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HNB गढ़वाल विवि और DAV कॉलेज के बीच रार, अधर में छात्रों का भविष्य

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर ने देहरादून के चार महाविद्यालयों डीएवी, डीबीएस, एमकेपी और एसजीआर कॉलेज पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. विवि का कहना है कि महाविद्यालयों की कार्यप्रणाली से गढ़वाल विवि की छवि धूमिल हो रही है.

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Published : Oct 6, 2019, 6:20 PM IST

Updated : Oct 6, 2019, 7:05 PM IST

श्रीनगर गढ़वालः उत्तराखंड में उच्च शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. प्रदेश के सबसे ज्यादा छात्र संख्या वाले महाविद्यालय डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून और हेमवती नंदन बहुगुणा गढवाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के बीच रार देखने को मिल रहा है. इतना ही नहीं एनएनबी विवि ने देहरादून के चार महाविद्यालयों पर लापरवाही बरतने और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप भी लगाया है. वहीं, विवि ने इन महाविद्यालयों की संबद्धता खत्म करने को लेकर एमएचआरडी को पत्र भी लिखा है.

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय और डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून के बीच रार.

दरअसल, हेमवती नंदन बहुगुणा गढवाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर ने देहरादून के चार महाविद्यालयों डीएवी, डीबीएस, एमकेपी और एसजीआर कॉलेज पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. विवि का कहना है कि महाविद्यालयों की कार्यप्रणाली से गढ़वाल विवि की छवि धूमिल हो रही है.

ये भी पढ़ेंः आजादी के 72 साल बाद भी गुमनामी की जिंदगी जी रहे दुगतु गांव के लोग

आरोप है कि डीएवी कॉलेज के भूगोल विभाग ने एमए चतुर्थ सेमेस्टर के गलत अंक विवि को प्रेषित किए हैं. उधर, एमकेपी पीजी कॉलेज ने भी लापरवाही के साथ एमए हिंदी के अंक विवि को भेजें है. कुछ छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं में अनुक्रमांक ही दर्ज नहीं किए गए हैं.

इतना ही नहीं एक ही प्रश्न पत्र में दो अलग-अलग छात्रों के एक ही अनुक्रमांक भी पाए गए हैं. डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून ने बीएससी द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा को साल 2019 की परीक्षा में छठे सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल किया है. जबकि, छात्रा द्वितीय सेमेस्टर की है. यही हाल एसजीआर और डीबीएस पीजी कॉलेजों का भी है.

ये भी पढ़ेंः रंजिशन किसान के खेत में डाला केमिकल, लाखों की फसल बर्बाद

वहीं, लगातार महाविद्यालयों की ओर से हो रही गलती के कारण छात्रों का भविष्य अधर में लटकता हुआ नजर आ रहा है. जिस कारण महाविद्यालयों को मान्यता देने वाले हेमवती नंदन बहुगुणा गढवाल केंद्रीय विवि की छवि पर भी सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में अब विवि मामले पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कह रहा है.

मामले पर एनएनबी गढवाल विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल का कहना है कि उन्होंने इन महाविद्यालयों की संबद्वता खत्म करने को लेकर एमएचआरडी को पत्र भी लिखा है. विवि हर साल 1.5 लाख छात्रों की परिक्षाएं कराता है. ऐसे में संबंधित महाविद्यालय ही अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटेंगे और समय पर परिणाम नहीं भेजंगे तो इसका खामियााजा छात्रों को उठाना पड़ेगा.

श्रीनगर गढ़वालः उत्तराखंड में उच्च शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. प्रदेश के सबसे ज्यादा छात्र संख्या वाले महाविद्यालय डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून और हेमवती नंदन बहुगुणा गढवाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के बीच रार देखने को मिल रहा है. इतना ही नहीं एनएनबी विवि ने देहरादून के चार महाविद्यालयों पर लापरवाही बरतने और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप भी लगाया है. वहीं, विवि ने इन महाविद्यालयों की संबद्धता खत्म करने को लेकर एमएचआरडी को पत्र भी लिखा है.

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय और डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून के बीच रार.

दरअसल, हेमवती नंदन बहुगुणा गढवाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर ने देहरादून के चार महाविद्यालयों डीएवी, डीबीएस, एमकेपी और एसजीआर कॉलेज पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. विवि का कहना है कि महाविद्यालयों की कार्यप्रणाली से गढ़वाल विवि की छवि धूमिल हो रही है.

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आरोप है कि डीएवी कॉलेज के भूगोल विभाग ने एमए चतुर्थ सेमेस्टर के गलत अंक विवि को प्रेषित किए हैं. उधर, एमकेपी पीजी कॉलेज ने भी लापरवाही के साथ एमए हिंदी के अंक विवि को भेजें है. कुछ छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं में अनुक्रमांक ही दर्ज नहीं किए गए हैं.

इतना ही नहीं एक ही प्रश्न पत्र में दो अलग-अलग छात्रों के एक ही अनुक्रमांक भी पाए गए हैं. डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून ने बीएससी द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा को साल 2019 की परीक्षा में छठे सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल किया है. जबकि, छात्रा द्वितीय सेमेस्टर की है. यही हाल एसजीआर और डीबीएस पीजी कॉलेजों का भी है.

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वहीं, लगातार महाविद्यालयों की ओर से हो रही गलती के कारण छात्रों का भविष्य अधर में लटकता हुआ नजर आ रहा है. जिस कारण महाविद्यालयों को मान्यता देने वाले हेमवती नंदन बहुगुणा गढवाल केंद्रीय विवि की छवि पर भी सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में अब विवि मामले पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कह रहा है.

मामले पर एनएनबी गढवाल विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल का कहना है कि उन्होंने इन महाविद्यालयों की संबद्वता खत्म करने को लेकर एमएचआरडी को पत्र भी लिखा है. विवि हर साल 1.5 लाख छात्रों की परिक्षाएं कराता है. ऐसे में संबंधित महाविद्यालय ही अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटेंगे और समय पर परिणाम नहीं भेजंगे तो इसका खामियााजा छात्रों को उठाना पड़ेगा.

Intro:Body:एंकर -प्रदेश में उच्च शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। सबसे बड़े महाविद्यालय डीएवी पीजी काॅलेज देहरादून ओर उत्तराखण्ड़ का एकमात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय एचएनबी आमने सामने आ गई है। आखिर क्या है मामला देखें रिर्पोट-



वीओ-1-हेमवती नंदन बहुगुणा गढवाल विश्वविद्यालय ने देहरादून के चार महाविद्यालयों पर छात्रों के भविष्य के साथ खेलने का आरोप लगाया है। विवि का कहना है कि महाविद्यालयों की कार्यप्रणाली से गढ़वाल विवि की छवि धूमिल हो रही है। आरोप हे कि डीएवी कालेज के भूगोल विभाग ने एमए चतुर्थ सेमेस्टर के गलत अंक विवि को प्रेषित किये हैं। एमकेपी ने भी लापरवाही के साथ एमए हिन्दी के अंक विवि को भेजें है। कुछ छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं में अनुक्रमांक ही दर्ज नहीं किये गये। वहीं एक ही प्रश्न पत्र में दो अलग-अलग छात्रों के एक ही अनुक्रमांक पाये गये हैं। डीएवी पीजी काॅलेज देहरादून ने बीएससी द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा को वर्ष 2019 की परीक्षा में छठे सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल किया गया, जबकि छात्रा द्वितीय सेमेस्टर की है। यही हाल एसजीआर एवं डीबीएस पीजी काॅलेज का भी है।


बाइट-1-प्रो आरसी भट्ट परीक्षा नियंत्रक




वीओ-2- लगातार महाविद्यालयों की तरफ से हो रही गलती के कारण छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। जिस कारण महाविद्यालयों को मान्यता देने वाले हेमवती नंदन बहुगुणा गढवाल केन्द्रीय विवि की छवी पर भी सवाल उठ रहे हें। अब विवि सख्त कार्यवाही करने की बात कह रहा है। गढवाल विवि की कुलपति का कहना है कि उनहोंने इन महाविद्यालयों की संबद्वता खत्म करने को लेकर एमएचआरडी को पत्र भी लिखा है। साथ ही उनका कहना है कि विवि द्वारा 1.5 लाख छात्रों की परिक्षाये प्रति वर्ष कराई जाती है ऐसे में अगर सबंधित महाविद्यालय ही अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटेंगे व समय पर परिणाम नहीं भेजंगे तो इसका खामियााजा छात्रों को उठाना पडेगा।


बाइट-3- प्रो0 अन्नपूर्णा नौटियाल कुलपति गढवाल विविConclusion:
Last Updated : Oct 6, 2019, 7:05 PM IST
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