ऋषिकेश: 19 साल की अंकिता भंडारी की हत्या से पूरा उत्तराखंड सुलग गया (ankita bhandari murder) है. अंकिता भंडारी के हत्यारों के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा (Ankita Bhandari latest News) है. कल ग्रामीणों ने अंकिता भंडारी के हत्या आरोपी और बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य के रिजॉर्ट वनंत्रा में तोड़फोड़ की (Bjp leader son uttarakhand resort case) थी. पुलकित आर्य की इस फैक्ट्री के बनने के कई साल बाद वनंत्रा रिजॉर्ट को बनाया गया था. यह रिजॉर्ट पुलकित की अय्याशी का अड्डा था. फैक्ट्री में भी कई अनैतिक कार्य होने का आरोप लगाया जा रहा है.
आज भी लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है. आज स्थानीय अंजान लोगों ने रिजॉर्ट की पीछे बनी पुलकित आर्य की फैक्ट्री में आग लगा दी (Angry villagers set fire factory) है. कल जब पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया तो उस समय भी लोगों ने उनके साथ मारपीट की थी. पुलिस ने बड़ी मुश्किल से तीनों आरोपियों को बचाया था.
बता दें कि बीती 18 सितंबर से लापता अंकिता भंडारी का शव आज 24 सितंबर को ऋषिकेश के पास चीला शक्ति नहर में मिला है. पांच दिन पहले अंकिता की हत्या वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक और बीजेपी के पूर्व मंत्री के बेटे पुलकित आर्य ने अपने रिजॉर्ट मैनेजर और अन्य कर्मचारी के साथ मिलकर की थी ऐसा आरोप है. 19 साल की अंकिता भंडारी वनंत्रा रिजॉर्ट में ही रिसेप्शनिस्ट की थी. बीती 28 अगस्त को उसने वनंत्रा रिजॉर्ट में ज्वाइनिंग की थी.
आरोप है कि पुलकित आर्य और उसका मैनेजर अंकिता भंडारी पर वनंत्रा रिजॉर्ट में ठहरने वाले ग्राहकों के साथ गलत काम करने का दवाब बना रहा था, जिसके लिए अंकिता भंडारी ने मना कर दिया था. इसी बात को लेकर पुलकित आर्य और अंकिता भंडारी के बीच झगड़ा भी हुआ था.
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आरोपियों ने इकबाल-ए-जुर्म पुलिस को बताया कि वो अंकिता भंडारी कार को लेकर ऋषिकेश गए थे. बीच रास्ते में चीला नहर के पास उन्होंने शराब पी. इस दौरान फिर से पुलकित आर्य और अंकिता भंडारी का झगड़ा हो गया था. अंकिता ने पुलकित आर्य का फोन नहर में फेंक दिया था, जिसके बाद गुस्से में आकर पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी को नहर में धक्का दे दिया.
इसके बाद तीनों आरोपी वापस रिजॉर्ट में आ गए. मामले को छिपाने के लिए पुलकित आर्य ने एक साजिश रजी. साजिश के तहत पुलकित आर्य ने ही अंकिता भंडारी के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन जब तीन दिनों के बाद भी अंकिता का कोई पता नहीं चला तो परिजनों ने प्रशासन पर दबाव बनाया. इसके बाद मामला रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर किया गया. रेगुलर पुलिस ने मामले का खुलासा किया और तीनों को गिरफ्तार किया.
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