रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क के जंगलों में गर्मी के बढ़ते ही वन्यजीवों के लिए पानी की समस्या पैदा हो जाती है. इनदिनों तापमान में हुई वृद्धि की वजह से नदी-नालों के पानी सूख गए हैं, जिस वजह से पानी की तलाश में वन्य जीव रिहायशी इलाकों का रुख करते हैं और वहां उत्पात मचाते हैं. इस साल भी चिलचिलाती गर्मी की वजह से पानी के कई स्त्रोत सूख गए हैं. वन्य जीवों को होने वाली इस परेशानी से निपटने के लिए वन विभाग ने कॉर्बेट नेशनल पार्क में कुल 101 वॉटर होल बनाए हैं.
विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क में कई प्रजाति के वन्यजीव जन्तु पाए जाते हैं. इसे बाघों की राजधानी के रूप में भी जाना जाता है. कॉर्बेट की 6 रेंज ढिकाला, बिजरानी, झिरना, ढेला, दुर्गादेवी और कालागढ़ में बहने वाली कई नदियां और नाले बढ़ती गर्मी की वजह से सूख गए हैं. ऐसे में वन्यजीवों को प्यास बुझाने के लिए कॉर्बेट की सीमा पर बसे गांवों की ओर रुख करना पड़ता है. इस वजह से उनका शिकार भी हो जाता है और मानव वन्य जीव संघर्ष की भी खबरें सामने आती हैं.
इन बातों को ध्यान में रखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने जंगल में वन्यजीवों के लिए वॉटरहोल बनाए हैं. सभी 80 वॉटर होल को पानी से भरने के लिए वॉटर टैंकर, पाइपलाइन या प्राकृतिक पानी के स्रोतों का सहारा लिया गया है ताकि यह वॉटर होल पानी से भरे रहें.
इसके अलावा 21 वॉटर होल जमीन खोदकर कच्चे बनाये गये हैं. इन्हें टैंकरों से भरा जाता है. कॉर्बेट प्रशासन कि मानें तो वन्यजीवों को पानी की कमी न हो इसके लिए हर संभव कोशिश की जाती है. कॉर्बेट नेशनल पार्क में वन्यजीवों को किसी भी सूरत में पानी के लिए भटकना न पड़े इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है.