नैनीताल: भले ही उत्तराखंड में राज्य सरकार हर गांव को सड़क से जोड़ने का दावा कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उलट है. क्योंकि आज प्रदेश में कई गांव ऐसे हैं जो सड़क मार्ग से कोसों दूर हैं. जिस वजह से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं ग्रामीण सरकार और जनप्रतिनिधियों के झूठे आश्वासन से तंग आ चुकी है. जिससे उन्हें आदिम युग में जीने को मजबूर होना पड़ रहा है. लेकिन अब ग्रामीणों ने खुद सड़क बनाने की ठान ली है.
बदहाली की मार झेल रहा एक ऐसा ही गांव है नैनीताल जिले के भीमताल में खड़की गांव है, जो आजादी से आज तक सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाया है. इस गांव के लोग कई बार सड़क बनाने के लिए दोनों सरकारों से मांग कर चुके हैं. लेकिन आज तक इन ग्रामीणों के किसी ने नहीं सुनी. जिस वजह से अब खड़की गांव के ग्रामीण लॉकडान के दौरान खुद हाथ में फावड़ा, बेल्चा और सब्बल लेकर सड़क बनाने निकल पड़े हैं .
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ग्रामीणों का कहना है उनके गांव में सड़क न होने की वजह से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार वृद्ध लोगों को पैदल मार्ग से अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही मौत हो जाती है. जिसकी वजह से अब ग्रामीण श्रमदान कर सड़क बनाने में जुटे हुए हैं. ताकि सरकार को आईना दिखाया जा सके. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते आस-पास के होटलों, दुकानों व उद्योगों में काम करने वाले युवा इन दिनों घर वापस लौटे हैं. वहीं कोरोना के चलते सभी लोग घर पर खाली बैठे थे. ऐसे में ग्रामीणों ने अपने गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने का संकल्प लिया जो लगभग पूरा हो चुका है.