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वनभूलपुरा अतिक्रमण मामला: 'सुप्रीम' सुनवाई से पहले शुरू हुआ दुआओं का दौर

उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाये जाने का मामला(Haldwani Railway Land Encroachment ) सुर्खियों में है. आज इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट(Vanbhulpura encroachment case in Supreme Court) में सुनवाई होनी है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सभी की नजरें टिकी हुई है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले हल्द्वानी में दुआओं का दौर(round of prayers in haldwani) जारी हो गया है.

Banbhoolpura encroachment
बनफूलपुरा अतिक्रमण मामला
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Published : Jan 5, 2023, 12:07 PM IST

Updated : Jan 5, 2023, 12:38 PM IST

बनफूलपुरा अतिक्रमण मामला

हल्द्वानी: चर्चित वनभूलपुरा अतिक्रमण मामले(Banphoolpura encroachment case) में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले आज पूरा क्षेत्र में भारी संख्या में महिलाओं ने सड़कों पर बैठकर दुआएं मांगी. ठंड में बैठकर सैकड़ों संख्या महिलाएं, बच्चे, सड़कों पर बैठकर गफारी मस्जिद के पास अपने आशियाने को बचाने को लेकर दुआ मांग रहे हैं. महिलाओं का कहना है उन्हें सुप्रीम कोर्ट और न्यायालय पर पूरा विश्वास है.

महिलाओं ने कहा वह शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को लेकर ऊपर वाले से दुआ कर रहे हैं. महिलाओं ने कहा आज सुप्रीम कोर्ट में फैसला होना है. जिसके के लिए वे दुआएं मांग रहे हैं.मौलाना अहमद नूरी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का न्याय हमारे पक्ष में होगा. गरीब लोगों की तरफ सुप्रीम कोर्ट को थोड़ा ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा हम लोग सदियों यहां गुजारा कर रहे है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है की सुप्रीम कोर्ट से उनके हक में फैसला आएगा. गौरतलब है की नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के बाद वनभूलपुरा क्षेत्र( Haldwani Railway Land Encroachment) से करीब 78 एकड़ भूमि पर 4365 अतिक्रमणकारियों को हटाने के निर्देश दिए गये हैं. 10 जनवरी से रेलवे जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन अतिक्रमण हटाने के लिए तैयारियां पूरी कर चुका है. आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं.

पढ़ें- क्या हल्द्वानी में टूटेंगे 4 हजार से ज्यादा घर? मिलेगी राहत या आएगी आफत, SC में सुनवाई आज

इलाके के स्कूल, कॉलेज और मंदिर सभी तोड़े जाएंगे: उत्तर-पूर्वी रेलवे की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि सभी अतिक्रमणों को ध्वस्त कर दिया जाएगा और अतिक्रमणकारियों से लागत वसूल की जाएगी. लाउडस्पीकरों से भी बार-बार इसकी घोषणा की गई है. इसके बाद गफूर बस्ती, ढोलक बस्ती, हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास की झुग्गियों में दहशत फैल गई है. रेलवे ने दावा किया है कि उसके पास पुराने नक्शे, 1959 की एक अधिसूचना, 1971 के राजस्व रिकॉर्ड और 2017 के सर्वेक्षण के दस्तावेज हैं, जो जमीन पर रेलवे के मालिकाना हक को साबित करते हैं.

पढ़ें- वनभूलपुरा के लोगों को मिला प्रशांत भूषण का साथ, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका

14 कंपनी फोर्स, 1000 सिपाही होंगे तैनात: हल्द्वानी में रेलवे अतिक्रमण मामले(Haldwani Railway Land Encroachment) को लेकर बन रहे हालातों पर पुलिस प्रशासन भी नजर बनाएं हुए हैं. कुमाऊं डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया अतिक्रमण हटाने के लिए 14 कंपनी सीपीएमएफ सेंट्रल पैरामिलेट्री फोर्स और 5 कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स की डिमांड की गई है. इसके अलावा गढ़वाल मंडल से लगभग 1000 पुलिस के सिपाही और होमगार्ड की भी डिमांड की गई है. फोर्स 8 जनवरी तक हल्द्वानी पहुंच जाएगी. इसके अलावा जिला प्रशासन से जेसीबी, पोकलैंड, ड्रोन कैमरा, वीडियो कैमरा, बैरिकेट्स और अन्य चीजों जिला प्रशासन से मांगी गई हैं. उपद्रव या दंगा भगड़कने की आशंका को देखते हुए लोकल इंटेलिजेंस यूनिट से भी मदद मांगी गई है.

बनफूलपुरा अतिक्रमण मामला

हल्द्वानी: चर्चित वनभूलपुरा अतिक्रमण मामले(Banphoolpura encroachment case) में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले आज पूरा क्षेत्र में भारी संख्या में महिलाओं ने सड़कों पर बैठकर दुआएं मांगी. ठंड में बैठकर सैकड़ों संख्या महिलाएं, बच्चे, सड़कों पर बैठकर गफारी मस्जिद के पास अपने आशियाने को बचाने को लेकर दुआ मांग रहे हैं. महिलाओं का कहना है उन्हें सुप्रीम कोर्ट और न्यायालय पर पूरा विश्वास है.

महिलाओं ने कहा वह शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को लेकर ऊपर वाले से दुआ कर रहे हैं. महिलाओं ने कहा आज सुप्रीम कोर्ट में फैसला होना है. जिसके के लिए वे दुआएं मांग रहे हैं.मौलाना अहमद नूरी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का न्याय हमारे पक्ष में होगा. गरीब लोगों की तरफ सुप्रीम कोर्ट को थोड़ा ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा हम लोग सदियों यहां गुजारा कर रहे है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है की सुप्रीम कोर्ट से उनके हक में फैसला आएगा. गौरतलब है की नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के बाद वनभूलपुरा क्षेत्र( Haldwani Railway Land Encroachment) से करीब 78 एकड़ भूमि पर 4365 अतिक्रमणकारियों को हटाने के निर्देश दिए गये हैं. 10 जनवरी से रेलवे जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन अतिक्रमण हटाने के लिए तैयारियां पूरी कर चुका है. आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं.

पढ़ें- क्या हल्द्वानी में टूटेंगे 4 हजार से ज्यादा घर? मिलेगी राहत या आएगी आफत, SC में सुनवाई आज

इलाके के स्कूल, कॉलेज और मंदिर सभी तोड़े जाएंगे: उत्तर-पूर्वी रेलवे की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि सभी अतिक्रमणों को ध्वस्त कर दिया जाएगा और अतिक्रमणकारियों से लागत वसूल की जाएगी. लाउडस्पीकरों से भी बार-बार इसकी घोषणा की गई है. इसके बाद गफूर बस्ती, ढोलक बस्ती, हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास की झुग्गियों में दहशत फैल गई है. रेलवे ने दावा किया है कि उसके पास पुराने नक्शे, 1959 की एक अधिसूचना, 1971 के राजस्व रिकॉर्ड और 2017 के सर्वेक्षण के दस्तावेज हैं, जो जमीन पर रेलवे के मालिकाना हक को साबित करते हैं.

पढ़ें- वनभूलपुरा के लोगों को मिला प्रशांत भूषण का साथ, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका

14 कंपनी फोर्स, 1000 सिपाही होंगे तैनात: हल्द्वानी में रेलवे अतिक्रमण मामले(Haldwani Railway Land Encroachment) को लेकर बन रहे हालातों पर पुलिस प्रशासन भी नजर बनाएं हुए हैं. कुमाऊं डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया अतिक्रमण हटाने के लिए 14 कंपनी सीपीएमएफ सेंट्रल पैरामिलेट्री फोर्स और 5 कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स की डिमांड की गई है. इसके अलावा गढ़वाल मंडल से लगभग 1000 पुलिस के सिपाही और होमगार्ड की भी डिमांड की गई है. फोर्स 8 जनवरी तक हल्द्वानी पहुंच जाएगी. इसके अलावा जिला प्रशासन से जेसीबी, पोकलैंड, ड्रोन कैमरा, वीडियो कैमरा, बैरिकेट्स और अन्य चीजों जिला प्रशासन से मांगी गई हैं. उपद्रव या दंगा भगड़कने की आशंका को देखते हुए लोकल इंटेलिजेंस यूनिट से भी मदद मांगी गई है.

Last Updated : Jan 5, 2023, 12:38 PM IST
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