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अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस: रैली निकालकर लोगों को अधिकारों के प्रति किया जागरूक

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर मंगलवार को गढ़वाल विश्वविद्यालय परिसर के छात्र-छात्राओं ने जनता को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता रैली निकाली. रैली के जरिए विश्वविद्यालय के छात्र- छात्राओं ने लोगों को जागरूक किया और उनके अधिकार के बारे में बताया.

Human Rights Day
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस 2019
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Published : Dec 10, 2019, 8:03 PM IST

पौड़ी: आज पूरा देश अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस है. दुनिया भर में हर साल 10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर मंगलवार को गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं रैली निकालकर सभी को जागरूक किया. इस दौरान छात्राओं ने कहा कि एक दिन में मानवाधिकार की जानकारी देना संभव नहीं है. इसके लिए हमारी शिक्षा प्रणाली में थोड़ा सा बदलाव करने की आवश्यकता है. वहीं, प्रत्येक पुरुष और महिला अपने अधिकार से वंचित रहती है. जिसके लिए शिक्षा की मदद से जन-जन को जागरूक किया जा सकता है.

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस 2019.

इस मौके पर विधि विभाग के शिक्षक के डॉ. रामप्रकाश ने बताया कि आज वर्तमान परिपेक्ष में महिलाओं बच्चों और पुरुषों के मानव अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है. राज्य स्तर और केंद्रीय स्तर पर पर्याप्त कानून होने के बाद भी उन्हें लागू करने के लिए जो आयोग बनाए गए हैं, इनको केवल आदेश करने के अधिकार तो दे गए हैं. लेकिन लागू करने के अधिकार नहीं दिए गए हैं. जिसके चलते आज मानव अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है. महिलाओं के लिए बनाए गए अधिकारों के बाद भी वह अपने अधिकारों का सही प्रयोग नहीं कर पा रही हैं. जिसके चलते आज वह समाज में स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही हैं.

ये भी पढ़ें:गांव में हाथियों ने जमकर मचाया उत्पात, विद्युत पोल को किया क्षतिग्रस्त

छात्रा किरन ने बताया कि मानव अधिकारों के लिए शिक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है. शिक्षा की मदद से शुरुआती दौर से मानव अधिकारों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाई जा सकती है. एक दिन में मानव अधिकारों की महत्व को जाना संभव नहीं है. इसके लिए जन जागरुकता अभियान साथ-साथ जरूरी है.

पौड़ी: आज पूरा देश अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस है. दुनिया भर में हर साल 10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर मंगलवार को गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं रैली निकालकर सभी को जागरूक किया. इस दौरान छात्राओं ने कहा कि एक दिन में मानवाधिकार की जानकारी देना संभव नहीं है. इसके लिए हमारी शिक्षा प्रणाली में थोड़ा सा बदलाव करने की आवश्यकता है. वहीं, प्रत्येक पुरुष और महिला अपने अधिकार से वंचित रहती है. जिसके लिए शिक्षा की मदद से जन-जन को जागरूक किया जा सकता है.

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस 2019.

इस मौके पर विधि विभाग के शिक्षक के डॉ. रामप्रकाश ने बताया कि आज वर्तमान परिपेक्ष में महिलाओं बच्चों और पुरुषों के मानव अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है. राज्य स्तर और केंद्रीय स्तर पर पर्याप्त कानून होने के बाद भी उन्हें लागू करने के लिए जो आयोग बनाए गए हैं, इनको केवल आदेश करने के अधिकार तो दे गए हैं. लेकिन लागू करने के अधिकार नहीं दिए गए हैं. जिसके चलते आज मानव अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है. महिलाओं के लिए बनाए गए अधिकारों के बाद भी वह अपने अधिकारों का सही प्रयोग नहीं कर पा रही हैं. जिसके चलते आज वह समाज में स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही हैं.

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छात्रा किरन ने बताया कि मानव अधिकारों के लिए शिक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है. शिक्षा की मदद से शुरुआती दौर से मानव अधिकारों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाई जा सकती है. एक दिन में मानव अधिकारों की महत्व को जाना संभव नहीं है. इसके लिए जन जागरुकता अभियान साथ-साथ जरूरी है.

Intro:अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष में आज गढ़वाल विश्वविद्यालय परिसर के छात्र-छात्राओं ने जनता को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक रहने के लिए एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया इसकी शुरुआत पौड़ी परिसर से की गई और परिसर से होते हुए पूरे शहर तक इस रैली का आयोजन किया गया परिसर की छात्राओं ने बताया कि आज 1 दिन में मानवाधिकार की जानकारी देना संभव नहीं है इसके लिए हमारी शिक्षा प्रणाली में थोड़ा सा बदलाव करने की आवश्यकता है साथ ही प्रत्येक पुरुष और महिलाओं के जो अधिकार हैं उन से वंचित रहती हैं जिसके लिए शिक्षा की मदद से जन-जन को जागरूक करना किया जा सकता है। विधि विभाग के शिक्षक ने बताया कि पर्याप्त कानून होने के बाद भी आज मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।


Body:गढ़वाल विश्वविद्यालय के पौड़ी परिसर के विधि विभाग के शिक्षक के डॉ रामप्रकाश ने बताया कि आज वर्तमान परिपेक्ष में  महिलाओं बच्चों और पुरुषों के मानव अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है राज्य स्तर और केंद्रीय स्तर पर  पर्याप्त कानून  होने के बाद भी उन्हें लागू करने के लिए जो आयोग बनाए गए हैं इनको केवल आदेश करने के अधिकार तो दे गए हैं लेकिन लागू करने के अधिकार नहीं दिए गए हैं जिसके चलते आज मानव अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है महिलाओं के लिए बनाए गए अधिकारों के बाद भी वह अपने अधिकारों का सही प्रयोग नहीं कर पा रही हैं जिसके चलते आज वह समाज में स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही हैं वहीं छात्रा ने बताया कि मानव अधिकारों के लिए शिक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है शिक्षा की मदद से शुरुआती दौर से मानव अधिकारों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाई जा सकती है और एक दिन में मानव अधिकारों की महत्व को जाना संभव नहीं है इसके लिए जन जागरूकता अभियान के साथ-साथ जरूरी है।
बाईट-डॉ रामप्रकाश(शिक्षक विधि विभाग)
बाईट-किरन(छात्रा)


Conclusion:
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