नैनीताल: न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में द्वाराहाट विधायक महेश नेगी यौन उत्पीड़न मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले में सरकार को 26 अक्टूबर तक जवाब पेश करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार से पुलिस जांच का पूरा रिकॉर्ड भी तलब किया है.
सुनवाई के दौरान पीड़िता ने कोर्ट से महेश नेगी की डीएनए जांच कराने की मांग की है. इसके साथ ही पूर्व में दिए गए स्टे ऑर्डर को भी निरस्त करने की मांग की है. पीड़िता ने कोर्ट से कहा कि सरकार जानबूझकर इस मामले को लंबित कर रही है.
याचिकाकर्ता का कहना है कि इस मामले में सरकार ने दो आईओ को बदल दिया है. क्योंकि आरोपी सत्तारूढ़ पार्टी का विधायक है. इसलिए मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए. याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि देहरादून पुलिस इस मामले की जांच करने में पक्षपात वाला रवैया अपना रही है और सही तरीके से जांच भी नहीं कर रही है. जबकि उसके पास विधायक के सभी कारनामों की रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध है.
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जानिए पूरा मामला
6 दिसंबर 2020 को देहरादून की नेहरू कॉलोनी की एक महिला ने विधायक महेश नेगी और उनकी पत्नी के खिलाफ प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि विधायक महेश नेगी ने उनका यौन शोषण किया है. विधायक समेत उनकी पत्नी अब उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. जिसके बाद महिला के प्रार्थना पत्र के आधार पर देहरादून में मुकदमा दर्ज कराया.
हाईकोर्ट पहुंची महिला का कहना था कि विधायक सत्ताधारी पार्टी के हैं. इस वजह से मामले की जांच को प्रभावित किया जा रहा है और सरकार द्वारा दो बार जांच अधिकारी बदल दिए गए हैं. लिहाजा मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए.
वहीं, दूसरी ओर विधायक महेश नेगी ने अपने और पत्नी के ऊपर दायर एफआईआर को रद्द करने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया कि महिला उन्हें जबरन दुष्कर्म के मामले में फंसा रही है. साथ ही महिला पर ब्लैकमेल की आड़ में 5 करोड़ की फिरौती मांगने का आरोप लगाया था.