पौड़ी: जनपद में आयोजित एक शादी मिसाल बन कर सामने आई है. इस शादी में दुल्हन ने एक ऐसी मांग रखी जो शादियों के फैशन के खिलाफ थी. दुल्हन की मांग इसलिए भी पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है, क्योंकि इसमें नशे के खिलाफ एक गहरा संदेश छिपा हुआ है, जिसे शादियों में आजकल विकल्प नहीं बल्कि जरूरत की तरह देखा जाता है.
सगाई में ही दुल्हन ने रखी थी यह अनोखी शर्त
शादी समारोह में शराब पीकर फायरिंग की घटना ने कई शादियों को मातम में बदला है. बावजूद इसके लोग शादियों में शराब का उपयोग करने से बाज नहीं आते, लेकिन शराब के खिलाफ एक दुल्हन मिसाल बनकर सामने आई है.
पौड़ी जनपद के थलीसैंण ब्लॉक की रहने वाली गीता ने अपने पिता से सगाई के वक्त ही कह दिया था कि उसके विवाह में किसी प्रकार की शराब नहीं परोसी जाएगी. सभी मेहमानों को पारंपरिक भोजन मुहैया करवाए जाएंगे, ताकि उसका विवाह बेहतर तरीके से संपन्न हो सकें. दुल्हन के पिता ने किए हुए वादे को पूरा करते हुए बारातियों का स्वागत बुरांश का जूस पिलाकर किया. दुल्हन की इस मांग की चर्चा अब पूरे क्षेत्र है.
कितना मुश्किल था मांग को पूरा करना?
दुल्हन के पिता बलवंत सिंह की ओर से बताया गया कि शादी जैसे मौके पर पहाड़ी इलाकों में मेहमान नवाजी को देखते हुए शराब परोसना अनिवार्यता बन गया है. लेकिन पुत्री की मांग को वे ठुकरा नहीं पाए और शराब के स्थान पर सभी लोगों को बुरांश का जूस और पहाड़ी व्यंजन परोसा गया.
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पेड़ लगाकर दिया अनोखा संदेश
वर्तमान में ऑक्सीजन की कमी को लेकर देश में मच रहा हाहाकार किसी से छिपा नहीं है. ऐसे में इस शादी में एक और संदेश समाज को दिया गया. विवाह को यादगार बनाने के लिए घर के आंगन में एक पौधा लगाया गया, जिसकी जिम्मेदारी गीता की माता को दी गई है. वह इस पौधे का भी अपनी बेटी की तरह रखरखाव और संरक्षण करेंगी. वहीं इस विवाह के संपन्न होने के बाद पूरे क्षेत्र में काफी चर्चाएं भी हो रही हैं.