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इस बार भी यात्रियों की परेशानी बढ़ाएगा चमधार लैंडस्लाइड जोन, नहीं निकला कोई हल

इस बार भी चारधाम यात्रा के दौरान लोगों को चमधार लैंडस्लाइड जोन में दिक्कतें झेलनी पड़ सकती हैं. उम्मीद लगाई जा रही थी कि लोक निर्माण विभाग इसके ट्रीटमेंट का कोई ना कोई स्थायी रास्ता निकाल ही लेगा, मगर अभी तक मिली जानकारी के अनुसार इसका कोई हल नहीं ढूंढा गया है.

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इस बार भी यात्रियों की परेशानी बढ़ाएगा चमधार लैंडस्लाइड जोन
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Published : Apr 13, 2022, 7:22 AM IST

श्रीनगर: 3 मई से इस बार प्रदेश में चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है. 3 मई को सबसे पहले गंगोत्री-यमनोत्री के कपाट खुलने जा रहे हैं. 6 मई को भगवान केदारनाथ और 8 मई को बदरीनाथ के कपाट खुलेंगे. यात्रा काल के दौरान जब तक बरसात नहीं होती तब तक हालात ठीक रहते हैं, मगर बरसात के शुरू होते ही हालात बिगड़ने लगते हैं. बरसात के कारण यात्रा मार्गों के बंद होने के कारण यात्रियों से लेकर प्रशासन को बड़ी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं.

बंद पड़े रास्तों के कारण यात्रियों को सड़क पर ही दिन काटने पड़ते हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 58 पर चमधार के पास ऐसे ही हालात बने हुए हैं. यहां मार्ग दो से तीन दिनों तक बंद हो जाता है. मार्ग खोलने के लिए लोक निर्माण विभाग को भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है. मार्ग अगर खुल भी जाए तो फिर बरसात होने पर मार्ग बंद हो जाता है.

इस बार भी यात्रियों की परेशानी बढ़ाएगा चमधार लैंडस्लाइड जोन

पढ़ें- उत्तराखंड आयुर्वेद विवि को विवादों से निकालने का 'नायाब' तरीका, बदला जाएगा विश्वविद्यालय का नाम

इस बार भी यात्रा के दौरान लोगों को चमधार लैंडस्लाइड जोन में दिक्कतें झेलनी पड़ सकती हैं. उम्मीद लगाई जा रही थी की लोक निर्माण विभाग इसके ट्रीटमेंट का कोई ना कोई स्थायी रास्ता निकाल ही लेगा, लेकिन हालिया जानकारी के मुताबिक इंजीनियर इसका कोई ठोस स्थायी ट्रीटमेंट नहीं निकाल पा रहे हैं. जिसके चलते मार्ग बंद होने पर यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग श्रीनगर-खिर्सू-खांकरा और श्रीनगर-देवलगढ़-चमधार मोटर मार्गों का ही प्रयोग करना होगा.चमधार बीते कुछ सालों से सिरोबगड़ के रूप में भी जाना जाने लगा है.

पढ़ें- आयुर्वेद विश्वविद्यालय में हुई नियुक्तियों की होगी जांच, राजभवन तक पहुंचा मामला

उपजिलाधिकारी श्रीनगर अजयवीर सिंह ने बताया कि हाल में हुई लोक निर्माण विभाग के साथ हुई मीटिंग में विभागिय अधिकारियों ने बताया कि चमधार लैंडस्लाइड जोन का कोई स्थायी ट्रीटमेंट वर्तमान में नहीं निकल पा रहा है. जिसके कारण यात्रियों को मार्ग बंद होने की दशा में वैकल्पिक मार्ग श्रीनगर-खिर्सू-खांकरा और श्रीनगर-देवलगढ़-चमधार मोटर मार्गों का ही उपयोग करना होगा. साथ में लोक निर्माण विभाग को निर्देशित भी किया गया है कि चमधार में तीन से चार जेसीबी मशीन यात्रा काल के दौरान रखी जाए, जिससे मार्ग को समय से खोला जा सकें.

श्रीनगर: 3 मई से इस बार प्रदेश में चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है. 3 मई को सबसे पहले गंगोत्री-यमनोत्री के कपाट खुलने जा रहे हैं. 6 मई को भगवान केदारनाथ और 8 मई को बदरीनाथ के कपाट खुलेंगे. यात्रा काल के दौरान जब तक बरसात नहीं होती तब तक हालात ठीक रहते हैं, मगर बरसात के शुरू होते ही हालात बिगड़ने लगते हैं. बरसात के कारण यात्रा मार्गों के बंद होने के कारण यात्रियों से लेकर प्रशासन को बड़ी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं.

बंद पड़े रास्तों के कारण यात्रियों को सड़क पर ही दिन काटने पड़ते हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 58 पर चमधार के पास ऐसे ही हालात बने हुए हैं. यहां मार्ग दो से तीन दिनों तक बंद हो जाता है. मार्ग खोलने के लिए लोक निर्माण विभाग को भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है. मार्ग अगर खुल भी जाए तो फिर बरसात होने पर मार्ग बंद हो जाता है.

इस बार भी यात्रियों की परेशानी बढ़ाएगा चमधार लैंडस्लाइड जोन

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इस बार भी यात्रा के दौरान लोगों को चमधार लैंडस्लाइड जोन में दिक्कतें झेलनी पड़ सकती हैं. उम्मीद लगाई जा रही थी की लोक निर्माण विभाग इसके ट्रीटमेंट का कोई ना कोई स्थायी रास्ता निकाल ही लेगा, लेकिन हालिया जानकारी के मुताबिक इंजीनियर इसका कोई ठोस स्थायी ट्रीटमेंट नहीं निकाल पा रहे हैं. जिसके चलते मार्ग बंद होने पर यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग श्रीनगर-खिर्सू-खांकरा और श्रीनगर-देवलगढ़-चमधार मोटर मार्गों का ही प्रयोग करना होगा.चमधार बीते कुछ सालों से सिरोबगड़ के रूप में भी जाना जाने लगा है.

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उपजिलाधिकारी श्रीनगर अजयवीर सिंह ने बताया कि हाल में हुई लोक निर्माण विभाग के साथ हुई मीटिंग में विभागिय अधिकारियों ने बताया कि चमधार लैंडस्लाइड जोन का कोई स्थायी ट्रीटमेंट वर्तमान में नहीं निकल पा रहा है. जिसके कारण यात्रियों को मार्ग बंद होने की दशा में वैकल्पिक मार्ग श्रीनगर-खिर्सू-खांकरा और श्रीनगर-देवलगढ़-चमधार मोटर मार्गों का ही उपयोग करना होगा. साथ में लोक निर्माण विभाग को निर्देशित भी किया गया है कि चमधार में तीन से चार जेसीबी मशीन यात्रा काल के दौरान रखी जाए, जिससे मार्ग को समय से खोला जा सकें.

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