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कोटद्वार: मुजफ्फरनगर कांड में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को दी श्रद्धांजलि

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Published : Oct 2, 2019, 6:18 PM IST

शहर में विभिन्न संगठनों की ओर से मुजफ्फरनगर कांड में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजिल दी गई. इस मौके पर राज्य आंदोनकारियों ने गोलीकांड में दोषियों के बरी होने के मामले को सरकार की कमजोर पैरवी करार दिया.

मुजफ्फरनगर कांड में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को दी श्रद्धांजलि

कोटद्वारः शहर में विभिन्न संगठनों की ओर से मुजफ्फरनगर कांड में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजिल दी गई. इस मौके पर राज्य आंदोनकारियों ने गोलीकांड में दोषियों के बरी होने के मामले को सरकार की कमजोर पैरवी करार दिया.

मुजफ्फरनगर कांड में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को दी श्रद्धांजलि

इस मौके पर राज्य आंदोलनकारी नेता महेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड राज्य बनने से पहले जो आंदोलन हुए थे, उसमें मुजफ्फरनगर कांड, देहरादून कांड, कोटद्वार कांड में 2 अक्टूबर 1994 को जो शहीद हुए उनको बुद्धवार को तहसील परिसर में श्रद्धांजलि दी गई.

ये भी पढ़ेंःगांधी @150: राजधानी की सड़क पर निकले गांधी, 'सपनों के भारत' को लेकर पूछे कई सवाल

उधर, सरकार को चेताया की उत्तराखंड राज्य बनते समय जो भी घटनाएं घटी थी, उनके लिए जो लोग जिम्मेदार थे वह लगातार बरी होते जा रहे हैं, इन 19 सालों में जो भी सरकारें आई किसी ने भी न्यायालय के समक्ष शहीदों के लिए ठोस पैरवी नहीं की गई.

राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि अगर सरकार को उत्तराखंड के शहीदों को न्याय दिलाना है तो न्यायालय के समक्ष उचित पैरवी करें. उन्होंने कहा कि संगठन द्वारा प्रदेश सरकार को 1 सितंबर को अल्टीमेटम दिया गया था कि उत्तराखंड के शहीदों का एक भव्य स्मारक गैरसैंण में स्थापित किया जाय. लेकिन सरकार ने इसे भी गंभीरता से नहीं लिया.

कोटद्वारः शहर में विभिन्न संगठनों की ओर से मुजफ्फरनगर कांड में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजिल दी गई. इस मौके पर राज्य आंदोनकारियों ने गोलीकांड में दोषियों के बरी होने के मामले को सरकार की कमजोर पैरवी करार दिया.

मुजफ्फरनगर कांड में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को दी श्रद्धांजलि

इस मौके पर राज्य आंदोलनकारी नेता महेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड राज्य बनने से पहले जो आंदोलन हुए थे, उसमें मुजफ्फरनगर कांड, देहरादून कांड, कोटद्वार कांड में 2 अक्टूबर 1994 को जो शहीद हुए उनको बुद्धवार को तहसील परिसर में श्रद्धांजलि दी गई.

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उधर, सरकार को चेताया की उत्तराखंड राज्य बनते समय जो भी घटनाएं घटी थी, उनके लिए जो लोग जिम्मेदार थे वह लगातार बरी होते जा रहे हैं, इन 19 सालों में जो भी सरकारें आई किसी ने भी न्यायालय के समक्ष शहीदों के लिए ठोस पैरवी नहीं की गई.

राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि अगर सरकार को उत्तराखंड के शहीदों को न्याय दिलाना है तो न्यायालय के समक्ष उचित पैरवी करें. उन्होंने कहा कि संगठन द्वारा प्रदेश सरकार को 1 सितंबर को अल्टीमेटम दिया गया था कि उत्तराखंड के शहीदों का एक भव्य स्मारक गैरसैंण में स्थापित किया जाय. लेकिन सरकार ने इसे भी गंभीरता से नहीं लिया.

Intro:summary 2 अक्टूबर 1994 को मुजफ्फरनगर कांड में शहीद हुए आंदोलनकारियों को तहसील परिसर में उत्तराखंड क्रांति दल के पौड़ी जिले के कार्यकर्ता और आंदोलनकारियों ने श्रद्धांजलि दी, साथ ही प्रदेश सरकार पर आरोप लगाए कि मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा ना मिलने के लिए उत्तराखंड की सरकार की कमजोर पैरवी को जिम्मेदार माना।


intro kotdwar, 2 अक्टूबर 1994 को मुजफ्फरनगर कांड में शहीद हुए आंदोलनकारियों को तहसील परिसर में उत्तराखंड क्रांति दल के पौड़ी जिले कार्यकर्ता व आंदोलनकारियों ने एकत्रित होकर श्रद्धांजलि दी , साथ ही प्रदेश सरकार पर मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों के लगातार बरी होने के मामले में सरकार की कमजोर पैरवी को जिम्मेदार ठहराया, कहा कि सरकार अगर तीन महीने में उत्तराखंड राज्य में हुए शहीदों का स्मारक गैरसैंण में नहीं बनाते तो आंदोलनकारी स्वयं ही ईंट बजरी पत्थर जन सहयोग से एकत्रित कर स्वयं शहीद स्मारक का निर्माण शुरू करेंगे।


Body:वीओ1- वहीं राज्य आंदोलनकारी नेता महेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड राज्य बनने से पहले जो आंदोलन हुए थे, उसमें मुजफ्फरनगर कांड, देहरादून कांड, कोटद्वार कांड में 2 अक्टूबर 1994 को जो शहीद हुए थे उनको आज तहसील परिसर में श्रद्धांजलि दी गई, साथ ही सरकार को चेताया की उत्तराखंड राज्य बनते समय जो भी घटनाएं घटी थी, उनके लिए जो लोग जिम्मेदार थे वह लगातार बरी होते जा रहे हैं, इन 19 सालों में जो भी सरकारें आई किसी ने भी न्यायालय के समक्ष शहीदों के लिए ठोस पैरवी नहीं की। अगर सरकार को उत्तराखंड के शहीदों को कहीं न्याय दिलाना है तो न्यायालय के समक्ष ठीक से पैरवी करें आंदोलनकारी तो सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर ही रहे हैं, साथ ही सरकार को 1 सितंबर को अल्टीमेटम दिया गया था कि सारे उत्तराखंड के शहीदों का एक भव्य स्मारक गैरसैंण में स्थापित किया जाय, अगर 3 माह के अंदर सरकार नहीं करती तो उत्तराखंड क्रांति दल जनसहयोग से ईंट गारे पत्थर लेकर खुद ही शहीदी स्मारक का निर्माण शुरू कर देगी।

बाइट महेंद्र सिंह रावत


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