पौड़ी: जिले के लैंसडाउन वन प्रभाग से सटे कालागढ़ टाइगर रिजर्व (Pauri Kalagarh Tiger Reserve) क्षेत्र के आसपास के गांवों में हाथियों का झुंड डेरा डाला हुआ है. वहीं गांव के आसपास हाथियों की धमक से ग्रामीण सहमे (Elephants Terror in Pauri) हुए हैं. साथ ही उन्होंने कालागढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारियों से क्षेत्र में गश्त लगाने की मांग की है.
गौर हो कि गांव की कुछ महिलाएं घास लेने जंगल गई हुई थी, इस दौरान उन्होंने हाथियों के चिंघाड़ने की आवाज सुनीं और वापस लौटने पर ग्रामीणों को इसकी सूचना दी. महिलाओं ने गांव के लोगों को बताया कि गांव के नजदीक हाथियों का झुंड आ रहा है. गांव की ओर हाथियों के झुंड आता देख ग्रामीणों ने शोर मचाकर उन्हें भगाने की कोशिश की, शोर को सुनकर हाथियों के झुंड ने रास्ता बदल दिया. जिसके बाद हाथियों का झुंड विलौग्याखाल से पाणी स्त्रोत होते हुए आमखोली गांव पहुंच गया और ग्रामीणों की फसल को रौंद दिया. जिसके बाद आमखोली के ग्रामीणों ने भी हाथियों के झुंड को खदेड़ा और झुंड सिमलखेत गांव की ओर मुड़ गया.
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वहीं हाथियों के झुंड को गांव के नजदीक आता देख ग्रामीण नजर बनाए हुए हैं. तौड़िया के क्षेत्र पंचायत सदस्य विनीता ध्यानी ने कालागढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारियों से क्षेत्र में गश्त लगाने की मांग की है. वहीं स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि टाइगर रिजर्व क्षेत्र से लगे गांवों को विस्थापन की मांग लंबे समय से की जा रही है. सरकार टाइगर रिजर्व फारेस्ट से लगे गांवों को विस्थापन के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध नहीं कर पा रही है. कालागढ़ टाइगर रिजर्व लैंसडाउन वन प्रभाग के वन क्षेत्र अधिकारी पीसी आर्य ने बताया कि टाइगर रिजर्व क्षेत्र से लगे गांवों में हाथियों की झुंड से गांव वालों को खतरा बना हुआ है. रिजर्व क्षेत्र में वन वाउचरों की अधिक संख्या में तैनाती कर दिया जाएगा.