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World Mental Health Day: कुमाऊं में बढ़ रहा मानसिक रोगियों की संख्या, महिलाओं की तादाद अधिक - Uttarakhand Health Department

कुमाऊं मंडल में मानसिक रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. सुशीला तिवारी अस्पताल में हर महीने 1500 से 2 हजार मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. जिसमें महिलाओं की संख्या ज्यादा है.

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Published : Oct 10, 2019, 11:40 PM IST

हल्द्वानीः हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन लोगों को मानसिक बीमारी से दूर रहने के लिए जागरुक किया जाता है, लेकिन बदलते दौर में लगातार लोग मानसिक बीमारी के शिकार हो रहे हैं. इसी कड़ी में कुमाऊं मंडल में मानसिक रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. हल्द्वानी के सबसे बड़े अस्पताल सुशीला तिवारी अस्पताल में हर महीने 15 सौ से दो हजार तक मानसिक रोगी पहुंच रहे हैं. जिसमें सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की है.

कुमाऊं मंडल में बढ़ रहे मानसिक रोगियों की संख्या.

सुशीला तिवारी अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ जीएस गोदियाल ने बताया कि भाग दौड़ भरी जिंदगी और बदलते समय के अनुसार लोग डिप्रेशन व तनाव के चलते धीरे-धीरे मानसिक रोग से ग्रसित हो रहे हैं. ऐसे में अब लोगों को इसके प्रति जागरुक होना पड़ेगा और स्वस्थ जीवन जीने के लिए तनाव मुक्त होना पड़ेगा.

ये भी पढ़ेंः World Mental Health Day: पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा संख्या में डिप्रेशन की शिकार

डॉक्टर गोदियाल के मुताबिक, सुशीला तिवारी अस्पताल में हर महीने करीब 15 सौ से 2 हजार मरीज मानसिक रोग से ग्रसित या डिप्रेशन के शिकार इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. जो एक चिंता का विषय है. उन्होंने बताया कि इस समय सबसे ज्यादा डिप्रेशन की शिकार महिलाएं हो रही हैं. क्योंकि, महिलाओं का हार्मोन्स के साथ पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारियां ज्यादा होती हैं. ऐसे में महिला मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है.

ये भी पढ़ेंः NHM ने उत्तराखंड पर लगाया जुर्माना, राज्य को स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगा बड़ा झटका

वहीं, डॉक्टर गोदियाल का कहना है कि नशे करने वाला व्यक्ति भी मानसिक रूप से ग्रस्त हो जाता है. मानसिक रोग की शुरुआती लक्षण चिड़चिड़ापन होना, नींद नहीं आना, बात-बात पर लड़ाई-झगड़ा करना, परिवार में क्लेश पैदा करना, हिंसक व्यवहार करना और पीड़ित का अकेलापन इसका मुख्य लक्षण है. ऐसे में समय रहते मरीज का मानसिक और शारीरिक इलाज किया जाए तो मानसिक रोग के लक्षण से बचा जा सकता है.

हल्द्वानीः हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन लोगों को मानसिक बीमारी से दूर रहने के लिए जागरुक किया जाता है, लेकिन बदलते दौर में लगातार लोग मानसिक बीमारी के शिकार हो रहे हैं. इसी कड़ी में कुमाऊं मंडल में मानसिक रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. हल्द्वानी के सबसे बड़े अस्पताल सुशीला तिवारी अस्पताल में हर महीने 15 सौ से दो हजार तक मानसिक रोगी पहुंच रहे हैं. जिसमें सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की है.

कुमाऊं मंडल में बढ़ रहे मानसिक रोगियों की संख्या.

सुशीला तिवारी अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ जीएस गोदियाल ने बताया कि भाग दौड़ भरी जिंदगी और बदलते समय के अनुसार लोग डिप्रेशन व तनाव के चलते धीरे-धीरे मानसिक रोग से ग्रसित हो रहे हैं. ऐसे में अब लोगों को इसके प्रति जागरुक होना पड़ेगा और स्वस्थ जीवन जीने के लिए तनाव मुक्त होना पड़ेगा.

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डॉक्टर गोदियाल के मुताबिक, सुशीला तिवारी अस्पताल में हर महीने करीब 15 सौ से 2 हजार मरीज मानसिक रोग से ग्रसित या डिप्रेशन के शिकार इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. जो एक चिंता का विषय है. उन्होंने बताया कि इस समय सबसे ज्यादा डिप्रेशन की शिकार महिलाएं हो रही हैं. क्योंकि, महिलाओं का हार्मोन्स के साथ पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारियां ज्यादा होती हैं. ऐसे में महिला मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है.

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वहीं, डॉक्टर गोदियाल का कहना है कि नशे करने वाला व्यक्ति भी मानसिक रूप से ग्रस्त हो जाता है. मानसिक रोग की शुरुआती लक्षण चिड़चिड़ापन होना, नींद नहीं आना, बात-बात पर लड़ाई-झगड़ा करना, परिवार में क्लेश पैदा करना, हिंसक व्यवहार करना और पीड़ित का अकेलापन इसका मुख्य लक्षण है. ऐसे में समय रहते मरीज का मानसिक और शारीरिक इलाज किया जाए तो मानसिक रोग के लक्षण से बचा जा सकता है.

Intro:sammry- विश्व मानसिक दिवस कुमाऊं मंडल में भी मानसिक रोगियों की संख्या में हो रही है वृद्धि सुशीला तिवारी अस्पताल में हर महीने इलाज के लिए पहुंचते हैं 15 सौ से अधिक मरीज, महिलाओं की संख्या है ज्यादा।


एंकर- 10 अक्टूबर को हर साल 20 मानसिक स्वस्थ दिवस के तौर पर मनाया जाता है लोगों को मानसिक बीमारी से दूर रहने के लिए विश्व मानसिक दिवस मनाया जाता है। लेकिन बदलते दौर में लगातार लोग मानसिक बीमारी के शिकार हो रहे हैं। बात कुमाऊं मंडल की सबसे बड़े सुशीला तिवारी अस्पताल की करें तो यहां हर महीने 1500 से 2000 तक मानसिक रोग से ग्रसित लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं। इसमें सबसे ज्यादा महिलाएं शामिल होती है।


Body:सुशीला तिवारी अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ जी एस गोदियाल के मुताबिक भाग दौड़ भरी जिंदगी और बदलते समय के अनुसार लोगों में मानसिक डिप्रेशन के अलावा तनाव के चलते और धीरे-धीरे लोग मानसिक रोग से ग्रस्त हो रहे हैं ऐसे में अब लोगों को इसके प्रति जागरूक होना पड़ेगा और स्वस्थ जीवन जीने के लिए तनाव मुक्त होना पड़ेगा। डॉक्टर गोदियाल के अनुसार सुशीला तिवारी अस्पताल में हर महीने करीब 15 सौ से 2 हजार मरीज मानसिक रोग से ग्रसित या डिप्रेशन के शिकार लोग इलाज के लिए आते हैं और एक चिंता का विषय है।
डॉक्टर गोदियाल के अनुसार सबसे ज्यादा इस समय डिप्रेशन की शिकार महिलाएं हो रही है क्योंकि महिलाओं का हारमोंस के साथ-साथ पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारियां ज्यादा होती है ऐसे में महिलाओं की संख्या में इजाफा हो रहा है।


Conclusion:डॉक्टर गोदियाल का कहना है नशे का आदी व्यक्ति भी मानसिक रूप से ग्रस्त हो जाता है ।मानसिक रोग की शुरुआती लक्षण चिड़चिड़ापन होना ,नींद नहीं आना बात बात पर लड़ाई झगड़ा करना झगड़ा , सहित परिवार में क्लेश पैदा करना, हिंसक व्यवहार करना है और पीड़ित का अकेलापन इसका मुख्य लक्षण है। अगर समय रहते मरीज का मानसिक और शारीरिक इलाज किया जाए तो मानसिक रोग के लक्षण से बचा जा सकता है।

बाइट -जीएस गोदियाल मानसिक रोग विशेषज्ञ सुशीला तिवारी अस्पताल
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