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विश्व साइकिल दिवस: आम और खास की बेहतरीन सवारी है साइकिल, जानिए फायदे

पूरे विश्व में विश्व साइकिल दिवस मनाया जा रहा है. साइकिल दिवस को मनाने का उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देना और स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करना है.

आम और खास की बेहतरीन सवारी है साइकिल.
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Published : Jun 3, 2019, 1:40 PM IST

हल्द्वानी: आज पूरे विश्व में विश्व साइकिल दिवस मनाया जा रहा है. आम हो या खास हर कोई इसे आवाजाही की बेहतरीन सवारी मानता है. जो पर्यावरण संरक्षण के लिए भी काफी अनुकूल होती है. वहीं समय के साथ इसमें कई बदलाव किए गए, लेकिन इसकी लोकप्रियता आज भी पहले जैसी ही है. साइकिल दिवस को मनाने का उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देना और स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करना है.

आम और खास की बेहतरीन सवारी है साइकिल.

साइकिल का इतिहास
साइकिल का इतिहास कई साल पुराना है. सन् 1418 में चार पहिया की लकड़ी की साइकिल का ईजाद हुआ था, लेकिन 400 साल तक इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. 1813 में ड्रेस नी ने चार पहिये वाली साइकिल को बदलकर उसे दो पहिये वाली साइकिल में तब्दील कर दिया. अविष्कार काफी लोकप्रिय हुआ साइकिल का निर्माण तो कर दिया था लेकिन साइकिल को पैरों से थकेलना पड़ता था, जो काफी थका देने वाला होता था.

ये भी पढ़ें: निर्मल पंचायती अखाड़ा में संपत्ति विवाद और गहराया, महंतों पर लगे गंभीर आरोप, परिसर में पीएसी तैनात

1865 ई. में पेरिस निवासी लालेमेंट ने पैडल युक्त पहिए का आविष्कार किया था. इस यंत्र को वेलॉसिपीड कहते थे. इसकी बढ़ती मांग को देखकर इंग्लैंड, फ्रांस और अमेरिका ने इसमें अनेक महत्वपूर्ण सुधार कर सन् 1872 में एक सुंदर रूप दे दिया. साथ ही इसमें लोहे की पतली पट्टी के तानयुक्त पहिए लगा दिए. इसको खत्म करने के लिए 1839 मैकमिलन नाम के लोहार ने साइकिल में पैडल का निर्माण किया.

डॉक्टरों के अनुसार, एक मनुष्य प्रतिदिन आधे घंटे साइकिल चलाने से स्वस्थ रह सकता है. साइकिल चलाने से उच्च रक्तचाप, हृदय गति, मोटापा जैसी गंभीर बीमारी को कम किया जा सकता है. साथ ही साइकिल चलाने से शरीर के सभी अंगो का संचार होता है, जिससे मांसपेशियों और नसों में मजबूती मिलती है. वहीं, ट्रैफिक के दबाव कम होने के साथ पर्यावरण का संरक्षण भी किया जा सकता है.

हल्द्वानी: आज पूरे विश्व में विश्व साइकिल दिवस मनाया जा रहा है. आम हो या खास हर कोई इसे आवाजाही की बेहतरीन सवारी मानता है. जो पर्यावरण संरक्षण के लिए भी काफी अनुकूल होती है. वहीं समय के साथ इसमें कई बदलाव किए गए, लेकिन इसकी लोकप्रियता आज भी पहले जैसी ही है. साइकिल दिवस को मनाने का उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देना और स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करना है.

आम और खास की बेहतरीन सवारी है साइकिल.

साइकिल का इतिहास
साइकिल का इतिहास कई साल पुराना है. सन् 1418 में चार पहिया की लकड़ी की साइकिल का ईजाद हुआ था, लेकिन 400 साल तक इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. 1813 में ड्रेस नी ने चार पहिये वाली साइकिल को बदलकर उसे दो पहिये वाली साइकिल में तब्दील कर दिया. अविष्कार काफी लोकप्रिय हुआ साइकिल का निर्माण तो कर दिया था लेकिन साइकिल को पैरों से थकेलना पड़ता था, जो काफी थका देने वाला होता था.

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1865 ई. में पेरिस निवासी लालेमेंट ने पैडल युक्त पहिए का आविष्कार किया था. इस यंत्र को वेलॉसिपीड कहते थे. इसकी बढ़ती मांग को देखकर इंग्लैंड, फ्रांस और अमेरिका ने इसमें अनेक महत्वपूर्ण सुधार कर सन् 1872 में एक सुंदर रूप दे दिया. साथ ही इसमें लोहे की पतली पट्टी के तानयुक्त पहिए लगा दिए. इसको खत्म करने के लिए 1839 मैकमिलन नाम के लोहार ने साइकिल में पैडल का निर्माण किया.

डॉक्टरों के अनुसार, एक मनुष्य प्रतिदिन आधे घंटे साइकिल चलाने से स्वस्थ रह सकता है. साइकिल चलाने से उच्च रक्तचाप, हृदय गति, मोटापा जैसी गंभीर बीमारी को कम किया जा सकता है. साथ ही साइकिल चलाने से शरीर के सभी अंगो का संचार होता है, जिससे मांसपेशियों और नसों में मजबूती मिलती है. वहीं, ट्रैफिक के दबाव कम होने के साथ पर्यावरण का संरक्षण भी किया जा सकता है.

Intro:स्लग- विश्व साइकिल दिवस आज साइकिल चलाएं रहें स्वस्थ।
रिपोर्टर- भावनाथ पंडित हल्द्वानी
एंकर आज विश्व साइकिल दिवस है साइकिल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य परिवहन के सामान्य, किफायती परिवहन भरोसेमंद और पर्यावरण अनुकूल वातावरण का बढ़ावा देना और स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करना साइकिल दिवस का मुख्य उद्देश्य है। इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में साइकिल चलाना सेहत के लिए लाभकारी है इसके साथ ही यह पर्यावरण संरक्षण में भी बड़ा योगदान है।


Body:जानिए साइकिल के अनोखे इतिहास के बारे में आज के समय में वाहन की बात की जाए तो एक से बढ़कर एक लाजवाब गाड़ियां उपलब्ध है ।कभी एक समय था कि हर किसी के पास एक साइकिल हुआ करती थी आम लोगों के लिए बढ़िया यात्रा का साधन कोई होता ही नहीं था। आज के समय में इसका वजूद खत्म होता जा रहा है ।अब सड़कों पर कार और बाइक इतनी ज्यादा दिखाई देती है ।साइकिल का तो कोई नाम भी लेने को तैयार नहीं है भले ही साइकिल आज हमारे लिए ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन इसका इतिहास बताता है कि निर्माण में कई लोगों का योगदान रहा । माना जाता है कि कहीं के वाहन बनाने की शुरुआत 1418 में की गई है जो चार पहिया की लकड़ी की साइकिल हुआ करती थी लेकिन 400 सालों तक इस पर कोई ध्यान नहीं दिया 1813 में ड्रेस नी चार पहिए वाली साइकिल को बदलकर उसे दो पहिए वाली साइकिल में तब्दील कर दिया। अविष्कार काफी लोकप्रिय हुआ साइकिल का निर्माण तो कर दिया था पर उनकी साइड में अभी भी बहुत सी कमियां की सबसे बड़ी बात तो यह कि उनकी बनाई हुई साइकिल को पैरों से थकेला पढ़ता था जो थका देने वाला था इसको खत्म करने के लिए 1839 मैकमिलन नाम के लोहार ने साइकिल में पेडल का निर्माण किया और साइकिल पैरों से चलने लगी ।


Conclusion:बदलते दौर में बाजारों में ₹3000 से ₹100000 से अधिक तक साइकिल उपलब्ध है नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से साइकिल में गियर शौकर सहित बाइक लुक की साइकिले भी उपलब्ध है। साथी कम मेहनत पर ज्यादा तेज चलने वाले भी साइकिल बाजार में उपलब्ध है। लेकिन अब इन सब के बीच साइकिल का क्रेज लोगों में धीरे-धीरे खत्म हो रहा है और लोग साइकिल चलाने से परहेज कर रहे हैं क्योंकि इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग कार और बाइक का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं।
डॉक्टरों का मानना है कि अगर एक मनुष्य प्रतिदिन आधे घंटे साइकिल चलाता है तो वह स्वस्थ रह सकता है। डॉक्टरों की मानें तो अगर मनुष्य रोजाना आधा घंटा साइकिल चलाता है तो वह उच्च रक्तचाप हृदय गति, मोटापा को बीमारी को कम कर सकता है इसके अलावा साइकिल चलाने से शरीर के सभी अंगो का संचार होता है जिससे मांस पेशिया और नसों में मजबूती मिलती है। यही नहीं साइकिल चलाने से सड़कों पर ट्रैफिक के दबाव सहित पर्यावरण का संरक्षण भी किया जा सकता है।

बाइट -अजय दीक्षित डॉ आयुर्वेदा
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