पौड़ीः उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद पुलिस महकमे ने कई अहम फैसले लिए हैं. जिसके तहत राजस्व गांवों को रेगुलर पुलिस को हस्तांतरित किया जा रहा है. इसी कड़ी में पौड़ी जिले के राजस्व क्षेत्रों की कानून व्यवस्था को पुलिस अपने अधीन लेने जा रही है. जिससे राजस्व क्षेत्रों में बढ़ रहे अपराधों पर में कमी लाई जा सके. पुलिस महकमे ने पौड़ी के करीब 148 राजस्व गांवों को अपने अधीन लेने की कार्रवाई पूरी कर ली है.
बता दें कि उत्तराखंड के चौथे सबसे बड़े पौड़ी जिले में सर्वाधिक 15 विकासखंड हैं. जबकि, सर्वाधिक 1,212 राजस्व ग्राम भी हैं. जिनकी कानून व्यवस्था राजस्व पुलिस के पास है. जो कि ब्रिटिश गढ़वाल से मौजूदा समय तक लागू है, लेकिन चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद राजस्व पुलिस की भूमिका और उसकी कार्यप्रणाली खुद सवालों के घेरे में है. इतना ही नही खुद विधानसभा की मौजूदा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भी प्रदेश में राजस्व पुलिस के पुलिस कार्यों पर सवाल खड़े कर चुकी हैं.
वहीं, राजस्व क्षेत्रों में राजस्व पुलिस व्यवस्था होने के कारण अपराधों में तो वृद्धि हो हो रही थी. इसके अलावा राजस्व टीम को अपराधियों को पकड़ने में कई पेचीदगियों का सामना करना पड़ता था. ज्यादातर राजस्व क्षेत्र के मामले में लेटलतीफी के बाद रेगुलर पुलिस को ही हस्तांतरित किए जाते रहे हैं. इस प्रक्रिया के बाद ही अपराधियों की धरपकड़ की कार्रवाई रेगुलर पुलिस की ओर से आगे बढ़ाई जाती है. माना जा रहा है कि अब राजस्व गांव रेगुलर पुलिस के हवाले होने पर कुछ हद तक अपराध में लगाम लगेगी.
यमकेश्वर में थाना तो बीरोंखाल में खुलेगी चौकीः पौड़ी एसएसपी श्वेता चौबे ने बताया कि अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद यमकेश्वर में थाना और बीरोंखाल में चौकी खोलने की तैयारी है. जबकि, बाकी गांवों में हल्का प्रभारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं. ताकि राजस्व क्षेत्र में अपराधों पर रोकथाम समय से की जा सके. एसएसपी श्वेता चौबे ने बताया कि पुलिस थाने, पुलिस चौकी खोलने के साथ ही कई राजस्व क्षेत्र को नजदीकी थानों से जोड़ा जा रहा है. जिससे राजस्व क्षेत्र पुलिस की निगरानी में रहेंगे तो इन क्षेत्रों में अपराधों की संख्या में कमी आएगी.
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