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एक हजार वोटरों के नाम सूची से गायब, हाई कोर्ट ने SDM को किया तलब - चुनाव हल्द्वानी

पंचायत चुनाव में वोटर लिस्ट से 1000 ग्रामीणों का नाम गायब होने के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने एसडीएम को तलब किया है. जबकि, याचिका के अनुसार इन ग्रामीणों ने 2013 के पंचायत चुनाव में वोट दिया गया.

नैनीताल हाई कोर्ट.
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Published : Sep 26, 2019, 8:20 PM IST

हल्द्वानी: गांव के एक हजार लोगों का नाम वोटर लिस्ट से गायब हो चुका है. जिसके बाद अब यह मामला हाई कोर्ट की शरण में जा पहुंचा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की एकल पीठ ने हल्द्वानी के SDM को 30 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं.

एक हजार वोटरों के नाम सूची से गायब.

बता दें कि बागजाला देवल तल्ला गांव निवासी गोपाल राम ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि ग्रामवासियों को पंचायत चुनाव में जारी होने वाली लिस्ट से बाहर कर दिया गया है. जबकि, वह पिछले 62 सालों से लगातार पंचायत चुनाव में वोट देते आए हैं. याचिका में कहा गया कि 2013 के पंचायत चुनाव में भी उनके द्वारा वोट दिया गया. लेकिन वर्तमान में बिना किसी कारण के उनके गांव की वोटर लिस्ट से 1000 से अधिक वोटरों का नाम गायब हैं.

पढे़ं- बिना अनुमति के रिहायशी इलाकों में बिक रहे पटाखे, प्रशासन सो रहा चैन की नींद

याचिकाकर्ता का कहना है कि वोटर लिस्ट से उन लोगों का नाम गायब होने पर उनके द्वारा डीएम नैनीताल और राज्य निर्वाचन आयोग से भी शिकायत की गई थी. जिसका संज्ञान लेते हुए डीएम नैनीताल निर्वाचन आयोग द्वारा ग्रामीणों का नाम लिस्ट में लिखने के आदेश दिए थे. लेकिन एसडीएम द्वारा डीएम नैनीताल और चुनाव आयोग के आदेश का उल्लंखन किया गया.
याचिकाकर्ता का कहना है कि जिस गांव से मतदाताओं के नाम गायब किए गए हैं, उसमें करीब 70% मतदाता अनुसूचित जाति के हैं. आरोप है कि उच्च जाति के उम्मीदवार को फायदा दिलाने के लिए यह सब किया गया.

सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की एकल पीठ ने हल्द्वानी के एसडीएम विवेक राय को 30 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने एसडीएम से पूछा है कि उनके द्वारा डीएम और राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया.

हल्द्वानी: गांव के एक हजार लोगों का नाम वोटर लिस्ट से गायब हो चुका है. जिसके बाद अब यह मामला हाई कोर्ट की शरण में जा पहुंचा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की एकल पीठ ने हल्द्वानी के SDM को 30 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं.

एक हजार वोटरों के नाम सूची से गायब.

बता दें कि बागजाला देवल तल्ला गांव निवासी गोपाल राम ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि ग्रामवासियों को पंचायत चुनाव में जारी होने वाली लिस्ट से बाहर कर दिया गया है. जबकि, वह पिछले 62 सालों से लगातार पंचायत चुनाव में वोट देते आए हैं. याचिका में कहा गया कि 2013 के पंचायत चुनाव में भी उनके द्वारा वोट दिया गया. लेकिन वर्तमान में बिना किसी कारण के उनके गांव की वोटर लिस्ट से 1000 से अधिक वोटरों का नाम गायब हैं.

पढे़ं- बिना अनुमति के रिहायशी इलाकों में बिक रहे पटाखे, प्रशासन सो रहा चैन की नींद

याचिकाकर्ता का कहना है कि वोटर लिस्ट से उन लोगों का नाम गायब होने पर उनके द्वारा डीएम नैनीताल और राज्य निर्वाचन आयोग से भी शिकायत की गई थी. जिसका संज्ञान लेते हुए डीएम नैनीताल निर्वाचन आयोग द्वारा ग्रामीणों का नाम लिस्ट में लिखने के आदेश दिए थे. लेकिन एसडीएम द्वारा डीएम नैनीताल और चुनाव आयोग के आदेश का उल्लंखन किया गया.
याचिकाकर्ता का कहना है कि जिस गांव से मतदाताओं के नाम गायब किए गए हैं, उसमें करीब 70% मतदाता अनुसूचित जाति के हैं. आरोप है कि उच्च जाति के उम्मीदवार को फायदा दिलाने के लिए यह सब किया गया.

सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की एकल पीठ ने हल्द्वानी के एसडीएम विवेक राय को 30 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने एसडीएम से पूछा है कि उनके द्वारा डीएम और राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया.

Intro:Summry

पंचायत चुनाव में वोटर लिस्ट से 1000 ग्रामीणों का नाम गायब होने का मामला पहुंचा नैनीताल हाई कोर्ट।

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हल्द्वानी के बागजाला देवल तल्ला गांव के 1 हजार से अधिक ग्रामीणों का नाम वोटर लिस्ट से गायब होने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है, वोटरों का लिस्ट में नाम नहीं होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की एकल पीठ ने हल्द्वानी के SDM को सोमवार 30 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं।


Body:आपको बता दें कि बागजाला निवासी गोपाल राम व अन्य ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि ग्राम वासियों को पंचायत चुनाव में जारी होने वाली लिस्ट से बाहर कर दिया गया है जबकि वह पिछले 62 सालों से लगातार पंचायत चुनाव में वोट देते आए हैं और 2013 के पंचायत चुनाव में भी उनके द्वारा वोट दिया गया किंतु वर्तमान में बगैर किसी कारण के उनके गांव की वोटर लिस्ट से 1000 से अधिक वोटरों का नाम गायब कर दिया गया,
याचिकाकर्ता का कहना है कि वोटर लिस्ट से उन लोगों का नाम गायब होने पर उनके द्वारा डीएम नैनीताल और राज्य निर्वाचन आयोग से भी शिकायत की गई थी जिसका संज्ञान लेते हुए डीएम नैनीताल निर्वाचन आयोग द्वारा ग्रामीणों का नाम लिस्ट में लिखने के आदेश दिए थे, लेकिन एसडीएम द्वारा डीएम नैनीताल और चुनाव आयोग के आदेश को नही माना।


Conclusion:याचिकाकर्ता का कहना है कि चुनाव आयोग और डीएम नैनीताल के आदेश के अनुक्रम में लिस्ट तैयार तो कराई गई है किंतु हल्द्वानी के एसडीएम विवेक राय जो सहायक निर्वाचन अधिकारी भी हैं उनके द्वारा ग्रामीणों के नाम मतदाता सूची से बाहर कर दिया गया है, साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि जिस गांव से मतदाताओं के नाम गायब किए गए हैं उसमें करीब 70% मतदाता अनुसूचित जाति के हैं जिस वजह से उन लोगों का नाम वोटर लिस्ट से गयाब किया गया है ताकि उच्च जाति के उम्मीदवार को फायदा दिलाया जा सके।
मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की एकल पीठ ने हल्द्वानी के एसडीएम विवेक राय को सोमवार 30 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं साथ ही कोर्ट ने एसडीएम से पूछा है कि उनके द्वारा डीएम और राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया और किस कारण से पूरे गांव को मतदाता सूची से बाहर कर दिया गया है।

बाइट- सीके शर्मा अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
बाइट -यशपाल आर्य याचिकाकर्ता।
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