भीमताल: नैनीताल के श्यामखेत में इनदिनों भारी मात्रा में जैविक चाय का उत्पादन किया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. ये खेती उत्तराखंड टी डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा की जा रही है. इस जैविक चाय की अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अच्छी कीमत मिल रही है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है.
यहां हर साल 13 हजार किलो से ज्यादा जैविक चाय का उत्पादन किया जाता है. जो जापान, जर्मनी, कोरिया और ईरान जैसे देशों में निर्यात भी की जाती है. 79 हेक्टेयर में की जा रही जैविक चाय की खेती में किसी तरह के रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं किया जाता, बल्कि स्थानीय लोगों द्वारा तैयार गोबर की खाद का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे ये चाय औषधियुक्त और सेहत के लिए लाभदायक साबित हो.
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साथ ही नैनीताल घूमने आए पर्यटकों के बीच भी जैविक चाय की काफी मांग रहती है, इसको देखते हुए यहां जल्द ही एक जैविक चाय कैफे खोलने की तैयारी की जा रही है. इससे फायदा ये होगा कि पर्यटकों को सैर सपाटे के साथ स्थानीय चाय पीने का भी मौका मिल सकेगा.
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इस चाय का उत्पादन जुलाई, अगस्त और सितंबर महीने में अधिक होता है. चाय बागान में पत्तियों को तोड़ने और सुखाने के साथ पैकिंग का कार्य महिलाएं करती हैं. इस खेती से 250 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है. यही नहीं, ये बागान पर्यटकों को भी अपनी ओर खूब आकर्षित करता है.