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नैनीताल: युवा ले रहे काष्ठ कला की ट्रेनिंग, बचा रहे उत्तराखंड की विरासत

सरोवर नगरी नैनीताल में इन दिनों उत्तराखंड की काष्ठ कला को आगे बढ़ाने के लिए देश भर से आए युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिससे प्रदेश की विरासत को संजोया जा सके, साथ ही युवाओं को भी एक रोजगार का एक नया विकल्प मिल सके.

वा ले रहे काष्ठ कला की ट्रेनिंग
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Published : Oct 29, 2019, 1:17 PM IST

Updated : Oct 29, 2019, 1:53 PM IST

नैनीताल: पूरे देश से लगभग 30 से अधिक छात्र नैनीताल में काष्ठ कला और सांस्कृतिक धरोहरों को जीवंत रखने के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं. जिससे उत्तराखंड के पारंपरिक भवनों की बनावट और काष्ठ कला को बचाते हुए इसे देश-विदेश तक पहुंचाया जा सके.

युवा ले रहे काष्ठ कला की ट्रेनिंग

नैनीताल में पांडुलिपि और उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने वाले अनुपम शाह द्वारा देशभर भर के विश्वविद्यालयों से करीब 30 बच्चों का चयन किया गया था. जिसके बाद उनको नैनीताल में काष्ठ कला को संरक्षित करने और लकड़ी पर नई-नई आकृतियां बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिससे युवा काष्ठ कला के क्षेत्र में अपना करियर बना सकें.

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उत्तराखंड की काष्ठ कला को बचाते युवा.

पढ़ें- नशे में धुत कार सवार युवकों ने कई वाहनों को मारी टक्कर, लोगों ने पकड़कर की धुनाई

गोवा से नैनीताल पहुंची अनन्या बताती हैं कि उनको इस तरह के प्रशिक्षण मिलने से नए रोजगार के आयाम मिलेंगे. साथ ही विलुप्त हो रही सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने का मौका भी मिलेगा. वहीं अनन्या बताती हैं कि नैनीताल पहुंचने के बाद उनको उत्तराखंड की लोक संस्कृति और लोक कला को जानने का भी मौका मिला. इस दौरान उन्होंने इस सांस्कृतिक विरासतों को उत्तराखंड से बाहर पहुंचाने का भी संकल्प लिया है.

नैनीताल: पूरे देश से लगभग 30 से अधिक छात्र नैनीताल में काष्ठ कला और सांस्कृतिक धरोहरों को जीवंत रखने के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं. जिससे उत्तराखंड के पारंपरिक भवनों की बनावट और काष्ठ कला को बचाते हुए इसे देश-विदेश तक पहुंचाया जा सके.

युवा ले रहे काष्ठ कला की ट्रेनिंग

नैनीताल में पांडुलिपि और उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने वाले अनुपम शाह द्वारा देशभर भर के विश्वविद्यालयों से करीब 30 बच्चों का चयन किया गया था. जिसके बाद उनको नैनीताल में काष्ठ कला को संरक्षित करने और लकड़ी पर नई-नई आकृतियां बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिससे युवा काष्ठ कला के क्षेत्र में अपना करियर बना सकें.

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उत्तराखंड की काष्ठ कला को बचाते युवा.

पढ़ें- नशे में धुत कार सवार युवकों ने कई वाहनों को मारी टक्कर, लोगों ने पकड़कर की धुनाई

गोवा से नैनीताल पहुंची अनन्या बताती हैं कि उनको इस तरह के प्रशिक्षण मिलने से नए रोजगार के आयाम मिलेंगे. साथ ही विलुप्त हो रही सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने का मौका भी मिलेगा. वहीं अनन्या बताती हैं कि नैनीताल पहुंचने के बाद उनको उत्तराखंड की लोक संस्कृति और लोक कला को जानने का भी मौका मिला. इस दौरान उन्होंने इस सांस्कृतिक विरासतों को उत्तराखंड से बाहर पहुंचाने का भी संकल्प लिया है.

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उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और धरोहर को बचाने का प्रयास

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सरोवर नगरी नैनीताल में इन दिनों उत्तराखंड की लोक संस्कृतिक विरासतो को बचाने और उन विरासतों को आगे बढ़ाने के लिए देश भर से आए युवाओं को उत्तराखंड के लोग पारंपरिक सांस्कृतिक विरासत से रूबरू कराया जा रहा है और उनको किस तरह से संरक्षित किया जा सकता है उसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है।


Body:नैनीताल में पूरे देश भर के करीब 30 से अधिक छात्र उत्तराखंड के पारंपरिक भवनों की काष्ठ कला और संस्कृतिक धरोहरो को जीवंत रखने के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं ताकि वह भी उत्तराखंड के पारंपरिक इन भवनों की बनावट और कास्ट कला को अपने राज्य और देश समेत विदेशों तक पहुंचा सकें ताकि उत्तराखंड की लोक संस्कृति कला और विरासतो देश विदेश से को रूबरू कराया जा सके।

बाईट- अनुपम साह


Conclusion:नैनीताल मैं पांडुलिपि और उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने वालेअनुपम शाह के द्वारा देशभर भर के विश्वविद्यालयों से करीब 30 बच्चों का चयन किया गया जिसके बाद उनको नैनीताल में काष्ठ कला को संरक्षित करने और लकड़ी पर नई-नई आकृति बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि युवा कास्ट कला के क्षेत्र में भी अपना करियर बना सके और लुप्त हो रही कास्ट कला समेत सांस्कृतिक विरासत और धरोहरों को बचा सकें।
गोवा से नैनीताल पहुंची अनन्या बताती हैं कि उनको इस तरह के प्रशिक्षण मिलने से नए रोजगार के आयाम मिलेंगे साथ ही विलुप्त हो रही सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने का मौका मिलेगा, वही अनन्या बताती हैं कि नैनीताल पहुंचने के बाद उनको उत्तराखंड की लोक संस्कृति और लोक कला को जानने का भी मौका मिला और इस दौरान उन्होंने इस सांस्कृतिक विरासत ओं को उत्तराखंड से बाहर पहुंचाने का भी संकल्प लिया है।

बाईट- अनन्या
Last Updated : Oct 29, 2019, 1:53 PM IST
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