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मौसम की बेरुखी के बाद हाथी रौंद रहे खड़ी फसल, किसानों ने की मुआवजे की मांग

कालाढूंगी में लगभग 80 प्रतिशत भूमि कृषि योग्य है, जो अधिकतर वनों से लगी हुई है. जिसके कारण आए दिन जंगली जानवर किसानों की फसल को बर्बाद करते रहते हैं.

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चौपट हुई किसानों की फसलें
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Published : Mar 12, 2020, 1:33 PM IST

कालाढूंगी: क्षेत्र में जहां एक ओर किसान मौसम की मार झेल रहे हैं वहीं दूसरी ओर जंगली जानवर किसानों की फसल को बर्बाद कर रहे हैं. कालाढूंगी में 80 प्रतिशत कृषि भूमि है, जिस पर ज्यादातर किसान आश्रित हैं. वहीं आए दिन जंगली जानवर किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाते रहते हैं. जिससे किसान खासे चिंतित हैं. साथ ही किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाई है.

चौपट हुई किसानों की फसलें

गौर हो कि कालाढूंगी में लगभग 80 प्रतिशत भूमि कृषि योग्य है, जो अधिकतर वनों से लगी हुई है. जिसके कारण आए दिन जंगली जानवर किसानों की फसल को बर्बाद करते रहते हैं. जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जंगली हाथी आधी रात को जंगलों से निकलकर खेतों में आ धमकते हैं और फसलों को चौपट कर देते हैं. ऐसे में ग्रामीणों में इन हाथियों को लेकर डर का माहौल है. वहीं, ग्रामीणों ने इसकी जानकारी ग्राम प्रधान मुकेश चंद्र आर्या को दी.

ये भी पढ़ें: पहाड़ी इलाकों में एक बार फिर मौसम का बदला मिजाज, किसानों की बढ़ी परेशानियां

वहीं, ग्राम प्रधान ने मौके पर पहुंचकर लोगों की समस्या को सुना. इस दौरान किसानों ने बताया कि उन्होंने वन विभाग को काफी पहले मामले से अवगत करा दिया था, लेकिन विभाग ने मामले में अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है. उधर जंगली हाथियों के चलते ग्रामीणों में भय का माहौल है. वहीं, ग्राम प्रधान मुकेश चंद्र आर्या ने वन विभाग और प्रदेश सरकार से पीड़ित किसानों को हुए नुकसान के बदले मुआवजा देने और हाथियों की रोकथाम के लिए जल्द कार्रवाई किए जाने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: कोरोना के कहर से इन महत्वपूर्ण सम्मेलनों को किया गया स्थगित, 25 देशों के राजदूतों को गया था न्यौता

उधर कालाढूंगी के देवलचौड़ गांव के रहने वाले गिरीश भट्ट का कहना है, कि हाल में हुई बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है. जिससे गेंहूं की फसल को खासा नुकसान पहुंचाया है और बाकी फसल जंगली हाथियों ने रौंद दी है. वहीं, उन्होंने शासन-प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.

कालाढूंगी: क्षेत्र में जहां एक ओर किसान मौसम की मार झेल रहे हैं वहीं दूसरी ओर जंगली जानवर किसानों की फसल को बर्बाद कर रहे हैं. कालाढूंगी में 80 प्रतिशत कृषि भूमि है, जिस पर ज्यादातर किसान आश्रित हैं. वहीं आए दिन जंगली जानवर किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाते रहते हैं. जिससे किसान खासे चिंतित हैं. साथ ही किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाई है.

चौपट हुई किसानों की फसलें

गौर हो कि कालाढूंगी में लगभग 80 प्रतिशत भूमि कृषि योग्य है, जो अधिकतर वनों से लगी हुई है. जिसके कारण आए दिन जंगली जानवर किसानों की फसल को बर्बाद करते रहते हैं. जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जंगली हाथी आधी रात को जंगलों से निकलकर खेतों में आ धमकते हैं और फसलों को चौपट कर देते हैं. ऐसे में ग्रामीणों में इन हाथियों को लेकर डर का माहौल है. वहीं, ग्रामीणों ने इसकी जानकारी ग्राम प्रधान मुकेश चंद्र आर्या को दी.

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वहीं, ग्राम प्रधान ने मौके पर पहुंचकर लोगों की समस्या को सुना. इस दौरान किसानों ने बताया कि उन्होंने वन विभाग को काफी पहले मामले से अवगत करा दिया था, लेकिन विभाग ने मामले में अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है. उधर जंगली हाथियों के चलते ग्रामीणों में भय का माहौल है. वहीं, ग्राम प्रधान मुकेश चंद्र आर्या ने वन विभाग और प्रदेश सरकार से पीड़ित किसानों को हुए नुकसान के बदले मुआवजा देने और हाथियों की रोकथाम के लिए जल्द कार्रवाई किए जाने की मांग की है.

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उधर कालाढूंगी के देवलचौड़ गांव के रहने वाले गिरीश भट्ट का कहना है, कि हाल में हुई बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है. जिससे गेंहूं की फसल को खासा नुकसान पहुंचाया है और बाकी फसल जंगली हाथियों ने रौंद दी है. वहीं, उन्होंने शासन-प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.

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