कोटद्वार: देवभूमि उत्तराखंड में मौसम ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. मंगलवार को हुई बारिश और तेज हवा लोगों के लिए आफत बनकर आई. कोटद्वार में 2 घंटे हुई बारिश ने जमकर तबाही मचाई. नगर के रिहायशी क्षेत्र के बीचों-बीच से बहने वाले पनियाली गदेरे के उफान पर आने से आम पड़ाव, बिष्ट कॉलोनी, शिवपुर, मानपुर, सूर्य नगर प्रताप नगर और गब्बर सिंह कैंप के आसपास के क्षेत्रों के गदेरे का पानी लोगों के घरों में घुस गया. वहीं घर के सामान को बचाने के चक्कर में 3 लोगों की करंट लगने से मौत हो गई.
गौर हो कि 3 लोगों की करंट की चपेट में आने से मौत से स्थानीय लोग दहशत में हैं. लोगों के घरों में घुसे गदेरे के पानी से लोगों का सारा सामान खराब हो गया है और मलबा आने के कारण लोग रात भर सो नहीं पाए. सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची. करंट लगने से यूको बैंक कर्मचारी, एक नगर निगम कर्मचारी, एक बीईएल कर्मचारी की मौके पर ही मौत हो गई. मृतकों में रंजीत( 28), शगुन( 25), अरुण शामिल हैं. वहीं मृतकों के परिजनों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.
बता दें कि पहली बारिश ने प्रशासन के व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है. प्रशासन ने कोटद्वार में सुखरो और खोह नदी में चैनलाइज के नाम पर खनन तो करवा दिया लेकिन जरूरत वाले नदी नालों पर चैनलाइज का कार्य नहीं करवाया. समय रहते ही अगर प्रशासन रिहायशी क्षेत्रों के बीचों-बीच और आसपास के क्षेत्रों में बह रहे नदी- नालों से अतिक्रमण हटाकर नदी नालों को सही तरीके से चैनलाइज करवा देता तो शायद इस घटना से बचा जा सकता था. लेकिन प्रशासन की लापरवाही लगातार 3 वर्षों से कोटद्वार में नगरवासियों पर भारी पड़ती नजर आ रही है. विगत वर्ष 2017-18 में भी 8 लोग पनियाली गदेरे के उफान पर आने के कारण काल का ग्रास बन चुके हैं. लेकिन प्रशासन ने इस घटना से भी कोई सबक नहीं लिया.