्रीनगर के कार्मिक सुभाष चंद्र ने 17 लाख 34 हजार 424 रुपये के सरकारी धन का गबन किया है.

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सहायक लेखाकार हरि दर्शन सिंह बिष्ट ने 21 लाख 26 हजार 993 रुपये का गबन किया, लेकिन उसकी एक वर्ष पहले ही मौत हो चुकी है. वहीं मामले में मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत कुमार आर्य की अध्यक्षता में जांच टीम गठित की गई है. श्रीनगर उप कोषागार के ट्रेजरी ऑफिसर नरेंद्र खत्री ने कोतवाली श्रीनगर में एक शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें उन्होंने बताया कि कोषागार में कार्यरत लेखाकार सुभाष चंद और लेखाकार स्वर्गीय हरि दर्शन बिष्ट की ओर से दस्तावेजों में हेर-फेर किया गया है. साथ ही करीब साढ़े 38 लाख रुपए का गबन किया है.

जालसाजी को ऐसे दिया अंजामः जानकारी के मुताबिक, साल 2016 से 2019 के बीच 75 मृतकों को जीवित दिखाकर उनको मिलने वाली पेंशन राशि अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी. दोनों ने मृतक पेंशनर्स की पेंशन बंद करने के बजाय उनकी पेंशन की धनराशि अपने खातों में डाली थी. इतना ही नहीं दोनों ने फेक आईडी के माध्यम से इस काम को अंजाम दिया था.

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पौड़ी की ट्रेजरी में भी घोटालाः कोषागार पौड़ी में भी सेवारत एक लेखा लिपिक की ओर से पेंशनरों के खातों से 15 लाख से अधिक की धनराशि के गबन का मामला भी सामने आ चुका है. मामले में पुलिस लेखा लिपिक नितिन रावत के खिलाफ सरकारी धन के गबन और दस्तावेज गायब करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर चुकी है.

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