हल्द्वानी: गांव के एक हजार लोगों का नाम वोटर लिस्ट से गायब हो चुका है. जिसके बाद अब यह मामला हाई कोर्ट की शरण में जा पहुंचा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की एकल पीठ ने हल्द्वानी के SDM को 30 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि बागजाला देवल तल्ला गांव निवासी गोपाल राम ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि ग्रामवासियों को पंचायत चुनाव में जारी होने वाली लिस्ट से बाहर कर दिया गया है. जबकि, वह पिछले 62 सालों से लगातार पंचायत चुनाव में वोट देते आए हैं. याचिका में कहा गया कि 2013 के पंचायत चुनाव में भी उनके द्वारा वोट दिया गया. लेकिन वर्तमान में बिना किसी कारण के उनके गांव की वोटर लिस्ट से 1000 से अधिक वोटरों का नाम गायब हैं.
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याचिकाकर्ता का कहना है कि वोटर लिस्ट से उन लोगों का नाम गायब होने पर उनके द्वारा डीएम नैनीताल और राज्य निर्वाचन आयोग से भी शिकायत की गई थी. जिसका संज्ञान लेते हुए डीएम नैनीताल निर्वाचन आयोग द्वारा ग्रामीणों का नाम लिस्ट में लिखने के आदेश दिए थे. लेकिन एसडीएम द्वारा डीएम नैनीताल और चुनाव आयोग के आदेश का उल्लंखन किया गया.
याचिकाकर्ता का कहना है कि जिस गांव से मतदाताओं के नाम गायब किए गए हैं, उसमें करीब 70% मतदाता अनुसूचित जाति के हैं. आरोप है कि उच्च जाति के उम्मीदवार को फायदा दिलाने के लिए यह सब किया गया.
सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की एकल पीठ ने हल्द्वानी के एसडीएम विवेक राय को 30 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने एसडीएम से पूछा है कि उनके द्वारा डीएम और राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया.