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डिपो में भारी मात्रा में लकड़ी डंप, भंडारण बढ़ने से हो रही जगह की कमी - Forest Development Corporation Haldwani

कुमाऊं मंडल के छह लकड़ी डिपो के अंतर्गत करीब 75 हजार घन मीटर से अधिक की लकड़ियां डंप पड़ी है. जिसकी कीमत 250 करोड़ से अधिक की बताई जा रही है.

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लकड़ियां डंप
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Published : Mar 7, 2021, 12:29 PM IST

हल्द्वानी: प्रदेश सरकार को हर साल लकड़ियों के माध्यम से भारी राजस्व की प्राप्ति होती है. लेकिन इस साल लकड़ियों की बिक्री न होने के चलते लगातार वन विकास निगम के डिपो में लकड़ियों का भंडारण बढ़ता जा रहा है. आलम ये है कि डिपो में अब लकड़ी रखने तक की जगह नहीं बची है. ऐसे में वन विकास निगम अब वन विभाग से लकड़ी रखने के लिए भूमि लीज पर लेने जा रहा है.

डिपो में भारी मात्रा में लकड़ी डंप.

बताया जा रहा है कि कुमाऊं मंडल के छह लकड़ी डिपो के अंतर्गत करीब 75 हजार घन मीटर से अधिक की लकड़ियां डंप पड़ी है. जिसकी कीमत 250 करोड़ से अधिक की बताई जा रही है. यहां तक कि डिपो में जगह नहीं होने के चलते जंगल से आने वाली लकड़ियों का कटान भी नहीं हो पा रहा है.


वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक केएन भारती ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में जंगलों से लकड़ी कटान के लिए 622 लौटे एलॉट की गई है. जिसके सापेक्ष में 138 लौटों से लकड़ी का उठान हो चुका है. जबकि 236 लौटों से लकड़ी उठाने का काम चल रहा है. निगम ने 297 लौटों को वन विभाग को वापस कर दिया है. उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में जंगल से 95,000 घन मीटर लकड़ी निकासी का लक्ष्य रखा गया है. जिसके सापेक्ष में 50,000 घन मीटर लकड़ी की कटान हो चुका है. जबकि 38 हजार घन मीटर लकड़ियों की ढुलाई कर डिपो के अंतर्गत भेजी जा चुकी है.

पढ़ें: राजनीतिक अस्थिरता पर हरदा का तंज, कुछ लोग दिल्ली में तो कोई मुंबई में नहा-धोकर तैयार

वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक केएन भारती ने बताया कि इस बार जंगलों में कई प्रजातियों की लकड़ियों के कटान की अनुमति मिली है. पेड़ों की अवधि पूरी हो चुकी है, ऐसे में इस बार जंगलों से भी अधिक मात्रा में लकड़ियां आ रही हैं. जिसके चलते डिपो में लकड़ियों का भंडारण बढ़ता जा रहा है.

हल्द्वानी: प्रदेश सरकार को हर साल लकड़ियों के माध्यम से भारी राजस्व की प्राप्ति होती है. लेकिन इस साल लकड़ियों की बिक्री न होने के चलते लगातार वन विकास निगम के डिपो में लकड़ियों का भंडारण बढ़ता जा रहा है. आलम ये है कि डिपो में अब लकड़ी रखने तक की जगह नहीं बची है. ऐसे में वन विकास निगम अब वन विभाग से लकड़ी रखने के लिए भूमि लीज पर लेने जा रहा है.

डिपो में भारी मात्रा में लकड़ी डंप.

बताया जा रहा है कि कुमाऊं मंडल के छह लकड़ी डिपो के अंतर्गत करीब 75 हजार घन मीटर से अधिक की लकड़ियां डंप पड़ी है. जिसकी कीमत 250 करोड़ से अधिक की बताई जा रही है. यहां तक कि डिपो में जगह नहीं होने के चलते जंगल से आने वाली लकड़ियों का कटान भी नहीं हो पा रहा है.


वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक केएन भारती ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में जंगलों से लकड़ी कटान के लिए 622 लौटे एलॉट की गई है. जिसके सापेक्ष में 138 लौटों से लकड़ी का उठान हो चुका है. जबकि 236 लौटों से लकड़ी उठाने का काम चल रहा है. निगम ने 297 लौटों को वन विभाग को वापस कर दिया है. उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में जंगल से 95,000 घन मीटर लकड़ी निकासी का लक्ष्य रखा गया है. जिसके सापेक्ष में 50,000 घन मीटर लकड़ी की कटान हो चुका है. जबकि 38 हजार घन मीटर लकड़ियों की ढुलाई कर डिपो के अंतर्गत भेजी जा चुकी है.

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वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक केएन भारती ने बताया कि इस बार जंगलों में कई प्रजातियों की लकड़ियों के कटान की अनुमति मिली है. पेड़ों की अवधि पूरी हो चुकी है, ऐसे में इस बार जंगलों से भी अधिक मात्रा में लकड़ियां आ रही हैं. जिसके चलते डिपो में लकड़ियों का भंडारण बढ़ता जा रहा है.

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