कोटद्वारः शहर में विभिन्न संगठनों की ओर से मुजफ्फरनगर कांड में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजिल दी गई. इस मौके पर राज्य आंदोनकारियों ने गोलीकांड में दोषियों के बरी होने के मामले को सरकार की कमजोर पैरवी करार दिया.
इस मौके पर राज्य आंदोलनकारी नेता महेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड राज्य बनने से पहले जो आंदोलन हुए थे, उसमें मुजफ्फरनगर कांड, देहरादून कांड, कोटद्वार कांड में 2 अक्टूबर 1994 को जो शहीद हुए उनको बुद्धवार को तहसील परिसर में श्रद्धांजलि दी गई.
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उधर, सरकार को चेताया की उत्तराखंड राज्य बनते समय जो भी घटनाएं घटी थी, उनके लिए जो लोग जिम्मेदार थे वह लगातार बरी होते जा रहे हैं, इन 19 सालों में जो भी सरकारें आई किसी ने भी न्यायालय के समक्ष शहीदों के लिए ठोस पैरवी नहीं की गई.
राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि अगर सरकार को उत्तराखंड के शहीदों को न्याय दिलाना है तो न्यायालय के समक्ष उचित पैरवी करें. उन्होंने कहा कि संगठन द्वारा प्रदेश सरकार को 1 सितंबर को अल्टीमेटम दिया गया था कि उत्तराखंड के शहीदों का एक भव्य स्मारक गैरसैंण में स्थापित किया जाय. लेकिन सरकार ने इसे भी गंभीरता से नहीं लिया.