कोटद्वारः केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट (Ajay Bhatt) ने आज बीरोंखाल के दुनाऊ गांव में आयोजित शौर्य दिवस समारोह में शिरकत की. जहां उन्होंने शहीद राइफल मैन जसवंत सिंह रावत (Jashwant Singh Rawat) के जन्म स्थान कांडा तल्ला जाकर श्रद्धांजलि दी. साथ ही शहीद के परिजनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. इस दौरान स्मारिका 'हीरो ऑफ नेफा' का भी विमोचन किया गया. वहीं, उन्होंने शहीद के घर को संग्रहालय बनाने, हेलीपैड निर्माण और मैदान के सौंदर्यीकरण करने की बात भी कही.
केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट ने अपने संबोधन में महावीर चक्र विजेता शहीद जसवंत सिंह रावत (Hero of Nefa Jaswant Singh Rawat) के शौर्य और वीरता को जनता के बीच रखा. उन्होंने कहा कि वीर जसवंत सिंह रावत ने जिले के साथ-साथ उत्तराखंड और देश का नाम रोशन किया है. शहीद जसवंत सिंह के शौर्य एवं पराक्रम को लेकर सरकार देहरादून में उनकी और वीर सैनिकों की स्मृति में सैन्य धाम का निर्माण कर रही है. उन्होंने कहा कि सैन्य धाम में महावीर चक्र विजेता जसवंत सिंह रावत और वीर सैनिक हरभजन सिंह की स्मृति में मंदिरों का निर्माण किया जाएगा.
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अजय भट्ट ने कहा कि पौड़ी जिले के बीरोंखाल क्षेत्र को वीर भूमि के नाम से जाना जाता है. यहां पर वीरांगना तीलू रौतेली से लेकर वीर शहीद जसवंत सिंह जैसे सपूतों ने जन्म लिया है. जिसे आज पौड़ी जिले को उत्तराखंड में ही नहीं पूरे देश के साथ विश्व पटल पर अलग पहचान मिली है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शिता की बदौलत भारतीय सैनिकों को हर प्रकार के आधुनिक हथियार मुहैया कराए जा रहे हैं. जरूरी हथियारों को देश में ही निर्माण किया जा रहा है. जो कि देश के लिए गर्व का विषय है.
वहीं, शहीद जसवंत सिंह रावत स्मृति ट्रस्ट (Jaswant Singh Rawat Memorial Trust) के आयोजकों ने मंत्री अजय भट्ट से कार्यक्रम स्थल के सौंदर्यीकरण और मोटर मार्ग के निर्माण की मांग की. जिस पर उन्होंने आयोजकों से लिखित रूप में अपनी सभी मांगों को रखने को कहा. उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व में बीरोंखाल क्षेत्र के दुनाऊ का समुचित विकास किया जाएगा. साथ ही आने वाले समय में वीर शहीद जसवंत सिंह रावत की स्मृति में आयोजित होने वाले इस समारोह को और अधिक भव्य बनाया जाएगा.
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सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास मंत्री गणेश जोशी (Ganesh Joshi) ने वीर शहीद और महावीर चक्र विजेता शहीद जसवंत सिंह रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही मंत्री अजय भट्ट के साथ शहीद जसवंत के छोटे भाई विजय सिंह रावत, बहु मधु रावत, बहन राजेश्वरी नेगी और रेनु बिष्ट को सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि वीर शहीद जसवंत सिंह रावत आज भी उत्तराखंड के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है. जसवंत सिंह रावत ने साल 1962 के भारत-चीन युद्ध में दुश्मन देश से लोहा लिया था. वो आज भी भारतीय सेना के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है.
संग्रहालय के रूप में विकसित होगा शहीद जसवंत सिंह रावत के पैतृक घरः कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने क्षेत्रीय जनता की मांग पर दुनाऊ में हेलीपैड निर्माण और वीर शहीद जसवंत सिंह रावत के पैतृक घर को संग्रहालय के रूप में विकसित करने की बात कही. साथ ही उन्होंने कार्यक्रम स्थल के मैदान को सौंदर्यीकरण करने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता में पूर्ण किया जाएगा.
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मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि वो खुद भी फौज में रहकर देश की सेवा कर चुके हैं. इसलिए उन्हें सैनिकों के सभी भावनाओं की भली-भांति जानकारी है. प्रदेश सरकार के सही निर्णय के फलस्वरूप यहां के सैनिकों को पूरी सैन्य सुविधाएं दी जा रही है. साथ ही शहीद होने पर परिजनों को सरकारी नौकरी भी दी जा रही है.
बता दें कि जसवंत सिंह रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के रहने वाले थे. उनका जन्म 19 अगस्त, 1941 को ग्राम बाडयू पट्टी खाटली, पौड़ी (गढ़वाल) में हुआ. वो 16 अगस्त, 1960 को चौथी गढ़वाल रायफल लैंसडाउन में भर्ती हुए. हीरो ऑफ नेफा जसवंत सिंह रावत को मरणोपरांत 'महावीर चक्र' प्रदान किया गया. सेना की ओर से उनकी याद में हर साल 17 नवंबर को 'नूरानांग दिवस' मनाकर अमर शहीद को याद किया जाता है.