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लैंसडौन वन प्रभाग में 15 वर्षीय हथिनी की मौत, वन विभाग में मचा हड़कंप

लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज में एक 15 साल की हथिनी का शव बरामद हुआ है. जिसके बाद से वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मौत के कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चल पाएगा.

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हाथी की मौत से वन विभाग में मचा हड़कंप.
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Published : Aug 19, 2020, 7:27 PM IST

कोटद्वार: लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज में एक मादा हाथी की मौत से वन विभाग में मचा हड़कंप हुआ है. मामला कोटद्वार रेंज के सुखरौ बीट का है, जहां पर एक मादा हाथी की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई, मादा हाथी का शव तीन दिन पुराना बताया जा रहा है.

पढ़ें- हरिद्वार: बिल्केश्वर कॉलोनी में घूमा गजराज, मन भर गया तो लौटा जंगल

हाथी के मौत की खबर जंगल में चारा पत्ती लेने गए स्थानीय लोगों के द्वारा कर्मियों को दी गई. जिसके बाद वन कर्मियों ने इसकी सूचना अपने उच्च अधिकारियों को दी. वहीं, वन विभाग के अधिकारियों के बीच हाथी की मौत की खबर से हड़कंप मच हुआ है. वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, मादा हाथी की मौत हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से हुई है, मादा हाथी का शव तीन दिन पुराना बताया जा रहा है.

वहीं, समय रहते बीट कर्मचारी हाईटेंशन लाइन के नीचे उगे पेड़ों की कटिंग कर देते तो शायद यह घटना होने से टल जाती, हाथिनी की उम्र लगभग 15 साल की बतायी जा रही है. वन विभाग और डॉक्टर की टीम मौके पर पहुंच मादा हाथी के शव का पोस्टमार्टम कर रही है. विभाग का कहना है कि मादा हाथी की मौत के कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा. वन विभाग के एसडीओ गिरीश चंद बेलवाल ने बताया कि प्रथम दृष्टा मादा हाथिनी की मौत हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से हुई है.

कोटद्वार: लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज में एक मादा हाथी की मौत से वन विभाग में मचा हड़कंप हुआ है. मामला कोटद्वार रेंज के सुखरौ बीट का है, जहां पर एक मादा हाथी की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई, मादा हाथी का शव तीन दिन पुराना बताया जा रहा है.

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हाथी के मौत की खबर जंगल में चारा पत्ती लेने गए स्थानीय लोगों के द्वारा कर्मियों को दी गई. जिसके बाद वन कर्मियों ने इसकी सूचना अपने उच्च अधिकारियों को दी. वहीं, वन विभाग के अधिकारियों के बीच हाथी की मौत की खबर से हड़कंप मच हुआ है. वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, मादा हाथी की मौत हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से हुई है, मादा हाथी का शव तीन दिन पुराना बताया जा रहा है.

वहीं, समय रहते बीट कर्मचारी हाईटेंशन लाइन के नीचे उगे पेड़ों की कटिंग कर देते तो शायद यह घटना होने से टल जाती, हाथिनी की उम्र लगभग 15 साल की बतायी जा रही है. वन विभाग और डॉक्टर की टीम मौके पर पहुंच मादा हाथी के शव का पोस्टमार्टम कर रही है. विभाग का कहना है कि मादा हाथी की मौत के कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा. वन विभाग के एसडीओ गिरीश चंद बेलवाल ने बताया कि प्रथम दृष्टा मादा हाथिनी की मौत हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से हुई है.

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