हल्द्वानी: गर्मी का पारा अपने चरम पर है. हल्द्वानी का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है. गर्मी के चलते गौला बैराज का जलस्तर अपने निचले स्तर 80 क्यूसेक पहुंच गया है. ऐसे में पिछले कई महीनों से सिंचाई संकट से जूझ रहे किसानों के साथ-साथ अब पेयजल संकट गहराने लगा है. हल्द्वानी की आधी आबादी की प्यास गौला नदी बुझाती है. लेकिन गौला नदी बैराज का जलस्तर लगातार तेजी से गिर रहा है. ऐसे में अब इंद्रदेव का सहारा बचा है. जल्द बारिश नहीं हुई तो किसानों के फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी.
तराई की लाइफलाइन कही जाने वाली गौला नदी पूरी तरह से सूख चुकी है. बैराज में पानी नहीं होने के चलते किसानों को दिए जाने वाला सिचाई का पानी भी किसानों तक नहीं मिल पा रहा है. किसानों को पिछले कई महीनों से गौला बैराज से पानी भी नहीं मिला है. जिसके चलते गौलापार और हल्द्वानी के कई इलाकों के किसानों के खड़ी फसल सूखने के कगार पर है.
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सिंचाई विभाग को बैराज से सिंचाई के लिए रोजाना करीब 350 क्यूसेक पानी सिंचाई के लिए आवश्यकता है. जबकि हल्द्वानी की आधी आबादी को प्यास बुझाने के लिए जल संस्थान को रोजाना 30 क्यूसेक पानी की जरूरत पड़ती है. बैराज में मात्र 80 क्यूसेक पानी है. ऐसे में कुछ दिनों तक बारिश नहीं हुई तो शहर की पेयजल व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी. फिलहाल अभी भी शहर की पेयजल व्यवस्था चरमराई हुई है.
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मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग चंद्रशेखर सिंह ने बताया अधिक गर्मी पड़ने और बारिश नहीं होने के चलते गोला बैराज का जलस्तर रोजाना 4 से 5 क्यूसेक पानी घट रहा है. वर्तमान में 80 क्यूसेक पानी से केवल शहर की पेयजल विभाग को सप्लाई की जा रही है. सिंचाई के लिए एक बूंद पानी बैराज के पास नहीं है. जब तक बारिश नहीं होती तब तक हालात ऐसे ही रहेंगे. गौला बैराज का जलस्तर लगातार घटना चिंता का विषय बना हुआ है.