पौड़ी: मैदानों के साथ-साथ पहाड़ों में भी गर्मी का पारा चढ़ना शुरू हो गया है. ऐसे शहर में पानी की जरूरत और किल्लत (drinking water crisis in pauri) दोनों ही समान रूप से बढ़नी लग गई है लेकिन जल महकमा अभी तक शहर में पाइप लाइनों की लीकेजों से पार नहीं पा सका है. आलम यह है कि आये दिन जगह-जगहों पर पानी के लीकेज से हजारों लीटर पीने का पानी नालियों में बह रहा है.
पौड़ी-कोटद्वार रोड (pauri kotdwar road) पर पेट्रोल पंप के समीप पाइप लाइन में लीकेज के चलते रोजाना हजारों लीटर पानी व्यर्थ हो रहा है. साथ ही शहर के अपर चोपड़ा, लोअर बाजार, न्यू कालोनी आदि क्षेत्रों में पाइप लाइनों जगह-जगह पर लीकेज है. जिनसे लोगों को पेयजल किल्लत से जूझना पड़ रहा है. इसके अलावा पहाड़ों में पारा चढ़ने के साथ ही शहर में पानी की आपूर्ति कम होने लगी है.
वैसे पौड़ी के लिए श्रीनगर से दो तथा एक नानघाट पेयजल पंपिंग (nanaghat pumping yojna pauri) योजनाएं संचालित होती है. इन योजनाओं से पौड़ी मुख्यालय में लंबे समय से पानी की आपूर्ति हो रही है. हालांकि, इन दो योजनाओं से भी मुख्यालय के उपभोक्ताओं की डिमांड पूरी नहीं हो पाती और दोनों ही योजनाएं अपनी उम्र भी पूरी कर चुकी है. पेयजल योजनाएं अधिकतम 30 साल के लिए ही डिजाइन होती है जबकि ये योजनाएं करीब 45 से 50 साल पूरा कर चुकी है.
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वहीं, अधिशासी अभियंता जल संस्थान एसके रॉय ने बताया कि पौड़ी शहर के हररोज 7.92 एमएलडी पानी की जरूरत है जबकि, अभी 5.25 एमएलडी पानी की आपूर्ति हो पा रही है. गर्मियों में पानी की नियमित आपूर्ति बहाल करना काफी चुनौतिपूर्ण है. साथ ही लाइनों की लीकेज को दुरुस्त किया जा रहा है. वहीं, पेयजलापूर्ति के लिए पंपिंग योजनाओं को अतिरिक्त पंप किया जा रहा है.