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बढ़ती गर्मी से सूखे प्राकृतिक जल स्त्रोत, कॉर्बेट नेशनल पार्क ने वन्य जीवों के लिए बनाए 101 वॉटर होल

तपती गर्मी में पानी के लिए वन्यजीवों को दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा. कॉर्बेट नेशनल पार्क ने पानी की समस्या के समाधान के लिए 101 वॉटर होल बनाये हैं.

वन्य जीवों के लिए बनाए 101 वॉटर होल
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Published : Apr 17, 2019, 2:17 PM IST

रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क के जंगलों में गर्मी के बढ़ते ही वन्यजीवों के लिए पानी की समस्या पैदा हो जाती है. इनदिनों तापमान में हुई वृद्धि की वजह से नदी-नालों के पानी सूख गए हैं, जिस वजह से पानी की तलाश में वन्य जीव रिहायशी इलाकों का रुख करते हैं और वहां उत्पात मचाते हैं. इस साल भी चिलचिलाती गर्मी की वजह से पानी के कई स्त्रोत सूख गए हैं. वन्य जीवों को होने वाली इस परेशानी से निपटने के लिए वन विभाग ने कॉर्बेट नेशनल पार्क में कुल 101 वॉटर होल बनाए हैं.

विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क में कई प्रजाति के वन्यजीव जन्तु पाए जाते हैं. इसे बाघों की राजधानी के रूप में भी जाना जाता है. कॉर्बेट की 6 रेंज ढिकाला, बिजरानी, झिरना, ढेला, दुर्गादेवी और कालागढ़ में बहने वाली कई नदियां और नाले बढ़ती गर्मी की वजह से सूख गए हैं. ऐसे में वन्यजीवों को प्यास बुझाने के लिए कॉर्बेट की सीमा पर बसे गांवों की ओर रुख करना पड़ता है. इस वजह से उनका शिकार भी हो जाता है और मानव वन्य जीव संघर्ष की भी खबरें सामने आती हैं.

कॉर्बेट पार्क में बनाये गए वन्य जीवों के लिए वॉटर होल.

इन बातों को ध्यान में रखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने जंगल में वन्यजीवों के लिए वॉटरहोल बनाए हैं. सभी 80 वॉटर होल को पानी से भरने के लिए वॉटर टैंकर, पाइपलाइन या प्राकृतिक पानी के स्रोतों का सहारा लिया गया है ताकि यह वॉटर होल पानी से भरे रहें.

corbett park water hole
वॉटर होल को पानी से भरती विभाग की टीम

इसके अलावा 21 वॉटर होल जमीन खोदकर कच्चे बनाये गये हैं. इन्हें टैंकरों से भरा जाता है. कॉर्बेट प्रशासन कि मानें तो वन्यजीवों को पानी की कमी न हो इसके लिए हर संभव कोशिश की जाती है. कॉर्बेट नेशनल पार्क में वन्यजीवों को किसी भी सूरत में पानी के लिए भटकना न पड़े इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है.

रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क के जंगलों में गर्मी के बढ़ते ही वन्यजीवों के लिए पानी की समस्या पैदा हो जाती है. इनदिनों तापमान में हुई वृद्धि की वजह से नदी-नालों के पानी सूख गए हैं, जिस वजह से पानी की तलाश में वन्य जीव रिहायशी इलाकों का रुख करते हैं और वहां उत्पात मचाते हैं. इस साल भी चिलचिलाती गर्मी की वजह से पानी के कई स्त्रोत सूख गए हैं. वन्य जीवों को होने वाली इस परेशानी से निपटने के लिए वन विभाग ने कॉर्बेट नेशनल पार्क में कुल 101 वॉटर होल बनाए हैं.

विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क में कई प्रजाति के वन्यजीव जन्तु पाए जाते हैं. इसे बाघों की राजधानी के रूप में भी जाना जाता है. कॉर्बेट की 6 रेंज ढिकाला, बिजरानी, झिरना, ढेला, दुर्गादेवी और कालागढ़ में बहने वाली कई नदियां और नाले बढ़ती गर्मी की वजह से सूख गए हैं. ऐसे में वन्यजीवों को प्यास बुझाने के लिए कॉर्बेट की सीमा पर बसे गांवों की ओर रुख करना पड़ता है. इस वजह से उनका शिकार भी हो जाता है और मानव वन्य जीव संघर्ष की भी खबरें सामने आती हैं.

कॉर्बेट पार्क में बनाये गए वन्य जीवों के लिए वॉटर होल.

इन बातों को ध्यान में रखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने जंगल में वन्यजीवों के लिए वॉटरहोल बनाए हैं. सभी 80 वॉटर होल को पानी से भरने के लिए वॉटर टैंकर, पाइपलाइन या प्राकृतिक पानी के स्रोतों का सहारा लिया गया है ताकि यह वॉटर होल पानी से भरे रहें.

corbett park water hole
वॉटर होल को पानी से भरती विभाग की टीम

इसके अलावा 21 वॉटर होल जमीन खोदकर कच्चे बनाये गये हैं. इन्हें टैंकरों से भरा जाता है. कॉर्बेट प्रशासन कि मानें तो वन्यजीवों को पानी की कमी न हो इसके लिए हर संभव कोशिश की जाती है. कॉर्बेट नेशनल पार्क में वन्यजीवों को किसी भी सूरत में पानी के लिए भटकना न पड़े इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है.

Intro:नोट-इस खबर के विजुअल मेल से भेज दिए गये है।कृपया वहाँ से उठा ले।मोजो से विसुअल लेने के लिए जाना पड़ता है इसके लिए कई औपचारिकतायें पूरी करनी पड़ती है जो मुमकिन करनी पड़ती है।इसलिए डेस्क को अवगत करा कर खबर भेजी है।

एंकर- कॉर्बेट नेशनल पार्क के जंगलों में गर्मी के बढ़ने पर वन्यजीवों के लिए समस्या और खतरा दोनों पैदा हो जाते हैं। क्योंकि बढ़ती गर्मी के चलते कॉर्बेट के अंदर बहने वाली नदी नाले एवं स्रोत सूख जाते हैं।जिस कारण वन्यजीवों के सामने पानी की कमी की समस्या हो जाती है। ऐसे में वह अपनी प्यास बुझाने के लिए आबादी की ओर रुख करते हैं।जहां उनके शिकार होने वह मानव वन्यजीव संघर्ष की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।


Body:वीओ- विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क में कई प्रजाति के वन्यजीव जन्तु पाए जाते हैं खासतौर से बाघों की राजधानी के रूप में कॉर्बेट को जाना जाता है कॉर्बेट की 6 रेंज ढिकाला, बिजरानी,झिरना,ढेला,दुर्गादेवी,और कालागढ़ के अंदर कई नदियां और नाले बहते हैं परंतु इनमें से कुछ नदी नाले व प्राकृतिक स्रोत बढ़ती गर्मी से सूख जाते हैं। ऐसे में वन्यजीवों को गर्मी और पानी की प्यास बुझाने के लिए जानवरों के सामने दुश्वारियां आने लगती हैं। और वह अपनी परेशानी से निजात पाने के लिए कॉर्बेट की सीमा पर बसे गांवों की ओर रुख करते हैं।जहां उनके शिकार की संभावनाएं बढ़ जाती हैं,तथा मानव वन्यजीव संघर्ष की भी संभावनाएं बनी रहती हैं।इन हालातों को ध्यान में रखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने कॉर्बेट के जंगल में वन्यजीवों की पानी की कमी को दूर करने के लिए 80 वॉटरहोल बनाए हैं जिसको पानी से भरने के लिए वाटर टैंकर,पाइपलाइन या प्राकृतिक पानी के स्रोतों का सहारा लिया गया है।ताकि यह वाटर हाल पानी से भरे रहें और वन्यजीवों की पानी की प्यास को मिटा सके और वन्यजीव इस झुलसा देने वाली गर्मी से बाख सके। इसके अलावा 21 वाटर हाल ज़मीन खोद कर कच्चे बनाए गए हैं।उन्हें भी टेंकरो से भरा जाता है ।कॉर्बेट प्रशासन कि मानें तो वन्यजीवों के लिए पानी की कमी ना हो इसके लिए हर संभव कोशिश की जाती है।कॉर्बेट नेशनल पार्क में वन्यजीवो को किसी भी सूरत में पानी के लिए भटकना न पड़े इसका पूरा ध्यान रखा जाता है।

बाइट-चन्द्रशेखर जोशी(उपनिदेशक,कॉर्बेट नेशनल पार्क)



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