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मनरेगा लोकपाल पद पर डॉ. अरुण कुकसाल की हुई नियुक्ति, आज संभाला कार्यभार

विगत तीन सालों से पौड़ी में रिक्त चल रहे लोकपाल का पद भर दिया गया है. बीते 26 फरवरी को अपर सचिव मनीषा पंवार ने पौड़ी के लोकपाल पद पर डा. अरुण कुकसाल की नियुक्ति का आदेश जारी किया था. आज उन्होंने कार्यभार संभाल लिया है.

Pauri Hindi News
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Published : Mar 1, 2021, 8:28 PM IST

पौड़ी: जनपद में तीन साल से रिक्त चल रहा मनरेगा लोकपाल का पद भर दिया गया है. बीते 26 फरवरी को अपर मुख्य सचिव मनीष पंवार ने इस संबंध में आदेश जारी किए थे. वहीं, सोमवार को समाज वैज्ञानिक व अर्थशास्त्री डॉ. अरुण कुकसाल ने जनपद पौड़ी के मनरेगा लोकपाल पद पर तैनाती ले ली है. इसकी सूचना जिलाधिकारी कार्यालय को भी दी गयी है.

पौड़ी जनपद में मनरेगा कार्यों की निगरानी व शिकायत निवारण के लिए लोकपाल पद पर डॉ. अरुण कुकसाल की नियुक्ति की गई थी. सोमवार को डॉ. अरुण कुकसाल ने पदभार संभाल लिया है. इसके बाद उन्होंने जिलाधिकारी पौड़ी से मुलाकात कर आगे के कार्यकाल को लेकर भी चर्चा की.

पढ़ें- किसान महापंचायत में सरकार की खामोशी पर बोले राकेश टिकैत, कोई प्लान बना रही होगी

बता दें, साल 2013-14 में लोकपाल की पहली नियुक्ति हुई थी. उस दौरान पहले लोकपाल के रूप में डॉ. ओम प्रकाश भट्ट ने जिम्मेदारी संभाली थी.

कौन हैं डॉक्टर अरुण कुकसाल

उत्तराखंड में गढ़वाल के चामी गांव (असवालस्यूं) में 8 अक्टूबर, 1959 को जन्मे डॉ. अरुण कुकसाल ने उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दी हैं. अर्थशास्त्र में पीएचडी डॉ. कुकसाल हिमालयी समाज के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक मुद्दों के बड़े जानकार हैं. वे कई वर्षों से पत्र-पत्रिकाओं तथा सोशल मीडिया में नियमित रूप से लेखन में सक्रिय हैं. उद्यमिता विकास, यात्रा, साहित्य तथा सांस्कृतिक विषयों पर उनकी 7 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं.

वे उद्यमिता शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए राष्ट्रीय उद्यमी उत्प्रेणा प्रशिक्षक सम्मान भी प्राप्त कर चुके हैं. डॉक्टर कुकसाल आकाशवाणी के नियमित वार्ताकार हैं. विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखंड की पाठ्यचर्या में उद्यमिता विकास पाठ्यक्रम के समावेश में उनका महत्वपूर्ण योगदान है.

गिरी विकास अध्ययन संस्थान उप्र., लखनऊ (जीआईडीएस), उद्यमिता विकास संस्थान उत्तर प्रदेश लखनऊ (आईईडीयूपी), राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, उत्तराखंड (एससीईआरटी) तथा राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद्, उत्तराखंड (यूकॉस्ट) में महत्वपूर्ण पदों पर उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं. लिखने-पढ़ने एवं अपने गांव के लिये कुछ करने की चाह में उन्होंने वर्ष-2016 में राजकीय सेवा से स्वैच्छिक सेवा-निवृत्ति ले ली थी. वर्तमान में डॉ. कुकसाल अपने पैतृक गांव, चामी में बच्चों, युवाओं और महिलाओं के लिए पुस्तकालय संचालन, कम्प्यूटर प्रशिक्षण तथा करियर मार्गदर्शन के कार्य में सक्रिय हैं.

पौड़ी: जनपद में तीन साल से रिक्त चल रहा मनरेगा लोकपाल का पद भर दिया गया है. बीते 26 फरवरी को अपर मुख्य सचिव मनीष पंवार ने इस संबंध में आदेश जारी किए थे. वहीं, सोमवार को समाज वैज्ञानिक व अर्थशास्त्री डॉ. अरुण कुकसाल ने जनपद पौड़ी के मनरेगा लोकपाल पद पर तैनाती ले ली है. इसकी सूचना जिलाधिकारी कार्यालय को भी दी गयी है.

पौड़ी जनपद में मनरेगा कार्यों की निगरानी व शिकायत निवारण के लिए लोकपाल पद पर डॉ. अरुण कुकसाल की नियुक्ति की गई थी. सोमवार को डॉ. अरुण कुकसाल ने पदभार संभाल लिया है. इसके बाद उन्होंने जिलाधिकारी पौड़ी से मुलाकात कर आगे के कार्यकाल को लेकर भी चर्चा की.

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बता दें, साल 2013-14 में लोकपाल की पहली नियुक्ति हुई थी. उस दौरान पहले लोकपाल के रूप में डॉ. ओम प्रकाश भट्ट ने जिम्मेदारी संभाली थी.

कौन हैं डॉक्टर अरुण कुकसाल

उत्तराखंड में गढ़वाल के चामी गांव (असवालस्यूं) में 8 अक्टूबर, 1959 को जन्मे डॉ. अरुण कुकसाल ने उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दी हैं. अर्थशास्त्र में पीएचडी डॉ. कुकसाल हिमालयी समाज के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक मुद्दों के बड़े जानकार हैं. वे कई वर्षों से पत्र-पत्रिकाओं तथा सोशल मीडिया में नियमित रूप से लेखन में सक्रिय हैं. उद्यमिता विकास, यात्रा, साहित्य तथा सांस्कृतिक विषयों पर उनकी 7 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं.

वे उद्यमिता शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए राष्ट्रीय उद्यमी उत्प्रेणा प्रशिक्षक सम्मान भी प्राप्त कर चुके हैं. डॉक्टर कुकसाल आकाशवाणी के नियमित वार्ताकार हैं. विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखंड की पाठ्यचर्या में उद्यमिता विकास पाठ्यक्रम के समावेश में उनका महत्वपूर्ण योगदान है.

गिरी विकास अध्ययन संस्थान उप्र., लखनऊ (जीआईडीएस), उद्यमिता विकास संस्थान उत्तर प्रदेश लखनऊ (आईईडीयूपी), राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, उत्तराखंड (एससीईआरटी) तथा राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद्, उत्तराखंड (यूकॉस्ट) में महत्वपूर्ण पदों पर उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं. लिखने-पढ़ने एवं अपने गांव के लिये कुछ करने की चाह में उन्होंने वर्ष-2016 में राजकीय सेवा से स्वैच्छिक सेवा-निवृत्ति ले ली थी. वर्तमान में डॉ. कुकसाल अपने पैतृक गांव, चामी में बच्चों, युवाओं और महिलाओं के लिए पुस्तकालय संचालन, कम्प्यूटर प्रशिक्षण तथा करियर मार्गदर्शन के कार्य में सक्रिय हैं.

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