हल्द्वानी: उत्तराखंड में आगामी चुनाव 2022 होने में अब कुछ ही दिन बचे हुए हैं. ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही जनता को लुभाने का प्रयास कर रहीं हैं, जिससे सत्ता की चाबी उनके हाथ लग सकें. उत्तराखंड में 3 मुख्यमंत्री बदलना बीजेपी के लिए सिरदर्द भी बन सकता है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी की इसी डैमेज कंट्रोल के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत उत्तराखंड पहुंचे हैं.
आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने अपना मुख्यमंत्री को बदला है और आने वाले विधानसभा चुनावों में यह कितना प्रभावी होगा कहना मुश्किल है. जनता बीजेपी से यह सवाल जरूर पूछेगी कि जब बीजेपी में सब कुछ ठीक चल रहा था तो त्रिवेंद्र को क्यों हटाया गया? तीरथ सिंह रावत अगर सब कुछ सही कर सकते थे, तो उन्हें हटाकर पुष्कर सिंह धामी को क्यों लाया गया? ऐसे में बीजेपी संकट में घिरी हुई है. माना जा रहा है कि बीजेपी को इसी संकट से उबारने के लिए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत हल्द्वानी में प्रांत कार्यकारिणी की बैठक ले रहे हैं.
बीजेपी का यह संकट गढ़वाल से ज्यादा कुमाऊं में दिखाई दे रहा है. क्योंकि कांग्रेस ने कुमाऊं से दो प्रभारी अध्यक्ष बनाए हैं. साथ ही कांग्रेस पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा हरीश रावत कुमाऊं से आते हैं. ऐसे में बीजेपी के सामने कुमाऊं का गढ़ बचाना सबसे बड़ी चुनौती है. ऐसे में बीजेपी को इस संकटकाल में आरएसएस एक बार फिर से मुख्य भूमिका निभाएगी. इसके लिए मोहन भागवत 3 दिनों के लिए हल्द्वानी में हैं और संघ के पदाधिकारियों के साथ मैराथन बैठक कर रहे हैं.
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आरएसएस चीफ का तीन दिवसीय कार्यक्रम: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान स्वंयसेवकों को संबोधित करेंगे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सात गतिविधियों में मुख्य रूप से समाज के आचरण में बदलाव, देश का सर्वांगीण विकास करना, पर्यावरण संरक्षण, समरसता, गौसेवा, ग्राम विकास, कुटुंबा प्रबोधन, धर्मजागरण गतिविधि पर चर्चा की जाएगी.
संघ की गतिविधि का उद्देश्य भेदभाव रहित समाज की रचना तैयार करना. विषमता फैलाने वाली घटनाओं को रोकने के लिये प्रयास करना रहेगा. इसके अलावा 10 अक्टूबर को संघ परिवार मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इसके अलावा 11 अक्टूबर को शहर के संघ संचालकों के साथ बैठक करेंगे.
आरएसएस के सहप्रांत प्रचार प्रमुख संजय ने बताया कि आरएसएस चीफ मोहन भागवत अपने तीन दिवसीय हल्द्वानी दौरे पर हैं. मोहन भागवत खुद प्रांतीय पदाधिकारियों और संघ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में चर्चा करेंगे. प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले आरएसएस प्रमुख का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है. इसमें प्रदेश की वर्तमान राजनीति और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हो सकती है.
वरिष्ठ पत्रकार गणेश जोशी के मुताबिक मोहन भागवत के 3 दिवसीय हल्द्वानी प्रवास से प्रदेश बीजेपी को काफी मजबूती मिलेगी. लेकिन यह कार्यक्रम पूरी तरह से गैरराजनीति है. लेकिन आरएसएस के कार्यकर्ता मजबूत होने से इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलता है. उन्होंने कहा कि आरएसएस के कार्यकर्ता जिस भी गतिविधियों पर काम करते हैं, उससे जनता को सीधा लाभ मिलता है.
जानकार भी मानते हैं कि मोहन भागवत का हल्द्वानी में मैराथन बैठक करना कहीं न कहीं इस बात का भी इशारा करता है कि वह यहां धामी सरकार के कामों पर भी चर्चा करेंगे. यह बात किसी से छिपी नहीं है कि संघ और बीजेपी भले ही बयानों में एक साथ ना हो, लेकिन बीजेपी में आने वाले हर नेता संघ की पाठशाला पास करने के बाद ही विधायक या मंत्री या मुख्यमंत्री बनता है.
दीवाली से पहले प्रकाशित होगी आरएसएस की पत्रिका: उन्होंने बताया कि 2025 में आरएसएस की स्थापना का 100 साल पूरे हो रहे हैं. इसके साथ ही हिमालय हुंकार पत्रिका में इस बार दीपावली विषेशांक निकाला जाएगा. जिसका विषय रहेगा 'अच्छे लोग अच्छे काम'. इस पत्रिका में पहाड़ के परंपरिक चीजों को बचाने, ऑर्गेनिक खेती के साथ-साथ समाज में परिवर्तन करने वाले के संबंध में जानकारी प्रकाशित की जाएगी. यह पत्रिका 1 नवंबर को देहरादून से प्रकाशित की जाएगी. इस पत्रिका उत्तराखंड के गांव में करीब 5000 लोगों तक उपलब्ध कराया जाएगा.