रामनगर: बाघिन की मौत के मामले में वन रक्षक के खिलाफ कार्रवाई (Action against forest guard in tigress death case) किए जाने से नाराज ग्रामीणों ने एक मीटिंग के दौरान कालागढ़ डीएफओ का घेराव (villagers surrounded the officers) किया. ग्रामीणों के साथ मरचूला में आयोजित बैठक में ग्रामीणों ने कालागढ़ वन प्रभाग के डीएफओ नीरज शर्मा (Neeraj Sharma DFO Kalagarh Forest Division) को इलाके में वन्यजीवों के आतंक के बारे में बताया. ग्रामीणों ने कहा बाघ के खौफ के कारण उनके बच्चे स्कूल तक नहीं जा पा रहे हैं. जंगली हाथी उनकी फसलों को तबाह कर रहे हैं, लेकिन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. विभाग उल्टा बाघिन पर गोली चलाए जाने वाले वन रक्षक के खिलाफ कार्रवाई कर उसका उत्पीड़न कर रहा है.
बीसीसी सदस्य भीम सिंह नेगी एवं ग्रामीणों ने वन रक्षक धीरज रावत को बैठक में बुलाने की मांग की. साथ ही विभागीय अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चेतावनी दी कि जब तक धीरज को मौके पर नहीं बुलाया जाएगा, तब तक अधिकारियों को यहां से नहीं जाने दिया जाएगा. ग्रामीणों की चेतावनी के बाद वन रक्षक धीरज रावत को मौके पर बुलाया गया. ग्रामीणों ने उसका फूलमालाओं से लादकर गर्मजोशी से स्वागत किया.
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ग्रामीणों और अधिकारियों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि मरचूला क्षेत्र में तीन डिवीजन से घिरा हुआ है. अगले पंद्रह दिन में इन सभी डिवीजनों के अधिकारियों के साथ मिलकर ग्रामीणों की बड़ी बैठक का आयोजन किया जाएगा. जिसमें तय किया जाएगा कि क्षेत्र में जो भी केस हो उस पर तुरंत मुआवजा दिलवाया जा सके. समय-समय पर गांव में सामूहिक बैठक करके जागरूकता के कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी जिसमें लोगों को जागरूक किया जाएगा.
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वन्य जीवों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने के लिए सोलर फेंसिंग लगाए जाएंगे. इसके साथ ही शासन को रिपोर्ट भेजकर जंगली जानवर द्वारा किसी भी व्यक्ति को घायल किए जाने पर उसमे इलाज का सारा खर्च सरकार द्वारा वहन कराया जाने के लिए नीतिगत निर्णय लेने की सिफारिश की जाएगी. साथ ही जो घटना बाघ को गोली लगने की घटी है, उसमें जांच रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्यवाही अमल में लाई जाएगी.