श्रीनगर: नगर पालिका व नगर निगम एक साथ संचालित होने पर नगर कांग्रेस ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया है. कांग्रेस का कहना है कि इसके कारण लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. विकास कार्य भी अवरुद्ध हो रहे हैं. शहर की सड़कों की खस्ताहाल स्थिति व सफाई व्यवस्था चरमराने से लोगों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं. कांग्रेस ने सरकार से श्रीनगर नगर पालिका है या नगर निगम इसको लेकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है.
गौरतलब है कि पिछले एक साल से श्रीनगर के लोग इस कंफ्यूजन में हैं कि आखिर श्रीनगर नगर पालिका है कि नगर निगम. श्रीनगर में अगर आयुक्त की जिमेदारी जहां उपजिलाधिकारी श्रीनगर देख रहे हैं, तो वहीं नगरपालिका अध्यक्ष के रूप में पूनम तिवाड़ी भी यथावत बनी हुई हैं. इस कारण स्थानीय लोगों में कन्फ्यूजन की स्थिति पिछले एक साल से बनी हुई है.
पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एवं पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह नेगी, पूर्व सैनिक कल्याण समिति श्रीकोट के अध्यक्ष व बदरी केदार समिति के पूर्व सदस्य जगदीश भट्ट व मीडिया प्रभारी लाल सिंह नेगी ने कहा कि पिछले 9 माह से लोग इस समस्या से त्रस्त हैं. एक ओर सरकार ने नगर निगम में नगर आयुक्त को नियुक्त किया है, तो दूसरी ओर नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी भी अस्तित्व में बनी हुई है. इन सभी ने कहा कि नगर निगम व नगर पालिका के बीच में फंसे होने से स्थानीय लोगों को कई तरह की दिक्कतें हो रही हैं.
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सरकार ने जो नए गांव नगर निगम में शामिल किए थे, उन गांवों में भी ग्राम प्रधानों की शक्तियां भी यथावत रखी गयी हैं, जबकी श्रीनगर में विकास कार्य ठप्प हो गए हैं. जिसको लेकर कांग्रेस ने सरकार से स्थिति साफ करने की मांग की है.