हल्द्वानीः उत्तराखंड का शीतकालीन विधानसभा सत्र 2 दिन में खत्म करने को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य (Leader of Opposition Yashpal Arya) ने एक बार फिर धामी सरकार पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती ही नहीं थी कि सत्र ठीक से चले. क्योंकि राज्य की सरकार के पास विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं है. सरकार का रवैया इस समय गैर जिम्मेदाराना है.
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने नियम और कानून व्यवस्था को लेकर भी सरकार को घेरने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि हर घटना को लेकर राज्य की पुलिस लीपापोती में लगी है. सरकार जनहित के मुद्दों को टाल रही है. सरकार की मानसिकता और नियत कैसी है यह इस बात से साफ हो गया है कि विपक्ष और विधायकों के सवालों का जवाब देने में नाकाम सरकार ने सत्र 2 दिन में ही पूरा करवा दिया.
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि विपक्ष के 619 प्रश्न लगे हुए थे, लेकिन सरकार नहीं चाहती थी कि जनता से जुड़े मुद्दे सदन में उठें. यशपाल ने कहा कि प्रदेश में पिछले 8 महीनों में 139 हत्याएं और 554 दुष्कर्म के मामले हुए, ऐसे में उत्तराखंड में बलात्कार की घटनाएं बढ़ी हैं. प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमराई हुई है. ऐसे तमाम मुद्दों से बचने के लिए सरकार ने 5 दिन का सत्र दो दिन के भीतर ही समाप्त कर दिया.
रस्म अदायगी रहा विस सत्रः अल्मोड़ा से कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी ने विधानसभा सत्र को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने निशाना साधते हए कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान सरकार सदन नियमानुसार चलाने में असफल सिद्ध हुई है. उन्होंने कहा कि साल भर में विधानसभा का सत्र 60दिनों से अधिक चलना चाहिए था. आलम यह है कि सालभर में महज 15 -20 दिनों से अधिक सदन नहीं चल पाया है.
उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान विधायक जन मुद्दों को सदन में रखना चाहते हैं, लेकिन वह रख नहीं पा रहे हैं. क्योंकि सदन नियमों के विरुद्ध चल रही है. उन्होंने कहा कि इस बार बजट पर कोई चर्चा नहीं हुई, मुख्यमंत्री के जो विभाग हैं उन पर भी कोई बात नहीं हुई. कुल मिलाकर विधानसभा का यह सत्र सिर्फ रस्मअदायगी बनकर रह गया.