पौड़ी: जिले में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 300 से अधिक वादों का निस्तारण किया गया है. अदालतों ने इन लंबित वादों से 1.30 करोड़ का राजस्व भी वसूला है, जबकि प्री-लिटिगेशन के 31 वादों का निस्तारण कर उनसे 19 लाख से अधिक की राशि वसूली है. पौड़ी, श्रीनगर और कोटद्वार में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से लोक अदालतों का आयोजन किया गया है.
वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अकरम अली ने बताया कि विभिन्न लंबित वादों के निस्तारण को लेकर लोक अदालतों का आयोजन किया गया है. जिसमें कोटद्वार, पौड़ी, श्रीनगर और लैंसडोन न्यायालयों में कुल मिलाकर 308 वादों का निस्तारण हुआ है. उन्होंने बताया कि इन वादों से 1 करोड़ 30 लाख 68865 रुपये की धनराशि वसूली गई है.
साथ ही प्री-लिटिगेशन के 31 मामलों का भी निस्तारण किया गया है. इन वादों के निस्तारण से भी न्यायालयों ने 19 लाख 82 हजार 749 रुपये की धनराशि वसूली है. जिसमें क्रिमिनल ओफेंस के 197 मामलों के सापेक्ष 196 का निस्तारण किया गया और 298485 की धनराशि वसूली गई. वहीं एनआई एक्ट के 56 मामलों के सापेक्ष 55 का निस्तारण हुआ. जिससे 1,03,69,145 रुपये की वसूली हुई.
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मनी रिकवरी के 3 मामलों के निस्तारण के बाद 77135 रुपये, एमएक्ट के 3 मामलों से 60 हजार और बिजली व पानी के एक मामले का निस्तारण कर 20 हजार रुपये की वसूली की गई. वहीं, वैवाहिक मामलों के 41 वादों का निस्तारण कर 4,76,350 रुपये, जबकि अन्य लंबित 6 मामलों का निस्तारण कर 15,12,450 रुपये वसूले गए हैं. इसके अलावा एसएससी सूट के एक मामले का निस्तारण कर 2,10,300 और एक उपभोक्ता मामले का निस्तारण कर 45 हजार की धनराशि वसूली गई, जबकि प्री-लिटिगेशन के 31 वादों का निस्तारण कर उनसे 19 लाख से अधिक की राशि प्रा्प्त हुई.
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