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अष्टादश भुजा महालक्ष्मी की 51,000 दीपों के साथ होगी विशेष पूजा अर्चना

हल्द्वानी स्थित उत्तर भारत के पहले अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर में दीपावली के अवसर पर लोग भारी संख्या में पहुंचते हैं. दीपावली के मौके पर महालक्ष्मी अभिषेक के साथ 51,000 दीपों के साथ विशेष पूजा अर्चना की जाती है.

Ashtadash Bhuja Mahalakshmi haldwani news
अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर में विशेष पूजा.
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Published : Nov 14, 2020, 1:05 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के हल्द्वानी स्थित अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर उत्तर भारत का एकमात्र 18 भुजाओं वाली महालक्ष्मी का मंदिर है जहां लोगों की विशेष आस्था है. धन और सुख समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है. ऐसे में दीपावली में लोग भारी संख्या में अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर पूजा के लिए पहुंचते हैं. महालक्ष्मी की मूर्ति अष्टधातु से बनी हुई है.

Ashtadash Bhuja Mahalakshmi haldwani news
हल्द्वानी का प्रसिद्ध अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर.

दीपावली के मौके पर महालक्ष्मी अभिषेक के साथ 51,000 दीपों के साथ विशेष पूजा अर्चना की जाती है. मंदिर के महामंडलेश्वर सोमेश्वर यति जी महाराज ने बताया कि दीपावली के मौके पर दोपहर बाद महालक्ष्मी जी का विशेष जलाभिषेक किया जाएगा. इसके बाद उनकी 51,000 हजार दीपों के साथ विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी. दीपावली के मौके पर स्थानीय लोगों के साथ-साथ देश-विदेश से लोग यहां पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं.

अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर में विशेष पूजा अर्चना.

यह भी पढ़ें-महालक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम सवा 5 बजे से 9 बजे तक, ऐसे करें पूजन

मंदिर की स्थापना ब्रह्मलीन श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर बालकृष्ण जी महाराज ने वर्ष 2004 में कराई थी. इसका शुभारंभ 2007 में अष्टादश महालक्ष्मी भुजा मंदिर की मूर्ति स्थापना के साथ प्राण प्रतिष्ठा से हुई. उत्तर भारत का यह पहला अष्टादश भुजा मंदिर बताया जाता है. 18 भुजाओं वाली महालक्ष्मी देवी की भव्य मूर्ति अष्टधातु से निर्मित है. भगवती लक्ष्मी के दिव्य वैभव तथा विराट स्वरूप का दर्शन कराने वाला यह भव्य मंदिर समूचे उत्तर भारत में एकमात्र मंदिर है.

हल्द्वानी: उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के हल्द्वानी स्थित अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर उत्तर भारत का एकमात्र 18 भुजाओं वाली महालक्ष्मी का मंदिर है जहां लोगों की विशेष आस्था है. धन और सुख समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है. ऐसे में दीपावली में लोग भारी संख्या में अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर पूजा के लिए पहुंचते हैं. महालक्ष्मी की मूर्ति अष्टधातु से बनी हुई है.

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हल्द्वानी का प्रसिद्ध अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर.

दीपावली के मौके पर महालक्ष्मी अभिषेक के साथ 51,000 दीपों के साथ विशेष पूजा अर्चना की जाती है. मंदिर के महामंडलेश्वर सोमेश्वर यति जी महाराज ने बताया कि दीपावली के मौके पर दोपहर बाद महालक्ष्मी जी का विशेष जलाभिषेक किया जाएगा. इसके बाद उनकी 51,000 हजार दीपों के साथ विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी. दीपावली के मौके पर स्थानीय लोगों के साथ-साथ देश-विदेश से लोग यहां पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं.

अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर में विशेष पूजा अर्चना.

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मंदिर की स्थापना ब्रह्मलीन श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर बालकृष्ण जी महाराज ने वर्ष 2004 में कराई थी. इसका शुभारंभ 2007 में अष्टादश महालक्ष्मी भुजा मंदिर की मूर्ति स्थापना के साथ प्राण प्रतिष्ठा से हुई. उत्तर भारत का यह पहला अष्टादश भुजा मंदिर बताया जाता है. 18 भुजाओं वाली महालक्ष्मी देवी की भव्य मूर्ति अष्टधातु से निर्मित है. भगवती लक्ष्मी के दिव्य वैभव तथा विराट स्वरूप का दर्शन कराने वाला यह भव्य मंदिर समूचे उत्तर भारत में एकमात्र मंदिर है.

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